प्रदीप रामचंदानी ने मांगे रुपये भतीजे ने कहा हिसाब दे दिया।
ओमी कालानी. प्रदीप रामचंदानी. कुमार आयलानी
उल्हासनगरः विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ मतगणना में महायुती चुनाव जीत गयी। अब मुख्यमंत्री कौन बनेगा इस चर्चा के बीच उल्हासनगर भाजपा अध्यक्ष प्रदीप रामचंदानी ने कुमार आयलानी के भतीजे से फोन पर साढे बारह हजार रुपये मांगे, उनके अनुसार रुपये चुनाव में मंडप लगवाने के हैं।
महाराष्ट्र झारखंड विधानसभा के चुनाव जल्द ही संपन्न हुए हैं। चुनाव में टिकट को लेकर जो तकझक हुयी थी। षायद उसीका बदला लेने के लिए और नवनियुक्त विधायक कुमार आयलानी को चिंदीचोर साबित करने के लिये यह विडियो वायरल किया गया हैै। बतादें उल्हासनगर 141 विधानसभा से प्रदीप रामचंदानी टिकट चाहते थे। परंतु उनपर उल्हासनगर मनपा के सार्वजनिक बांधकाम विभाग से फाईल चोरी का इल्जाम लगा था और एक चलचित्र में बाकायदा मनपा की अलमारी से फाईल निकालकर अपने कमर में सर्ट के नीचे छिपाते हुए प्रदीप रामचंदानी दिख रहे हैं। उस चलचित्र के चलते प्रदीप 45 दिनों तक जेल में भी रहे। जब कोर्ट व पुलिस ने उस चलचित्र को नकार दिया और बेगुनाह जेल में रखने का कारण प्रदीप ने नहीं नूछा तो आरोप सच था या झूंठ यह बयान करनेवाला मैं कौन होता हूॅ ? प्रदीप रामचंदानी को जब टिकट नहीं मिला तो उन्होंने अपने गुरु का सहारा लेकर टिकट ओमीकालानी को दिलवाना चाहा, परंतु जब वहां भी दाल नहीं गली तो हराने की जुगत में लगे भाजपा प्रदेश ने वह मंसुबा भी फेल कर दिया, तो अब इस तरह विडियो वायरल कर बदनाम कर रहे हैं। चुनाव हराने का भी पूरा प्रयास किया। परंतु जनता के मूड और प्रदेश पदाधिकारियों के जमें रहने से इनकी एक न चली। इनकी र्कायकारीणी के कुछ लोग उल्हासनगर का चुनाव छोड़कर डोंबिवली में प्रचार कर रहे थे। तो कई लोग चुनाव प्रचार के लिए रुपये लेकर गांव चले गये। कुछ लोगों ने अपने परिवार के लोगों को ओमी के चुनाव में लगा दिया और खुद कहते रहे कुमार आयलानी ने पांच वर्षो में क्या किया है? चुनाव जितने के पश्चात मिठाई और पटाखे लेने सबसे पहले पहुंच गये और मजे से फोटो भी खिंचवाया। सब करके हार गये तब अब छिछोरेपन पर उतरकर विडियो प्रसारित कर रहे हैं कोई इनसे पूछे आप जिला अध्यक्ष हैं, अध्यक्ष होने के नाते चुनावी फंड की सारी जिम्मेवारी आपकी होती है। आपने जो कलेक्शन किया वह रुपया कहाॅ गया? और जब सारे पंडाल 3 हजार 5 सौ में लगे तो आपके एक पंडाल के साढे़ बारह हजार कैसे हुए? प्रदीप रामचंदानी पेसे से ठेकेदार हैं सभी ठेके चार गुना दामों पर लेते हैं, यही कारण है कि साढे़ तीन हजार को साढ़े बारह हजार बन गये होंगे। इस कुकृत्य से साबित होता है कि उल्हासनगर के नेताओं का चाल चरित्र और चेहरा कैसा है।
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