पप्पू कालानी के भाजपा पदार्पण के बाद क्या भाजपा मंडल अध्यक्ष, पदाधिकारी और पूराने नेता देंगे पार्टी से त्यागपत्र?
उल्हासनगर : उल्हासनगर के कुख्यात माफिया डान व पूर्व विधायक पप्पू कालानी को अब भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिलाए जाने की कवायद जोरों पर, उल्हासनगर के भले के लिए कुख्यात गुंडे, सजायाफ्ता और उल्हासनगर में भ्रष्टाचार के जन्मदाता, जो अब अपने चरम पर है, ऐसे पप्पू कालानी को भाजपा में प्रवेश कराने की कवायद जोरों पर! जिस कालानी ने जितनी बार चुनाव लड़ा, उतनी बार अलग अलग चिन्ह रहे। अभी हाल ही में उमनपा मे भाजपा को हासिये पर ला दिया था। उसके बल पर उल्हासनगर मनपा चुनाव लड़ने के लिए तैयार है भाजपा। पप्पू कालानी को 14/65 यानी चलने फिरने में असक्त,साबित कर उम्रकैद की सजा से बरी कराया गया था। और उस पर रिव्यू पिटिशन भाजपा सरकार ने हाईकोर्ट में डाल रखा है। उस कलानी को भाजपा मे लाकर भारतीय जनता पार्टी क्या साबित करना चाहती है?
उल्हासनगर के पूर्व विधायक, पप्पू कालानी ने 1990 में मतदान की संध्या पर ही घनश्याम बठिजा का कत्ल कर दिया तथा मुख्य गवाह रहे सगे भाई इंदर बठिजा को भी एक महीने के भीतर ही मौत के घाट उतरवा दिया था। इंदर बठिजा मुकदमे में पप्पू कालानी को उम्रकैद की सजा लगी, जबतक जीवित हैं जेल में रहेंगे और लाश ही बाहर आयेगी, ऐसा आदेश न्यायालय ने दिया था। आप कहेंगे सजा न्यायालय ने दिया तो पप्पू बाहर कैसे घूम रहा है। तो इसकी एकमात्र जिम्मेदार है कांग्रेस, शिवसेना व राष्ट्रवादी की वसूली सरकार, सरकार ने हष्ट-पुष्ट व्यक्ति को अशक्त का झूंठा सर्टिफिकेट देकर छोड़ दिया। जिस नियम के तहत छोड़ा वह निम्नलिखित है, महाराष्ट्र शासन निर्णय क्रमांक एमआयएस ४५०५/५/५२९ पीआरएस-३ दि.१०.०१.२००६ जेल नियम संशोधन नियम, शासन अधिसूचना संख्या जेएलएम 1013/1 सीआर 115/13/पीआरएस-2/ दिनांक 01.12.2015 अनुसार 03.09.2021 को नासिक रोड सेंट्रल जेल में आयोजित 14/65 समिति निर्णय प्रस्तुत कैदी संख्या सी/12562 पप्पू उर्फ सुरेश बुधरमल कालानी विट्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन सी.आर क्र. 89/1990 धारा 120बी, सह 302 भा.द.वि. सेशन केस नं. 218 /199 में उच्च सत्र न्यायाधीश कल्याण द्वारा दिनांक 03.12.2013 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। सजा काटने के लिए कैदी को 12.09.2020 को यरवदा सेंट्रल जेल में दाखिल किया गया था। नियम 14/65 के तहत 03.09.2021 को नासिक रोड सेंट्रल जेल में कैदियों की रिहाई के लिए बनी समिति के समक्ष पेसी पर, उक्त समिति ने कैदी पप्पू उर्फ सुरेश बुधरमल कालानी को चलने फिरने में अशक्त साबित किया। और कहा कैदी शौंच के लिए नहीं जा पाता है। बिस्तर गंदा कर देता है। ऐसा कहकर समिति ने सर्वसम्मत निर्णय लिया और उम्र 65 से अधिक होने का भी एक कारण बताकर कैदी क्रमांक सी/12562 पप्पू उर्फ सुरेश बुधरमल कालानी को नियम 14/65 के तहत रिहा कर दिया गया। समय बदला और सत्ता बदली और भाजपा एकनाथ शिंदे की सरकार बनी और समित के उस फैसले के विरोध में सरकार उच्च न्यायालय में गयी और अब ऐसे व्यक्ति को भाजपा में शामिल किया जा रहा है।
वैसे उल्हासनगर जो सिंधी बाहुल्य इलाका है, यहाँ के लोगों को गुंडों से ज्यादा प्रेम रहा है शायद यह सोचकर भाजपा नेतृत्व ने पप्पू कालानी और उनकी गुंडा टीम टीओके को भाजपा में शामिल करने का मन बनाया है। परंतु क्या उल्हासनगर के सभी नेताओं को गुंडागर्दी पसंद है यह एक गूढ़ सवाल है। कहीं ऐसा न हो कि पप्पू टीम के आने के बाद भाजपा के अपने निष्ठावान कार्यकर्ता भाजपा को राम राम कह दें। पप्पू और उनके सुपुत्र का कोई सिद्धांत तो है नहीं उन्हें पद, पैसा और संरक्षण चाहिए जब तक मिलेगा तब तक रहेंगे और बाद में जो अब तक करते आये वही करेंगे। खैर यह सब भाजपा को सोचना है हमें क्या? हमको तो यह पता चल गया है कि राजनीति के हमाम में सब नंगे हैं। जनता से किसी को कुछ लेना देना नहीं है। अब आगे देखते रहिए पप्पू कालानी भाजपा में शामिल होकर शहर का भला करते हैं या फिर मुख्यमंत्री का संरक्षण पाकर शहर में गुंडाराज कायम करते हैं और मंगलवार, शुक्रवार को फिर दोहराते हैं।
0 टिप्पणियाँ