गोल घेरे में गणेश वागमुड़े
डीसीपी डा.सुधाकर पाठारे
उल्हासनगर : उल्हासनगर के रहवासी प्रवीण, बाबू, संजय, हरेंद्र व दो अन्य को डीसीपी डा.सुधाकर पाठारे के कलेक्टर/सेटिंगबाज गणेश वागमुड़े की टिप और तोड़ पानी की सलाह पर टेलर का पीछा कर, उसे कोनगांव पुलिस स्टेशन की हद रांजनोली नाके पर रोक लिया। लेन देन की बात चल ही रही थी कि ठाणे पुलिस आयुक्तालय को खबर लगी, आयुक्त के आदेश पर दोनों टेलरों, कथित पत्रकारों को पकड़ स्थानीय पुलिस थाने कोनगांव ले गई, जहाँ चालक के बयान अनुसार एफआईआर दर्ज किया गया और पकड़े गए आरोपियों को जेल भेज दिया।
ट्रकों का पीछा-तोड़पानी
हमने पहले भी कई खबरों में बताया है कि पुलिस उपायुक्त डा.सुधाकर पाठारे ने अपनी अवैध कमाई के लिए कई सेटिंगबाज व कलेक्टर रख छोड़े हैं। उनमें से ही एक गणेश वागमुड़े भी है। वागमुड़े ने 7 जुलाई 2024 को अल सुबह 4 बजे के दरम्यान संजय और अजय से संपर्क किया और कहा कि पक्की खबर है कि दो ट्रकों में करोड़ों का गुटखा जा रहा है। तुम लोग पीछा कर रोको मैं उल्हासनगर डिसीपी स्काट भेजकर बढ़िया तोड़ करवा दूंगा, साहब से मेरी बातचीत हो चुकी है। संजय और अजय ने बात मान लिया और ट्रक पकड़ने अपने दो साथियों के साथ कोनगांव के रांजनोली नाके पर रोक लिया, सूत्रानुसार मालिक से बातचीत शुरू हुई रु. 25 लाख की मांग रखी गई। 15 लाख रुपए लेकर छोड़ने पर बात तंय हुई। इसी बीच ठाणे पुलिस आयुक्तालय में घंटी बजी और भिवंडी डीसीपी को फोन आया और उन्होंने ट्रक के साथ सभी को धर लिया और स्थानीय पुलिस थाने ले गये जहाँ ट्रक रोकने वाले सभी लोगों पर पंद्रह लाख खंडनी मांगे जाने के आरोप के तहत मामला दर्ज कर लिया गया और सभी चार पकड़े गए आरोपियों पर FIR संख्या 0766 में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 126(2), 3(5) व 308(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया। और अब मजिस्ट्रेट कस्टडी में भेज दिया गया है। जोन चार डीसीपी ने अपने जोन में सांठगांठ यानी चोरों से चोरी करवाने गुनाहगारों से गुनाह करवा तोड़पानी करने के लिए गणेश वागमुड़े को छोड़ रखा है उसकी जांच होनी चाहिए। यह हर दिन उल्हासनगर पवई चौक के एंजल और 100 डेज नामक डांसबार में सारी रात पड़ा रहता है। गणेश वागमुड़े के पास इतने रुपये कहाँ से आते हैं? संपत्ति की जांच करना चाहिए। वागमुड़े के संबंध कई बार बालाओं से हैं। कुछ दिन पहले एक बार बाला अग्निपर्व संपादक के संपर्क में आई थी जिसने कच्चा चिट्ठा खोलने का वादा भी किया था। परंतु पुलिसिया दबाव में मुकर गयी। आखिर पुलिस उपायुक्त का सरपर हाथ जो है।
अंबरनाथ शिवाजीनगर पुलिस थाने के डीबी ने पकड़ा एमडी पावडर
यहां यह बताया जाना भी जरूरी है कि अंबरनाथ पूर्व छत्रपति शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में कार्यरत संभाजी काले ने करीब एक वर्ष पूर्व जून के महीने में अंबरनाथ शिव मंदिर के पीछे फ्लोरा नामक इमारत में करण जुमानी से जो नब्बे ग्राम एमडी ड्रग पकड़ा और बिना एफआईआर दर्ज किये ही ड्रग और आरोपी दोनों को छोड़ दिया था, वह सूचना भी गणेश वागमुड़े ने ही मुखबिर को दी थी। परंतु जब मुखबिर को उसके मेहनताने की जगह मार और गाली मिली तो उसने सारी हकीकत अग्निपर्व टाईम्स को बताया और स्पाट पर निकाला गया विडियो भी दिया। जिसको अग्निपर्व टाईम्स ने अपने न्युज में दिखाया था। परंतु डीसीपी सुधाकर पाठारे के हस्तक्षेप के चलते लीपापोती कर जांच बंद कर दिया। पाठारे साहब के ऐसे अनेकों कारनामे हैं परंतु न जाने क्यों महाराष्ट्र का गृहमंत्रालय जांच के प्रति उदासीन नजर आ रहा है। अब देखना होगा कि अबकी बार गृहमंत्री और मंत्रालय संज्ञान लेकर गहन जांच करता है या फिर सभी भ्रष्टाचारी बचे रहते हैं।
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