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कैलाश मेंद पुलिस अधिकारियों के रुपये चलाता है ब्याज पर, लाखों देकर जबरन करोड़ों वसूलता है!!

 साहुकार से ब्याज पर रुपये लेना पड़ा भारी पचास गुना लौटाने के बाद भी कर्ज बरकरार !! 

       कैलाश बाबुराव मेंद 

नाशिक : साहूकार का जाल कितना खतरनाक होता है? इसका अहसास हाल ही में संगमनेर के एक कर्जदार को हुआ है। हुआ ऐसा कि संगमनेर के एक व्यापारी ने नासिक रोड के साहूकार से साहूकारी ब्याज दर, दो प्रतिशत की दर पर आठ लाख रुपए कर्ज लिया था, लेकिन समय पर न चुका पाने के कारण साहूकार ने चक्रवृद्धि ब्याज बढ़ाकर करीब एक करोड़ 25 लाख से अधिक की राशि वसूल ली। लेकिन, सूदखोर रुका नहीं, उसने कर्जदार के दो कार भी छीन लिए। बावजूद इसके साहूकार के जब मन मे आता था उधारकर्ता के घर हथियार से लैस अपने गुर्गों के साथ पहुंच जाता था, मारपीट कर और रुपये मांगता था। परिवार को जान से मारने व अपहरण करने की धमकी देता था। देशमुख के बच्चों का स्कूल कालेज जाना दूभर हो गया था। आहत देशमुख नेताओं, पुलिस स्टेशन पर दस्तक दे रहा था। परंतु देशमुख परिवार की मदद को कोई खड़ा नहीं हुआ। अंतोगत्वा उनको मानवाधिकार संस्था की समाजसेविका अक्षता उत्तेकर से मिलने की सलाह मिली। देशमुख परिवार उनसे मिला। अक्षता ने पुलिस के आला अधिकारियों को पत्र दिया और खुद जाकर मिली उसके बाद संगमनेर तालुका पुलिस में शिकायत दर्ज हुई। शिकायत दर्ज होते ही Dy. SP देवीदास धुमाले भोर के चार बजे नशे में धुत, सादी वर्दी मे करीब आधा किलो सोने के आभुषण से लदे हुए पुलिस स्टेशन आ पहुंचे और शिकायतकर्ता महिला को डराने लगे, ऐसे शब्दों का भी प्रयोग किया जो महिलाओं के सामने वर्जित है। साहब ने तुरंत मुख्य आरोपी कैलाश बाबूराव मेंद को फोन कर अग्रिम जमानत लेने की सलाह भी दे डाली, गुनाहगारों के इतने शुभचिंतक हैं धुमाले। मामले में दो प्यादे रविन्द्र अशोक सोलसे (उम्र 31, निवासी जयभवानी रोड, नासिक रोड) और भीमचंद्र उर्फ भीम रमेश शिरसाठ (उम्र 38, निवासी भीमनगर, नासिक रोड) को नासिक से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया परंतु मुख्य आरोपी कैलाश मेंद फरार है अब सवाल यह कि वह गिरफ्त में आ नहीं रहा है या पुलिस पकड़ना ही नहीं चाहती। मेंद पर मकोका के तहत कार्रवाई होनी चाहिए और पिस्टल भी जब्त होना चाहिए। 
मामले की विस्तृत जानकारी : 

मालदाड रहवासी प्रवीण विलास देशमुख ने अपनी कंपनी के लिए कैलास बाबूराव मेंद (हरि विहार
नारायण बापुनगर, जेल रोड, नासिकरोड) से दो प्रतिशत ब्याज दर पर 8 लाख रुपये उधार लिये थे। चूंकि उक्त राशि के ब्याज और मूलधन का निर्धारित अवधि के भीतर भुगतान नहीं कर पाये, इसलिए आरोपी ने धोखाधड़ी कर मूलधन पर चक्रवृद्धि ब्याज के रूप में लगभग 1 करोड़ 25 लाख 97 हजार 500 रुपये की राशि ब्याज के रुप में वसूल ली। फिर भी मेंद यहीं नहीं रुका उसका जी नहीं भरा उसने देशमुख की दो कारें (नं. एमएच. 17, सीएक्स.८४६०) और (एमएच. 17, सीबी. 8055) बलपूर्वक रहते घर से उठा ले गये। इसके बाद भी आरोपी मेंद नहीं रुका और 21 लाख बाकी है यह रुपये कब दोगे? के तकादे को लेकर देशमुख के घर जाकर मारपीट करने लगे, हथियार दिखा कर धमकाने लगे, परेशान कर जान से मार देने के साथ ही रिश्तेदारों सहित सभी को घर से उठा ले जाने की धमकी दे रहा था। इस तरह प्रवीण देशमुख व पत्नी ज्योति देशमुख को अनर्गल ब्याज के लिए मानसिक व शारीरिक पीड़ा देने की शिकायत ज्योति प्रवीण देशमुख ने संगमनेर तालुका पुलिस मे दर्ज कराया है। पुलिस ने विभिन्न गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। आगे की जांच पुलिस उपनिरीक्षक एस एस सातपूते कर रहे हैं, जो जांच कम डर ज्यादा रहे हैं। 
      लूटी गयीं कारें 

मनबढ़ कैलाश बाबुराव मेंद :

कैलाश मेंद की धर्म पत्नी पुलिस कांस्टेबल हैं इसलिए मेंद का पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तक आना जाना मिलना जुलना है। यही कारण है कि पुलिस वालों के काले पैसे को मेंद ब्याज पर चलाता है। यह तो जगजाहिर है कि पुलिस विभाग में जितना काला धन है उतना शायद ही किसी विभाग के पास होगा? सूत्र बताते हैं कि मेंद पुलिस अधिकारियों के काले धन को ब्याज पर चलाता है। और धुमाले का नाम भी मेंद की उस लिस्ट में शामिल है। यही कारण है कि कोई पुलिस वाला मेंद की शिकायत नहीं लिखता और उसकी गुंडागर्दी दिन दूना रात चौगुना बढ़ती जा रही है। मेंद की कमर पर हर वक्त दो पिस्टल लगी रहती है। यहाँ आश्चर्य की बात यह है कि ऐसे हिस्ट्रीशीटर को पिस्टल का लाइसेंस कैसे और क्यो दिया गया है? मेंद के मोबाइल को अगर खंगाला जाय और किस किससे उसकी बात होती है काॅल डिटेल्स निकाला जाय तो सारा किस्सा उजागर हो जायेगा। परंतु यह कार्य सीबीआई, एनआईए या फिर ईडी जैसी संस्था से कराया जाना चाहिए। पुलिस की जांच पुलिस ही करे तो यह एक बेहूदा मजाक ही है और कुछ भी नहीं है। अब देखना होगा हमारे मुख्यमंत्री और गृहमंत्री देवेन्द्र फडणविस की आंखे खुलती हैं या फिर वे सोये रहते हैं! महाराष्ट्र में पुलिस का स्तर बहुत गिर गया है, जिसको संभालने की आवश्यकता है।  क्रमशः

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