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मध्यवर्ती पुलिस को रुपये दो तो वह आपके विरोधियों को मारेगी ही नहीं विडियो बनाकर भी देगी!!

रुपयों की ताल पर नाचता उल्हासनगर का मध्यवर्ती पुलिस थाना, तबायफ से बदतर, वह अपने अंगों की नुमाइश करती है,इन्होने थर्ड डीग्री देकर तोड़ी नाबालिग बच्चों की हड्डियां !!
      
.                              संयुक्त आयुक्त डा.ज्ञानेश्वर चव्हाण 

.      API चिटनीस 

उल्हासनगर : महाराष्ट्र, ठाणे जिले के उल्हासनगर की मध्यवर्ती पुलिस थाने का एक नया कारनामा 29 जुलाई 2024 दोपहर 4 बजे के दरम्यान कैम्प-3 जलनिगम कार्यालय के पास बैठ मोबाइल देख रहे आठ बच्चों पर पुलिस ने किया हमला, चिटनीस ने एक 16 वर्षिय लड़के के चेहरे पर लात मारकर गटर में गिराया और अन्य अंगो पर मारे लात फिर पुलिस वैन में भर सभीको ले गए मध्यवर्ती पुलिस थाने में जहाँ डीबी रुम में बंद कर चक्की के पट्टों और डंडो से थर्ड डीग्री देकर घावों पर केमिकल छिड़का, जलन से पगलाये बच्चों से कहा चाटो, पानी मांगने पर पेशाब के लिए कहने पर एक दूसरे के मूह पर मूतने को कहा, मार-टार्चर से बच्चे हुए बेहोश। बहन के बेटे की खोज-खबर लेने पहुंची आशा लबाना ने बच्चों का हाल देख, लगी चिल्लाने, घबराहट में सभी बच्चों को पुलिस ने किया उनके हवाले और कहा सुबह लाकर हाजिर कर देना, अब पुलिस आशा के घर के चक्कर लगा रही है।
बतादें वरि.निरीक्षक के रूप में शंकर अवताडे ने जबसे कार्यभार संभाला है, तबसे मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन के नये-नये कारनामे उजागर हो रहे हैं, फिर अब क्रूरता भरा घिनौना चेहरा सामने आया है। बतादें सुरजीत पंजाबी और चिंकू लबाना से अदावत चल रही है, जिसके चलते सुरजीत ने चिंकू पर जानलेवा हमला कराया था, वह मामला मध्यवर्ती पुलिस थाने में दर्ज है। उसका बदला लेने के लिए चिंकू के मौसेरे भाई ओम और साथियों ने सुरजीत पंजाबी के घर पर ईंट पत्थरों से हमला किया था। वह मामला भी पुलिस थाने में डकैती के रुप में दर्ज है, चार लोग जेल में हैं। उसी मामले में वांछित आरोपियों की खबर सुरजीत ने पुलिस अफसर चिटनीस को दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुलिस कर्मियों के साथ पकड़ने पहुंचे API चिटनीस ने सड़क पर ही लात बरसाना शुरू कर दिया और एक के मुह पर लात मारकर उसे नाले में गिरा दिया और कई लात मारा, फिर उन आठों को पुलिस वैन में भर थाने लाये और डीबी रुम में बंद कर थर्ड डीग्री दिया। यहाँ शर्म की बात यह है कि रुपया लेकर तबायफों की तरह मुजरा करने लगी पुलिस, लड़कों ने बताया कि जब हमें पुलिस प्रताड़ित कर रही थी उस समय सुरजीत वहाँ आया था और पुलिस को एक लिफाफे में कुछ देकर बोला कि इन्हें थर्ड डीग्री दो और उसका विडियो मेरे वाटशाप पर भेजो। पुलिस ने पिटाई में और जोर लगा दिया, जख्मों पर एसीड का छिड़काव कर जलन होने पर चाटने को कहने लगे, पानी मांगने और पेशाब के लिए कहने पर कहा एक दूसरे के मुह पर पेशाब करो और सारे कारनामे की विडियोग्राफी कर किसीको भेज रहे थे। यह सुरजीत पंजाबी ही होगा क्योंकि वही आया था और लिफाफा दिया था। मारपीट, थर्ड डीग्री टार्चर रात साढ़े नौ बजे तक चलता रहा जबतक आशा लबाना थाने नहीं पहुंची थी और हो हल्ला नहीं मचाया था। यहाँ सोचने का विषय यह है कि धारा 395 के फरार आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया था, तो हवालात में क्यों नहीं रखा और बिना जमानत आशा के साथ छोड़ दिया यह यक्ष प्रश्न है। थर्ड डीग्री भुक्तभोगी बच्चों के नाम हैं, ओम राजपूत (16) विष्णु परिहार (16) सुमित (16) अमित सिंह (16) रोनित गायकवाड़ (19) लंगड़ा (18) बाबु (24) इस तरह के सुपारीबाज पुलिस अधिकारी जो रुपये लेकर युवा पीढ़ी को मार मार कर गुंडा बनाने पर आमादा है, ऐसे भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों पर क्या संज्ञान लेती है महाराष्ट्र सरकार व न्यायपालिका।
संयुक्त पुलिस आयुक्त डा. ज्ञानेश्वर चव्हाण से मिलकर आशा लबाना ने जब मारपीट की शिकायत की तो उन्होंने कहा लबाना लोग के बारे में मैं जानता हूँ, मार खाकर शिकायत करने गए लड़के को सांत्वना तक नहीं दिया और न ही अपराधी पुलिसवालों पर कार्रवाई का आश्वासन बल्कि डाटकर बाहर भगा दिया। जब वरिष्ठ अधिकारी ही ऐसी मारपीट को समर्थन दे रहे हैं तो कनिष्ठ रुपये लेकर मारपीट कर लोगों की भी हड्डियां क्यों न तोड़ें । 

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