ताजा ख़बर

6/recent/ticker-posts

कई टियुटर आयडी से शिकायत, वाटसाप चैटिंग बार्गेनिंग, स्कैनर पर लिया खंडनी, पुलिस नींद में।

उल्हासनगर में मिस्टर इंडिया, टियुटर पर कई आयडी, पुलिस को 112 पर टियुट कर अवैध धंधे बंद कराने की सिफारिश कर, शिकायत के बदले, चैटिंग द्वारा मांगता है रुपये !! 
उल्हासनगर : उल्हासनगर शहर में अवैध धंधों की भरमार है, यही कारण है कि लाल ने टियुटर पर अपनी कई आय डी बनाकर, उन अलग अलग खातों से पुलिस के 112 पर टियुट कर, पुलिस को अवैध धंधे पर भेजता है। पुलिस उस बतायी हुई जगह पर बार बार पहुंचती है, इससे परेशान होकर, टियुटर द्वारा मिले नंबर पर फोन करने पर टियुट करने वाला फोन पर बात करने की बजाय अलग अलग वाटसाप नंबर पर चैटिंग करने को कहता है और चैटिंग से वह रुपये मांगता है, और सौदा तय होने पर स्कैनर भेज कर आन लाइन हजार दो हजार रुपये लेता है और फिर महिना बीत जाने पर फोन चैटिंग से रुपये लेता है।
   बता दें कि इस लाल ने सरिता पाटिल, घनश्याम मूलचंदानी, किशोर पाटिल, दिनेश शेलके, रवी शेलके, अश्विनी शर्मा, मोहम्मद नफीस जैसे नंबरों से संपर्क में आता है परंतु बातें नहीं करता सिर्फ चैटिंग करता है, उपरोक्त नमों के लोगों ने कभी किसीने देखा नहीं सिर्फ स्कैनर पर हजार दो हजार भेजा है। उन सभी स्कैनर्स की तस्वीर, टियुटर के कुछ चैट और चैटिंग के कुछ अंश अग्निपर्व टाइम्स के पास मौजूद हैं। जिसमें नंबर भेज कर आमंत्रित कर चैटिंग किया गया है और सौदेबाजी कर रुपये मांगे गये हैं। परंतु उपरोक्त नाम का आदमी "मिस्टर इंडिया" बना हुआ है। स्कैनर का खाता नूर ट्रवेल्स के नाम है। और जिन नंबरों से रुपये मांगे गये, लिए गये या फिर चैटिंग की गई वह इस प्रकार हैं, 7028945839, 8380884655, 7666429489, 8766647867 पुलिस से अनुरोध है कि उपरोक्त टियुटर से शिकायत आने पर उससे जरुर मिले और और मिस्टर इंडिया की तस्वीर हमें शेयर करे उपरोक्त नंबरों से खंडनी मांगी जा रही है पता लगाये नंबर किसके हैं? वैसे पुलिस को भी शिकायतकर्ता की पहचान करनी चाहिए, परंतु उसका नंबर और पहचान अपने तक ही सीमित रखनी चाहिए। शिकायतकर्ता का क्रमांक, जिसकी शिकायत की गई है उसको देने की बजाय खुद जांच कर अगर कुछ गलत हो रहा है तो बंद कराना चाहिए। अगर बेमतलब परेशान किया जा रहा है तो बार बार शिकायत करने वाले पर, पुलिस का समय बर्बाद करने और झूंठी शिकायत करने के आरोप मे मुकदमा दर्ज करना चाहिए, परंतु पुलिस ऐसा क्यों नहीं करती यह तो पुलिस ही जाने! अग्निपर्व को जो खबर मिली वह जनता और पुलिस तक पहुंचाने का माध्यम बना, आगे जांच के बाद फिर मिलेंगे तब तक लिए, विदा दिजिए, पूरी खबर पढने के लिए धन्यवाद! 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ