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जोन-4 में कानून व्यवस्था चरमराई, समाजसेवी ने लिखा खत, शिकायतकर्ता से ही होगी पूछ-ताछ !!

डा. पाठारे के आशिर्वाद से चल रहे सारी रात अवैध ढाबे, बिकती है शराब व नशीले पदार्थ, दुर्घटना हुई तो जिम्मेदार कौन? फेल गृहमंत्री देवेन्द्र फडणविस, '100' में से मिलेंगे '0' नंबर !! 
                मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र में ही चरमराई कानून व्यवस्था 

अंबरनाथ: अंबरनाथ सहायक पुलिसआयुक्त, उपायुक्त डा.सुधाकर पाठारे की विशेष कृपा आशीर्वाद से वरिष्ठ निरीक्षक अशोक भगत अंबरनाथ में चलवा रहे हैं, अनेकों अनधिकृत व्यवसाय जैसे अवैध ढाबे, डांसबार, टपरियों, शेडों, ढाबों में कमरा, हुक्का पार्लर, बीयरबार, हाथभट्टी शराब का अड्डा, बिना वैध लाइसेंस के वाइन शॉप, गुटका, चरस गांजा व हर तरह के नशीले पदार्थ की विक्री। 
             उपायुक्त डा.सुधाकर पाठारे 

शतप्रतिशत संभावना है कि पुणे, वर्ली जैसी बड़ी दुर्घटना अंबरनाथ शहर सीमा के भीतर राजमार्ग पर हो सकती हैं। क्योंकि हर रात 3-4 बजे तक पालेगांव, शिवमंदिर, डीपी रोड, मीरावाटिका, स्टेशन रोड, वाडवली, बी केबिन रोड , टी जंक्शन रोड, चिखलोली, डिमार्ट के पास के इलाकों में देशी-विदेशी शराब, तम्बाकू, गुटखा, हुक्का पार्लर, वाइन शॉप, फालूदा की दुकानें, चरस, गांजा और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री चल रही है। सारी रात चलने वाले व्यवसाय का लुत्फ उठाने को युवा सारी रात घूमते हैं। ऐसे में असामाजिक तत्वों से सामना होना मुमकिन तो है ही, ऐसे में अनहोनी होने के अलावा युवा ऐसे तत्वों के चक्कर में पड़कर अपनी जिंदगी भी बर्बाद कर सकते हैं। शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन की सीमा में 60 -70 अनाधिकृत ढाबे हैं जो खुलेआम बिना लाइसेंस शराब बेचते हैं। सभी ढाबा चालक पुलिसस्टेशन को 70 -75 लाख रुपये प्रतिमाह देकर खरीदे हुए हैं। यही कारण है कि पुलिस की विशेष कृपा से रात भर यह अवैध कारोबार बिना किसी रोक-टोक के चल रहा है। प्रत्येक थाने के वरि. निरीक्षकों से तो एसीपी, डीसीपी हिस्सा लेते ही हैं, साथ ही योगेश शिंदे जैसे कलेक्टर भी रख छोड़े हैं डीसीपी साहब ने, वह भी हर महीने वसूली कर लाता है। 
                         डीसीपी का वसूलीबाज योगेश शिंदे 

वहीं इन 60-70 ढाबों पर एक्साइज विभाग भी मेहरबान हैं। वह भी इन सभी ढाबों से प्रति सप्ताह 35-40 लाख रुपये की वसूली करता है। अंबरनाथ नगरनिगम प्रशासन भी रु.15-20 लाख हर माह लेकर उक्त अनाधिकृत निर्माणों को सुरक्षा प्रदान कर रहा है। इस क्षेत्र में पुणे या वर्ली जैसी घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। नशे में गाड़ी चलाकर यदि कोई निर्दोष कुचला जाता है तो घटना की पूरी जिम्मेदारी ठाणे पुलिस आयुक्त, जोन चार उपायुक्त, सहायक आयुक्त के साथ ठाणे आबकारी विभाग की होगी! और 100% संभावना है कि पुणे, वर्ली जैसी बड़ी दुर्घटना अंबरनाथ के शिवाजीनगर पुलिस थाने की सीमा के भीतर पलेगांव, शिवमंदिर, डीपीआरओड, मीरा वाटिका, स्टेशनरोड, वाडवली, बीकेबिन रोड, टी जंक्शन रोड, चिखलोली में हर रात 3 बजे तक चलने वाले नशा व्यवसाइयों के चलते हो सकती हैं। ऐसा आरोप एक समाजसेवी ने लगाया है। और उन्होंने मेल द्वारा वरिष्ठों को सचेत भी किया है। उनका कहना है कि क्या पुणे वर्ली जैसी किसी घटना के बाद ही जागेंगे ठाणे पुलिस कमिश्नर? या अब वे कभी नहीं जागेंगे क्या उन तक भी खोखे पहुंचा दिए गए हैं? ठाणे पुलिस आयुक्त पद आशुतोष डुम्बरे के संभालने के बाद एक आशा जगी थी कि गैरअसरदार सरदार के बाद एक असरदार व जागरूक, इमानदार पुलिस अधिकारी ठाणे पुलिस आयुक्तालय को मिला है। परंतु वह आशा धरी की धरी रह गयी। जब वे जोन - 4, उपायुक्त द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार को रोक नहीं पाये। अब देखना होगा कि इस खबर के बाद पुलिस आयुक्त व डीजीपी रश्मि शुक्ला पर कोई असर होता है या नहीं। वहीं भाजपा के लिए असरदार नेता हो सकते हैं देवेन्द्र फडणविस परंतु गृहमंत्री के रूप में पूरी तरह फेल नजर आते हैं। मुझे कोई सौ मे से कितने नंबर दोगे कहे तो मैं उन्हें शुन्य से ही नवाजूंगा।

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