पुलिस उपायुक्त सचिन गोरे
उल्हासनगर : शहाड स्टेशन पूर्व में नाले के किनारे बसी, राजीव गांधी नगर नामक अवैध झोपड़पट्टी है। जहाँ दशहरे की रात, विसर्जन कर लौटी युवतियों से कुछ नशेड़ियों ने किया छेड़छाड़, पुलिस ने संगठित मुस्लिमों व मनसे के दबाव में पिड़ितों पर ही दर्ज किया, १९९,३(५) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया और नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा ३५(६) के तहत पिड़ितों को ताकिद दिया।
बतादें कोनार्क रेसिडेंसी के बगल में एक रास्ता 'ए' ब्लाक रोड से जुड़ता है, और रास्ते पर मुड़ते ही नाले पर बनी एक पुलिया है। इस पुलिया पर शाम होते ही कुछ नशाखोर लुच्चों का जमावड़ा हो जाता है। कुछ नशेड़ी वहीं गांजा, शराब पीते हैं तो कुछ नशे की गोलियाँ खाकर बैठे रहते हैं, और राह चलती महिलाओं पर फब्तियां ही नहीं कसते उनके हाथ पकड़ने से भी नहीं हिचकिचाते, गरीब तबके की महिलायें यह जिल्लत सह जाती हैं किसी से नहीं कहती। ऐसी ही घटना दशहरे की रात माता का विसर्जन कर लौटी कुछ युवतियों के साथ हुई। उस दिन युवतियों के उस झूंड में महिला शिवसैनिक पूनम यादव के पड़ोस की कुछ युवतियों के साथ ही उनकी पुत्री व पुनम यादव भी थी। उनसे यह सब बर्दास्त नहीं हुआ उन्होने उन मनचलों को गालियाँ देकर भगाया और पुलिस स्टेशन जाकर मामला दर्ज कराया। पुलिस ने पिड़ितों की ओर से नामजद मामला दर्ज कर लिया और उन नशेड़ी मनचलो में से तीन को गिरफ्तार कर कोर्ट में हाजिर किया और फरार को ढूंढने की कार्रवाई शुरू कर दिया।
छेड़छाड़ के इस मसले में ज्यादातर मुस्लिम युवकों पर आरोप लगा है। पिड़ित महिलायें हिन्दू हैं जो विसर्जन से लौट रही थी। मुस्लिम युवकों को बचाने और पिड़ितों पर क्रास केस कर आरोपियों को बचाने व मुकदमा हल्का करने के लिए, पुलिस की चहेती हिना के नेतृत्व मुस्लिम लोग जमा हुए और स्थानीय पुलिस व उपायुक्त पर दबाव बनाया और पुलिस ने पिड़ित पुनम यादव व सोनी के खिलाफ १९९,३(५) के तहत मुकदमा दर्ज इस कूकृत्य में उनका साथ मनसे के पदाधिकारी मैनुद्दीन शेख व संजू घूघे ने दिया। और इन लोगों के दबाव में पुलिस पिड़ितों को न्याय दिलाने में प्रयासरत पुनम यादव और सोनी पर एफआईआर दर्ज कर लिया है। वैसे भी मुस्लिम बिरादरी बम धमाका करने वाले आतंकवादियों का कभी विरोध नहीं करती तो यह तो सिर्फ छेड़छाड़ और लव जेहाद का मामला है!
आश्चर्य की बात यह है कि एक हिन्दूवादी सरकार में पुलिस ने मुस्लिम तुष्टीकरण करते हुए पिड़ितों पर दूसरे दिन मुकदमा दर्ज कर लिया। जबकि उत्तर प्रदेश में छेड़छाड़ पर आप्रेशन लंगड़ा चलाया जा रहा है, बुलडोज़र से उनके अवैध मकान ढहा दिया जाता है। जबकि दबाव तंत्र में दबकर महाराष्ट्र की पुलिस पिड़ितों पर ही मुकदमा दर्ज कर लिया। क्या ऐसी पुलिस पिड़ितों को न्याय दिला पायेगी? यह एक गूढ़ सवाल बनकर जनता के बीच गूंज रहा है, न्याय पाने के लिए क्या हिंदूओं को भी एकजुट होकर पुलिस स्टेशन और उपायुक्त कार्यालय का घेराव करना पड़ेगा, यह सवाल अब पुलिस के इस दुष्कृत्य ने छोड़ दिया है। यहाँ यह बताया जाना बेहद जरूरी है कि हिना पहले भी कई लोगों पर झूंठे मुकदमे दर्ज करवा चुकी है। तीन नंबर फर्नीचर बाजार मे एक दुकान में देशी कट्टा रखवाकर ब्यापारी को गिरफ्तार करवाया था। ऐसा भी लोग बताते हैं। हिना अक्सर उल्हासनगर पुलिस स्टेशन और डीसीपी कार्यालय के इर्द-गिर्द मंडराती रहती है। ऐसा प्रत्यक्ष देखा जा सकता है।
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