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जैसे-जैसे चुनाव प्रचार बढ़ रहा वैसे-वैसे लोग कालानी को छोड़कर आयलानी की गोद में बैठ रहे हैं!

          ओमी कालानी की हार निश्चित, चुनाव हरायेंगे उन्हीं के सिपहसालार !! 

उल्हासनगर : विधानसभा चुनाव का प्रचार जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है, वैसे वैसे लोग ओमी कालानी से दूरी बना रहे हैं। बड़बोला कमलेश ओमी को लड़ाई से बाहर करके ही मानेगा। 


विधानसभा चुनाव का खुमार दिन-प्रतिदिन जैसे जैसे बढ़ रहा है वैसे वैसे बढ़ रही है पप्पू कालानी और ओमी कालानी की बेचैनी। कहा जा रहा कि कमलेश निकम पहले तो किसीको बंगले में जाने नहीं देते और अगर किसी तरह कोई पहुंच गया तो भी कहा जाता है "निकम इनका क्या काम है जरा देख लेना" और निकम वही काम करता है जिसमें उसका आर्थिक लाभ हो। इस तरह के सहयोगियों के सहयोग से ओमी कालानी चुनाव मैदान में उतरे हैं। दूसरी तरफ संतोष पान्डेय भी जेल भेजे जाने का बदला निकालने में लगे हुए हैं। कालानी महल छोड़ने वाला हर व्यक्ति कहता कमलेश निकम के सिवाय ओमी कालानी किसीकी नहीं सुनते। अजय लबाना,कारी माखिजा जिवन इदनानी, के अलावा दर्जनों नगरसेवकों ने कालानी का दामन छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है। ओमी कालानी की नाव मझधार में हिचकोले खा रही है, कार्यकर्ताओं का आभाव हो गया है। पप्पू कालानी नगराध्यक्ष, विधायक रहे तब इन्होंने शहर का कौन-सा विकास किया अवैध निर्माणों से 20 रुपये फुट वसूलने और गुंडागर्दी के सिवा। आज भी मनपा का करोड़ों रुपये का टैक्स बकाया है। दुनिचंद कालेज जो महानगर पालिका की प्रापर्टी है उसको एक रुपये किराये पर तीन वर्ष के लिए लिया और कोर्ट में मुकदमा हारने के बाद भी आज तक हड़पकर बैठे हैं। मनपा का हाऊस टैक्स भी नहीं भरते, कैंप 1 में तो दूसरा कैंप 5 में है। स्व.ज्योति कालानी जब विधायिका बनी तो उन्होंने कोणार्क और रिजेंशी एंटिलिया का मुद्दा उठाया पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई क्यों, जवाब कौन देगा? जो कोणार्क रेसीडेंसी अवैध थी उसी में ओमी के खासमखास मनोज लासी रहते हैं, कैसे? क्या फ्लैट मुद्दा उठाने के बदले मिला है? यह पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। कालानी परिवार ने उल्हासनगर को और जनता को एक दूध देती गाय की तरह निचोड़ा है, और चारा भी नहीं दिया है। उल्हासनगर से सिंधियों का पलायन हो रहा है, धर्म परिवर्तन हो रहा है। विकास का दम भरते हैं जबकि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं उठाते। अब ऐसे में चुनावी नाव डूबेगी नहीं तो होगा क्या?
कुमार आयलानी की बल्ले बल्ले हो रही है जो भी कालानियों को छोड़ता है वह सीधे भाजपा से जुड़ रहा है। साथ ही कुमार के पक्ष में लाडली बहना योजना में मिला रुपया और सम्मान भी काम कर रहा है। हिन्दुत्व का मुद्दा चरम पर है। दुर्गा पूजा और गणेश विसर्जन बीते ज्यादा दिन नहीं हुए हैं, हिन्दूओं के पर्व पर हुई पत्थरबाजी के विरोध में सिर्फ भाजपा ही खड़ी दिखाई दी, बाकी पार्टियों ने हिन्दूओं की ही गलती बताया वह मुद्दा भी कायम है। कुमार आयलानी सड़क के किनारे कांच की आफिस में बैठते हैं जो आते जाते लोगों को सीधे दिखाई देता है। साथ ही सीसे की पारदर्शिता के कारण हाय बाय भी हो जाता है। यह भी आयलानी के लिए धनात्मक है। इस तरह सभी बातें कुमार आयलानी के पक्ष में नजर आ रही हैं, सो उनकी जीत निश्चित है ऐसा लोग बता और जता रहे हैं। 

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