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बचके रहना सातारा वासियों, पुलिस अधीक्षक बनकर डा. सुधाकर पाठारे आ रहा है।

आज की ताजा खबर...... 

  परिमंडल चार पुलिस उपायुक्त सुधाकर पाठारे का तबादला सातारा किया गया !! 

.              बांयी ओर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणविस  और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे 

उल्हासनगर : पुलिस उपायुक्त डा.सुधाकर बी.पाठारे का तबादला महाराष्ट्र के सातारा जिले में कर दिया गया, जबकि उन्होंने जोर लगा रखा था पालघर के लिए, लूट के माल में ज्यादा हिस्सा देने को भी तैयार थे परंतु उनकी एक न चली गृहमंत्रालय ने 5 करोड़ लेकर सातारा का अधिक्षक बना दिया बस यह कहा जा सकता है कि ठाणे जिले से दूर भेज दिया। पाठारे के भ्रष्टाचार को देखते हुए उनकी जांच कराया जाना अतिआवश्यक था, परंतु सरकार लोगों की सुनती कहाँ है? 
                    डा.सुधाकर पाठारे 

                                       कलेक्टर योगेश शिंदे 

बतादें सुधाकर के भ्रष्टाचार से ठाणे परिमंडल चार त्राहि-त्राहि कर रहा था। पुलिस स्टेशनों को पाठारे ने लूट का अड्डा बना दिया था। बिना रुपयों के FIR नहीं लिखी जाती थी। जबकि रुपये मिलने पर निर्दोषों के खिलाफ भी झूंठी एफआईआर लिखी जाती थी। आरोप में फंसाकर परेशान कर वसूली का रैकेट चल रहा था। पाठारे ने हफ्ता वसूली के लिए तीन-चार कलेक्टर रख छोड़े थे, उनका मुख्य कलेक्टर योगेश शिंदे बाकी उपकलेक्टर थे। पाठारे का तबादला 13 अगस्त 2024 को सातारा के पुलिस अधीक्षक के रुप में कर दिया गया अब लुटने की बारी सातारा वासियों की है। सूत्रों की मानें तो इनका तबादला विशेष गुहार लगाने और 5 करोड़ रिश्वत गृह विभाग को देने पर हुई है। कुछ वर्ष पूर्व राज बब्बर की एक फिल्म आई थी "दुल्हा बिकता है बोलो खरीदोगे" उसी तर्ज पर पुलिस आयुक्त उपायुक्त, अधिक्षक ही नहीं पुलिस थाने के लिए वसूलीबाज का भी टेंडर निकाला जा रहा है। यही कारण है कि भ्रष्टाचार में अव्वल सुधाकर पाठारे को 5 करोड़ लेकर सातारा का पुलिस अधिक्षक बना दिया गया। पहले 5 करोड़ का निवेश करेंगे और फिर 500 करोड़ की वसूली। डीसीपी पाठारे ने अपने कार्यकाल में जोन-4 के सभी पुलिस स्टेशनों के वरिष्ठ निरीक्षकों को हर महिने १० लाख रुपये वसूल कर कलेक्टर योगेश शिंदे के पास जमा कराने का लक्ष्य दिया था। डीसीपी डा.सुधाकर पाठारे के वसुलीबाज कलेक्टर हर महीने पैसे वसूल कर डीसीपी रूम में जमा कराते थे। पाठारे के बारे में कहें तो ये शराब डान्सबार के शौकीन हैं। उल्हासनगर में रातभर चलने वाले कई डान्सबारों में साहब बिना लागत के ही हिस्सेदार थे। जोन-4, में सबसे ज्यादा नशिले पदार्थ चरस, गांजा, एमडी, हाथभट्टी दारू के अड्डे ढाबों पर रात भर चलते थे। साहब खुद डान्सबार व ढाबों का आनंद लेने जाया करते थे ऐसा सूत्र बताते हैं। जिस तरह की लूट ठाणे पुलिस आयुक्तालय के परिमंडल चार में मची थी, वैसी ही लूट अब सातारा में मचेगी! खैर उल्हासनगर, अंबरनाथ, बदलापुर में अब शांती की उम्मीद की जा सकती है। नवनियुक्त डीसीपी इतने भ्रष्टाचारी तो कतई नहीं होंगे? जितना कि भ्रष्टाचार में पीएचडी सुधाकर पाठारे न कर रखी थी। जैसे इन्होंने भ्रष्टाचार में पीएचडी की हो! ऐसे भ्रष्ट अधिकारीयों की जांच सरकारें नहीं करवाती तो यह जान लिजिए लूट की खुली छूट देती हैं सरकारें। इस कुकृत्य से सरकारों का चाल चरित्र चेहरा उजागर हो जाता है। सूत्रों ने बताया कि योगेश शिंदे ने भी विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन में तबादला लेकर कलेक्टर बनने का अपना टेंडर ठाणे आयुक्तालय में भर दिया है। रकम का पता चलते ही अग्निपर्व टाईम्स उजागर करेगा। बतादें योगेश विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन करके ही सेंट्रल में आया था अब उसे फिर विठ्ठलवाड़ी चाहिए ताकि उसकी वसूली जारी रहे। तबादले से पहले शिंदे की संपत्तियों की जांच की जानी चाहिए, अगर नहीं तो कमसे कम, तबादला ठाणे जीले के बाहर किया जाना चाहिए यह मांग है अग्निपर्व टाईम्स की। वैसे अपने स्तर पर हम जांच कर रहे हैं। जो जनता की अदालत में पहुंच जायेगी, सरकार जनता की संरक्षक है या भ्रष्टाचारियों की, यह सरकार खुद फैसला करे। 

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