उल्हासनगर: ठाणे आयुक्तालय उल्हासनगर पुलिस स्टेशन अपराध निरीक्षक चंद्रहास गोडसे ने एक लाख की रिश्वत लेकर अपराधिक मामले को असंज्ञेय अपराध में बदला, गोडसे अपनी ऊंची पहुंच और भ्रष्टाचार के दम पर एक ही पुलिस थाने में करीब पांच वर्ष से कार्यरत, चुनाव में भी नहीं हुआ तबादला ऐसा आरोप विजय सावंत ने अपने पत्र में लगाया है।
वर्दी में चंद्रहास गोडसे
बतादें सम्राट हर्षवर्धन नगर रहवासी आदेश भागवत पाटिल,संजय भागवत पाटिल,चंदू आदेश पाटिल यश संजयपाटिल, शिब्बू आदेशपाटिल, जयश्री आदेशपाटिल, प्रिया संजयपाटिल इन सभी पर विजय बारकू सावंत ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे कार्तिक विजय सावंत, उम्र 9 वर्ष और पत्नी को बिना कारण बेरहमी से पीटा, और धमकी दी अगर तुम दलित लोग पाताल बस्ती में आये तो हम तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे। उनकी पत्नी मामले की शिकायत दर्ज कराने थाने गई तो सिर्फ एनसी दर्ज की गई इससे हतप्रभ विजय ने ठाणे पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि अपराध शाखा निरीक्षक चन्द्रहार गोडसे ने(लाख) 1,00,000/- लेकर मामले को दबाकर असंज्ञेय अपराध बना दिया है।
वैसे अपराधिक मामलो के निरीक्षक चंद्रहास गोडसे के भ्रष्टाचार के चर्चे पूरे उल्हासनगर में है। हर शाम इनके केबिन में शहर के दो नंबरियों का जमावड़ा रहता है। यही कारण है कि लगभग पांच वर्ष से उल्हासनगर पुलिस स्टेशन सुशोभित कर रहे हैं। चुनाव में सबका तबादला हुआ परंतु क्या मजाल है कि गोडसे के तबादले के बारे में कोई सोच भी ले!कहते हैं गोडसे के हाथ इतने लंबे हैं कि वे पुलिस स्टेशन इंचार्ज को भी तव्वजो नहीं देते और दें भी क्यों? अवैध कमाई का रुपया पुलिस आयुक्तालय व मंत्री तक पहुंचाने का दावा जो करते हैं। सावंत दिन रात थाने में डटा रहता है फिर भी उसकी एक न चली। मारपीट और एट्रासिटि के मामले को असंज्ञेय अपराध में बदल दिया गया। जब पुलिस के मुखबिर का यह हाल है तो आम लोगों की क्या दशा होगी आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं।
अगले अंक में बीस प्रतिशत से अधिक ब्याज लेने वाले शिंदे शिवसेना के उपशहर प्रमुख ने रुपयों की लालसा में भाई को भड़काकर भाई के दुकान का ताला तुड़वाया और उल्हासनगर पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया।
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