उल्हासनगर मे अवैथ निर्माणों की बाढ़, मनपा की तिजोरी का रुपया, आयुक्त, प्रभाग अधिकारी, बीट सुपरवाइजर और बीट मुकादम की तिजोरी में जा रहा है, जनता लुट रही है!!
बतादें उल्हासनगर में पहला और अनोखा अवैध निर्माण नहीं है। इससे पहले सैकड़ों इस तरह की अवैध इमारतें बन चुकी हैं और बन भी रही हैं। नवनियुक्त प्रशासक/आयुक्त मनीषा आव्हाळे के पदभार संभालने के बाद उम्मीद जगी थी कि अब उल्हासनगर को अवैध बांधकाम से मुक्ति मिलेगी परंतु मौजूदा आयुक के पद ग्रहण करने के कुछ दिनो बाद ही दुगुनी गति से अवैध निर्माण शुरू हो गया। जैसे अवैध निर्माणकर्ता आयुक्त की मनोदशा जानना चाहते हों कि भ्रष्टाचारी हैं या नहीं। अब जब अवैध निर्माण दुगुनी गति से शुरु हो गया है तो आप समझ ही गये होंगे की आयुक्त कैसी हैं। यही कारण है कि प्रभाग समिती 1 कार्यालय के मुकादम व प्रभाग अधिकारी कैलास साबळे के मूक समर्थन से उपरोक्त पते पर अवैध R C C बांधकाम जारी है। जब अन्य टियर गाटर अवैध निर्माणों पर तोड़क कारवाई नहीं हुई तो इस पर भी होना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। सुप्रीम कोर्ट कह रहा हैं अवैध बांधकाम बर्दाश्त नहीं है, पर अवैध कमाई के चलते कमाई के लिए यह भ्रष्टाचारी सुप्रीम कोर्ट की भी परवाह नहीं करते और क्यों करें जब भ्रष्टाचारियों को सजा मिलती ही नहीं बल्कि प्रमोशन मिल जाता है। अब भ्रष्टाचारियों को भगवान ही कोई सजा दे, वर्ना संविधान और कानून ने तो इनको सर पर बैठा रखा है।
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