वरिष्ठों और सरकार ने न्याय नहीं दिया तो मामला कुदरत को अपने हाथ में लेना पड़ा।
दिवंगत डीसीपी डा. सुधाकर पाठारे
मुंबई : मुंबई में पुलिस उपायुक्त पद पर तैनात, तत्कालीन उल्हासनगर जोन 4, ठाणे उपायुक्त पद पर तैनात रहे आईपीएस सुधाकर पठारे की कार दुर्घटना में मौत। जब वह तेलंगाना के श्रीशैलम से नागरकुरलुन जा रहे थे, उस समय कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई और उनकी मौके पर ही मौत हो गई है।
जिस कार में सुधाकर पठारे यात्रा कर रहे थे उसकी एक ट्रक से टक्कर हो गई, परिणामस्वरूप यह दुर्घटना हुई, पठारे 2011 बैच के IPS अधिकारी थे। सुधाकर पठारे की दुर्घटना से महाराष्ट्र पुलिस बल से एक भ्रष्ट अधिकारी कम हो गया। पठारे वर्तमान में मुंबई पुलिस में पोर्ट जोन के डीसीपी के पद पर कार्यरत थे। प्रशासन मे होने के कारण कमाने का मौका नहीं मिल रहा था यही कारण है कि सुधाकर पठारे प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद गए थे ताकि जल्द से जल्द तबादला कराया जा सके, परं कुदरत इनके अत्याचार से त्रस्त हो गई थी फलस्वरूप अस्पताल जाने का भी मौका नहीं दिया।
अपको जानकर हैरानी होगी कि जून महीने में एक ड्रग डिलिंग का खुलासा करने और दबाव के बाद भी समझौता न करने पर सुधाकर पाठारे ने अग्निपर्व टाइम्स संपादक कमलेश विद्रोही को अकारण ही रिवाल्वर दिखाने वाले का साथी बताकर झूंठे मामले में फंसाकर परेशान किया था, जिसको एक वर्ष पूर्ण होने वाला है। ऐसे ही न जाने कितने परिवारों की हाय लेने वाले पाठारे की अकाल मृत्यु हो गई। उनके साथ उनका साला भी था वह भी मृत्यु मुखी हो गया। दोनो जन ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए जा रहे थे। सुधाकर पाठारे उल्हासनगर जोन 4 में कार्यरत रहते हुए लोगों के पैसों का गबन किया, सुपारी ली, गरीब आम लोगों, निर्दोषों को अन्यायपूर्ण तरीकों से दबाया फंसाया और परेशान किया। हफ्ता न देने वालों को व्यापार करने की अनुमति नहीं दी, जिसके भुक्तभोगी केवल विकमानी हैं। भ्रष्ट डीसीपी पाठारे के अन्याय, अत्याचार का फल उन्हें अकाल मौत के रुप में मिला। इसलिए कहा जाता है "दुर्बल को न सताइए, जाकी मोटी हाय। मुई खाल की स्वाँस सो, सार भसम है जाय" लोगों को मेरे इस लेख से बौखलाहट होगी, कहेंगे की मौत के पश्चात यह शोभा नहीं देता। परंतु इस लेख से शायद कुछ भ्रष्ट लोगों की आंखें खुल सके और भ्रष्टाचार में कुछ कमी आये इसलिए मैने यह लिखना जरूरी समझा। परिवार पर तो दुखों का पहाड़ टूटा ही है, भगवान उनको यह दुख सहने की क्षमता प्रदान करे और सदबुद्धि दे ताकि वे समझ सकें की उन्होंने अगर समय रहते अन्याय करने से रोका होता तो शायद आज उन्हें यह दिन न देखना पड़ता। अंत में परमात्मा दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करे व परिजनों को इस असीम दुख से उबरने मे मदद करे। ॐ शान्ति ॐ शान्ति ॐशान्ती...
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