ताजा ख़बर

6/recent/ticker-posts

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संजय जाधव ने शिकायतकर्ता का एनकाउंटर करने की दी धमकी!!

 अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संजय जाधव ने शिकायतकर्ता को दी एनकाउंटर की धमकी ! 

अंबरनाथ: ठाणे परिमंडल चार के शिवाजी नगर पुलिस थाने में कार्यरत सुहास पाटिल व कैलास पारधी नामक पुलिसकर्मी ने केवल विकमानी नामक व्यक्ति द्वारा हफ्ता न दिये जाने पर उसके साथ किया मारपीट और कान पकड़ उठक बैठक करने पर मजबूर किया।  

.                                        संजय जाधव 

बतादें केवल विकमानी नामक व्यक्ति अंबरनाथ शिवाजी नगर पुलिस थाना अंतर्गत टर्फ का संचालन करते थे। टर्फ रातको चलता है इसलिए पुलिस को हर महीने खर्ची (हफ्ता) देते थे। पहले जो हफ्ता लेता था उस पुलिसवाले का तबादला हो गया और नवनियुक्त को मिलने वाला हफ्ता कम लग रहा था। नवनियुक्त कलेक्टर सुहास पाटिल के कहे अनुसार हफ्ता देने में केवल ने असमर्थता दिखाई तब वे रात्री के डेढ़ बजे टर्फ पर अपने साथियों के साथ पहुंचे और टर्फ में खड़े वाहनों की हवा निकाल दिया, केवल के साथ हाथापाई कर उनको कान पकड़ कर उठने बैठने पर मजबूर किया। केवल ने पाटिल के खिलाफ डेढ़ वर्ष पहले शिकायत दर्ज करायी, परंतु डेढ़ साल बीत जाने के बाद आज तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, चुनाव शुरू हो गया। बार बार शिकायत कर रहे केवल ने ठाणे पुलिस आयुक्त और चुनाव आयोग को फिर से शिकायत कर दिया और निरंतर अनुसरण पर ध्यान दिया गया। शिकायत की उचित जांच के आदेश अनुसार, केवल विकमानी को 06/11/2024 को सुबह 11.30 बजे डीसीपी जोन -4 उल्हासनगर में उपस्थित होने के लिए एक नोटिस भेजा गया तदनुसार वे समय पर वहां पहुंच गये। उसके बाद उनका लिखित उत्तर दर्ज किया गया, उन्होंने उत्तर की एक प्रति मांगी, लेकिन उन्हें प्रति नहीं दी गई, उन्हें कुछ घंटों तक बैठाया गया। उसके बाद उन्हें डीसीपी कार्यालय में बुलाया गया, जहाँ अतिरिक्त आयुक्त संजय जाधव बैठे थे। उन्होंने शिकायत के बारे में पूछा तो पूरा मामला उनके समक्ष रखा गया, उन्हें सबूत दिखाए गये और अन्याय का स्वरूप समझाया गया, साबित किया गया। इस पर अतिरिक्त आयुक्त पूर्वी संभाग ने कहा "अगर तुम पीछे नहीं हटोगे तो मैं तुम्हें देख लूंगा, मैं तुम्हारा कार्यक्रम कर दूंगा, बदलापुर जैसा फर्जी एनकाउंटर करवा दूंगा और किसीके बाप को भी पता नहीं चलेगा, मैं किसी के बाप व सरकार से नहीं डरता। सब मेरी जेब में हैं"। आगे धमकाते हुए कहा कि तुम्हारा जीना मुश्किल हो जाएगा। इस तरह उन्होंने पाटिल और अन्य पुलिसवालों के खिलाफ दायर शिकायतें और मुकदमे वापस लेने के लिए दबाव बनाया और अंत में कहा, "तुम नहीं जानते कि हम पुलिस अधिकारी हैं, हमारी बात न मानने वालों के परिवार वाले उनकी लाश भी नहीं ढूंढ पाते।'' इस तरह जान से मारने की धमकी देते हुए कहा ''चल निकल यहाँ से।'' इस तरह से एक वरिष्ठ अधिकारी फरियादी को थाने में बुलाकर धमकी देकर केस वापस लेने के लिए कहता है यह आश्चर्य का विषय है। आम लोग कहां जायें? यह एक बड़ा प्रश्न है। महाराष्ट्र सरकार को ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की गहन जांच कर इन्हें पुलिस विभाग से बर्खास्त कर देना चाहिए। शिकायत की एक प्रति अग्निपर्व टाइम्स के पास है। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री और गृहमंत्री जनता की सुनते हैं या भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों पर मेहरबान रहते हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ