नकली सीमेंट? अनिल पाटील पर कार्यवाही तो संदीप शिवले को क्यों छोड़ा?
ठाणे पुलिस आयुक्त की कार्यशैली तो देखिए वसुली करनेवाले को सजा और करवाने वाले को दूसरा कलेक्टर रखकर कमाई करने का दिया मौका, जांच कर दोनो पर करिए कार्रवाई!
. सहायक पुलिस आयुक्त शैलेश काले
बता दें कि हिललाइन पुलिस स्टेशन क्षेत्र के उसाटने गांव में राम पाटील नामक व्यक्ति सरकारी, गैरसरकारी सरिया से लदे ट्रेलरों को अपने कंपाउंड में ले जाकर उसमे से पांचसौ से हजार किलो सरिया चालक से संगनमत कर चोरी कर लेता है। और वह सरिया थोड़े कम दाम में खुले बाजार में बेच देता है। इस तरह हर रात लाख दो लाख रुपया कमा लेता है। इस तरह हर महीने पच्चीस से तीस लाख की कमाई से जयेश पादिर को अगर दस लाख रुपये हफ्ते के रुप में दे भी दे तो क्या फर्क पड़ता है। इस तरह नाम तो राम है परंतु काम रावण से भी बदतर है, यह मैं इसलिए कह रहा हूँ कि चोरी से भी गंदा काम मिलावटी सिमेंट बनाना और बेचना है, यह काम भी राम पाटील व जयेश पादिर करता है। एक कलेक्टर अनिल पाटील को ठाणे पुलिस आयुक्त ने सजा के तौर पर ठाणे कंट्रोल में जमा कर दिया, परंतु गुड़ के बाप कोल्हू को छोड़ दिया, अनिल पाटील के साथ ही वरिष्ठ निरीक्षक संदीप शिवले पर भी कार्यवाही करना चाहिए था, क्योंकि वसुली तो उन्ही के लिए करता था। ऐसे निकृष्ट व भ्रष्ट पुलिस अधिकारी और कर्मचारी के भरोसे चल रहा है हिललाइन पुलिस स्टेशन! क्या इस खबर के बाद पुलिस आयुक्त और उपायुक्त, राम पाटील को जेल व हिललाइन के वरिष्ठ निरीक्षक पर कठोर कार्रवाई करेंगे? यह सवाल अब हम ही नहीं आम जनता भी पूछ रही है।
संदीप शिवले
अपटा संवाददाता
अंबरनाथ : ठाणे पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र हिललाइन पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक शिवले के लिए कलेक्शन करने वाला जयेश पादिर राम पाटील की सरिया चोरी और नकली सिमेंट बनाने में पूर्ण, सहयोगी है जिसके बदले में हर महीने लाखों रुपये का हफ्ता लेता है, उसमें से कांट्रेक्ट के समय तय किया रुपया वरिष्ठ निरीक्षक को देकर बाकी का अपने लिए रख लेता है। पादिर करीब आठ वर्षों से यहीं तैनात है, आखिर इसका तबादला क्यों नहीं होता?
जयेश पादिर
बता दें कि हिललाइन पुलिस स्टेशन क्षेत्र के उसाटने गांव में राम पाटील नामक व्यक्ति सरकारी, गैरसरकारी सरिया से लदे ट्रेलरों को अपने कंपाउंड में ले जाकर उसमे से पांचसौ से हजार किलो सरिया चालक से संगनमत कर चोरी कर लेता है। और वह सरिया थोड़े कम दाम में खुले बाजार में बेच देता है। इस तरह हर रात लाख दो लाख रुपया कमा लेता है। इस तरह हर महीने पच्चीस से तीस लाख की कमाई से जयेश पादिर को अगर दस लाख रुपये हफ्ते के रुप में दे भी दे तो क्या फर्क पड़ता है। इस तरह नाम तो राम है परंतु काम रावण से भी बदतर है, यह मैं इसलिए कह रहा हूँ कि चोरी से भी गंदा काम मिलावटी सिमेंट बनाना और बेचना है, यह काम भी राम पाटील व जयेश पादिर करता है। एक कलेक्टर अनिल पाटील को ठाणे पुलिस आयुक्त ने सजा के तौर पर ठाणे कंट्रोल में जमा कर दिया, परंतु गुड़ के बाप कोल्हू को छोड़ दिया, अनिल पाटील के साथ ही वरिष्ठ निरीक्षक संदीप शिवले पर भी कार्यवाही करना चाहिए था, क्योंकि वसुली तो उन्ही के लिए करता था। ऐसे निकृष्ट व भ्रष्ट पुलिस अधिकारी और कर्मचारी के भरोसे चल रहा है हिललाइन पुलिस स्टेशन! क्या इस खबर के बाद पुलिस आयुक्त और उपायुक्त, राम पाटील को जेल व हिललाइन के वरिष्ठ निरीक्षक पर कठोर कार्रवाई करेंगे? यह सवाल अब हम ही नहीं आम जनता भी पूछ रही है।
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