उल्हासनगर : उल्हासनगर विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे प्रचार के चरम पर जा रहा है, कार्यकर्ताओं की खरीद फरोख्त का शिल-शिला भी बढ़ रहा है।
उल्हासनगर भाजपा अध्यक्ष का कार्यभार प्रदीप रामचंदानी ने संभाला, उन्होंने अपनी पूरी कार्यकारिणी में आयातित लोगों को तरजीह दिया और पुराने भाजपाइयों को घर बैठा दिया। आज वही आयातित लोग भाजपा की नइया डूबोने पर आमादा हैं। उत्तर भारतीय अध्यक्ष संजय गुप्ता ने तो वंचित बहुजन आघाड़ी के टिकट पर चुनावी ताल ठोक दिया है। कुछ लोग भाजपा के पदाधिकारी होकर भीतरघात कर रहे हैं, तो वहीं चंद सिक्कों की लालच में ऐन चुनाव के वक्त ओमी कालानी का दामन थाम कर महौल खराब कर रहे हैं। ऐसे मौकापरस्तों को न पहचान पाना और भाजपा के कट्टर कार्यकताओं के न होने से कुमार आयलानी के टक्कर में आ गये ओमी कालानी। वर्ना महापौर रहते ओमी कालानी और विधायक रहते पप्पू कालानी ने अवैध निर्माणों से 20 रुपये फुट वसूलने के सिवा गुंडागर्दी को ही बढ़ावा दिया है और शहर के लिये किया ही क्या है? आज भी एक रुपये किराये पर लिए गये दो विद्यालयों को हड़प रखा है। उसका मुकदमा भी न्यायलय में हार चुके हैं। फिर भी न खाली कर रहे हैं और न ही मनपा का करोड़ों रुपये का बकाया टैक्स भर रहे हैं। ए ब्लाक रोड स्थित श. दुनिचंद कालेज महानगर पालिका की प्रापर्टी है। पहला कैंप 1 में तो दूसरा कैंप 5 में है। स्व.ज्योति कालानी जब विधायिका बनी तो उन्होंने कोणार्क रेसीडेंसी और रिजेंशी एंटिलिया का मुद्दा विधानसभा में उठाया पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई? कोणार्क रेसीडेंसी का मुद्दा विधानसभा में उठा और उसी में ओमी के खासमखास मनोज लासी रहने चले गये, कैसे? और क्यों? फ्लैट मुद्दा उठाने के बदले मिला है? कालानियों ने उल्हासनगर को और यहाँ की जनता को दूध देती गाय समझकर निचोड़ा है और चारा भी नहीं दिया। उल्हासनगर से पलायन हो रहा है, धर्म परिवर्तन हो रहा है। क्या इसको विकास कहते हैं?
ओमी पप्पू कालानी
कुमार आयलानी के पक्ष में सभी मुद्दों के होने के बावजूद वो जीत के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो इसका एकमात्र कारण संगठन और उनके इर्द गिर्द घूमते लोग जो लालच भरी निगाहों से कुमार आयलानी की जेब ही देख रहे हैं। वर्ना मतदान को पांच दिन और प्रचार के लिए मात्र तीन दिन बचा है और भाजपा के कुछ पदाधिकारी ओमी टीम सामिल हो रहे हैं। कुछ लोग भाजपा कार्यालय में बैठकर इसकी उसकी शिकायत कर रहे हैं। और शहर में अपना माहौल बनाने में नाकाम नजर आ रहे हैं। प्रदेश ने ऐन मौके पर प्रदेश स्तर के कयी नेताओं को उल्हासनगर 141 में उतार दिया है वे रात रात की वोटरों और रूठे लोगों को मना रहे परंतु उनको भी स्थानीय लोग सहयोग नहीं कर रहे हैं। फिर भी वह लोग जिस भी छोटे कार्यकर्ता को पाते हैं साथ लेकर जुटे हैं। भाजपा का उम्मीदवार मिलनसार साथ ही लाडली बहना योजना में मिला रुपया और उसके साथ गर्माया हिन्दुत्व का मुद्दा। दुर्गा पूजा और गणेश विसर्जन पर बीते दिनों हुई पत्थरबाजी जिसके विरोध में सिर्फ भाजपा खड़ी दिखाई दी, इन सभी मुद्दों को उल्हासनगर की स्थानीय भाजपा लोगों तक पहुंचाकर भुनाने में नाकाम नजर आ रही है। उल्हासनगर में तो जनता भाजपा के पक्ष में है। पर शहर में भाजपा के पक्ष में चुनावी महौल बना पाने में स्थानीय संगठन और उम्मीदवार कुमार आयलानी फेल नजर आ रहे हैं। इस तरह सभी बातें कुमार आयलानी के पक्ष में होते हुए भी अगर कुमार आयलानी चुनाव हार जाते हैं तो प्रदेश भाजपा को संगठन बनाते समय आने वाले चुनाव का ध्यान रखना होगा, अगर भाजपा की हार होती है तो बहुत हद तक इस हार के लिए जिम्मेदार होंगे मंत्री रविंद्र चव्हाण, जिन्होंने मूल भाजपा कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने में प्रदीप रामचंदानी कि मदद की। आगे हार और जीत का पता तो 23 नवंबर 2024 को ही पता चलेगा।
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