कुछ भ्रष्टाचारी ठेकेदारों, राजनीतिक लोगों और दलालों की पहली पसंद बने जमीर लेंगरेकर!
पूर्व अतिरिक्त आयुक्त और अब आयुक्त की रेस में जमीर लेंगरेकर
उल्हासनगर: उल्हासनगर महापालिका में अक्सर अव्वल दर्जे के भ्रष्ट आयुक्त को नियुक्त किया जाता है। अब शायद उस पद के लिए वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी जमीर लेंगरेकर का नाम प्रमुखता से उभरकर सामने आ रहा है। घरपट्टी विभाग में प्रमुख रहते हुए बहुत उत्कृष्ट घोटाले किये जिसकी जांच में लिपापोती हो गयी। प्रशासनिक क्षमता दिखाते हुए शहर को अवैध टियरगाटर से पाट दिया। सैकड़ों अवैध इमारतें जिनके प्लान पास भी हुए उनमें तमाम वायलेशन, कार्यशैली की पारदर्शिता और विकास तो ऐसा की सड़कों के निर्माण के तीन चार महीने में ही फिर से खोद दिया जाता है। अवैध निर्माणों और घोटालों के प्रति प्रतिबद्धता ऐसी कि न केवल भ्रष्ट राजनीतिक नेतृत्व पसंद करते हैं बल्कि भ्रष्टाचारी ठेकेदारों और दलालों की पहली पसंद बना दिया है जमीर लेंगरेकर को।जमीर लेंगरेकर भ्रष्ट ही नहीं कठोर जातीयवादी व्यक्ति हैं। भ्रष्टाचारी नेताओं व ठेकेदारों की लूट की चुनौतियों का सफलतापूर्वक समाधान करने के साथ ही, कौन-सी योजनाओं से उनका भ्रष्टाचार फले-फूलेगा ऐसी योजनाओं को दक्षता पूर्ण तरीके से लागू करने में महारत हासिल है ऐसा माना जाता है। उनकी दूरदर्शिता और प्रभावी नीतियों का भुक्तभोगी पूरा उल्हासनगर है यह और बात है की सरकार और भ्रष्ट नेता वह भ्रष्टाचार देखना नहीं चाहते। शहर के सभी भ्रष्ट लोग और भ्रष्ट सामाजिक संगठनों और राजनीतिक नेताओं ने जमीर लेंगरेकर को आयुक्त पद पर नियुक्त करने की मांग की है। क्या सरकार के पास इनकी गुणवत्ता की जांच के लिए कोई साधन मौजूद है जिससे जमीर लेंगरेकर की पूरी ईमानदारी से जांच किया जा सके? कयी वर्षो से वे उल्हासनगर में ही तैनात हैं।
उल्हासनगर की लगभग सभी खुदी हुई सड़कें, उड़ती हुई धूल और ट्राफिक जाम में फंसे वाहन सवार, जिसमें सबसे ज्यादा दुख उठाते दो पहिया वाहन चालकों में उल्हासनगर मनपा के सभी अधिकारी चर्चा के केंद्र बने हुए है। मनपा सार्वजनिक बांधकाम विभाग के सभी अभियंताओं के साथ जमीर लेंगरेकर को भारत रत्न दिये जाने की आवश्यकता है। भारत नहीं तो महाराष्ट्र सरकार, महाराष्ट्र रत्न तो दे ही सकती है! क्योंकि जिन अधिकारीयों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था, उन सभीको पदोन्नति तो दी ही जा चुकी है। इसलिए नागरिकों का विश्वास महाराष्ट्र सरकार के प्रति और कायम हुआ है!
उल्हासनगर में आम जनता की चिंता कौन करता है? आयुक्त पद पर अंतिम निर्णय तो सरकार का ही होगा, हम तो सिर्फ अपना विचार ही रख सकते हैं, उसपर गौर करना या न करना सरकार के हाथ में है। जमीर लेंगरेकर कई वर्षों से उल्हासनगर मनपा में तैनात हैं और हालात बद से बद्तर है और होते जा रहे है। अब देखना होगा कि आगे का फैसला कैसे लिया जाता है, जांच के बगैर या फिर जांच के बाद। लेकिन मौजूदा परिदृश्य में जमीर लेंगरेकर से ज्यादा भ्रष्टाचारी और धूर्त मिलना मुश्किल है।
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