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उल्हासनगर मनपा में कनिष्ठ अभियंता के प्रशासनिक आसन पर लाइसेंसधारी वास्तुविद !!

        उल्हासनगर मनपा में टीपीडी अभियंता की कुर्सी पर वास्तुविद (Architect) 

 उल्हासनगर : उल्हासनगर महानगर पालिका में वर्ष 2014 में, भ्रष्टाचार निरोधक पथक ने नगर नियोजन विभाग के कनिष्ठ अभियंता संजय युवराज पवार को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। वे अपने प्रशासनिक आसन पर लाइसेंस धारी वास्तुविद (Architect) को बैठा कर गुल खिला रहे हैं। उनके खिलाफ राजेश नागदेव ने पत्र लिखकर महाराष्ट्र लोकसेवा व (अनुशासन और अपील) नियम, 1979 के तहत शिकायत दर्ज कर, मामले की त्वरित और निष्पक्ष जांच कर, जल्द से जल्द उचित और दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।

.                                  संजय युवराज पवार. और. अमर जग्यासी 
                   गोल घेरे में संजय युवराज पवार के आसन पर बैठे हुए अमर जग्यासी 

राजेश चुहरमल नागदेव ने उल्हासनगर महापालिका के नगर नियोजन विभाग में बहुत गंभीर प्रकार की लापरवाही हो रही है। जहाँ कनिष्ठ अभियंता संजय युवराज पवार के आसन पर अमर जग्यासी नामक वास्तुविद बैठा रहता है। जिसका आचरण संशयित है और संजय पवार भी अव्वल दर्जे के भ्रष्ट अधिकारी हैं। वर्ष 2014 में, उल्हासनगर महानगरपालिका के नगर नियोजन विभाग के कनिष्ठ अभियंता रहते हुए संजय पवार को भ्रष्टाचार निरोधक विभाग द्वारा रिश्वत लेते 07/03/2014 को रंगे हाथों पकड़ा गया था। संजय पवार के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मामला संख्या, 500013/2015 कल्याण जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायालय में लंबित है। फिर भी संजय पवार अपने उसी पद पर कायम है। यह एक आश्चर्यजनक घटना है। उल्हासनगर मनपा मे सब कुछ चलता है। न्यायालय में पवार की अगली सुनवाई तिथि 20/12/2025 को है। वास्तुविद (Architect) अमर जग्यासी पर भी आरोप लगते रहे हैं, ऐसे में जग्यासी द्वारा भवन के निर्माण के लिए, नक्शा पास कराने के लिए प्रस्तुत सभी दस्तावेजों की गहन जांच करनी चाहिए। ताकि कागजातों मे किया गया हेरफेर उजागर किया जा सके और कनिष्ठ अभियंता पवार का अमर जग्यासी को अपनी कुर्सी देने का राज उजागर हो सके। और प्रशासनिक अधिकारी की चेयर पर एक प्रायव्हेट आर्किटेक्ट के बैठने का औचित्य लोगों की समझ मे आना चाहिए। 
                   आयुक्त/प्रशासक मनिषा अह्वाले 

राजेश नागदेव की मांगे :- ०1. उपरोक्त लापरवाही की तत्काल, गहन एवं निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। 2. कनिष्ठ अभियंता संजय युवराज पवार के विरुद्ध तत्काल अनुशासनात्मक एवं कानूनी कार्रवाई की जाए। 3. इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए कनिष्ठ अभियंता संजय पवार और लाइसेंस प्राप्त आर्किटेक्ट अमर जग्यासी के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की जानी चाहिए। 4. साथ ही, इस तरह के अनधिकृत व्यवहार के कारण लाइसेंस प्राप्त आर्किटेक्ट अमर जग्यासी का लाइसेंस तुरंत रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाय। उक्त लाइसेंसधारी वास्तुकार अमर जग्यासी का एक सरकारी कुर्सी पर बैठे हुए फोटोग्राफ अग्निपर्व टाइम्स को मिला है। ऐसे भ्रष्ट व्यक्ति को वरिष्ठ पद पर पदोन्नत करना सेवा नियमों के विरुद्ध है। अमर जग्यासी, जो एक लाइसेंस-धारी आर्किटेक्ट हैं, उनका संजय पवार की ड्यूटी के दौरान, उनकी सरकारी कुर्सी पर बैठना गंभीर मामला है। मनपा के शहर नियोजन विभाग में एक लाइसेंसधारी आर्किटेक्ट का विभाग के कर्मचारी की कुर्सी पर बैठना बहुत ही गंभीर मामला है। दोनों की मिलीभगत से प्रशासनिक और अनुशासन, कानूनी प्रक्रियाओं और कार्यालय सुरक्षा नियमों का पूर्णतः उल्लंघन किए जाने की संभावना है। ऐसे ही ठेकेदारों की मिलीभगत के चलते मनपा से अनेकों बार, अनेकों फाइलें गायब होती रही हैं। फिर भी मनपा के अधिकारी/कर्मचारी चेतने को तैयार नहीं है। अब देखना होगा कि इस खबर के बाद उल्हासनगर महानगरपालिका आयुक्त और प्रशासक मनिषा अव्हाले क्या कदम उठाती है? या फिर मूकदर्शक बनी रहती है।

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