ठाणे : पुलिस आयुक्तालय में भले ही कितना ही क्यों न ईमानदार पुलिस आयुक्त बैठ जाये और वह अपने क्षेत्र में जुआ अड्डे भी बंद करवा दे, परंतु जब हर हाथ में एनरायड मोबाइल में इंस्टाल जुए के ऐप होंगे तो वह जुआ कैसे बंद करा पायेगा, और पुलिस भी किस किस के मोबाइल चेक करेगी? यह सवाल हर समझदार व्यक्ति जानता है। महाराष्ट्र सरकार व उसके अधिकारी न जाने क्यों इस ओर से अनभिज्ञ हैं या फिर किसी लालच के तहत ध्यान नहीं दे रहे हैं? अग्निपर्व टाइम्स की मांग है कि इस तरह के ऐप बनाने वालों पर कठोर कार्रवाई कर इस तरह के ऐपों को बंद कराया जाय।
भले ही ठाणे पुलिस आयुक्त आशुतोष डुंबरे अपने कार्य क्षेत्र में मटका व अन्य प्रकार के जुए अड्डों को बहुत हद तक बंद कराने में सफल रहे हों, परंतु मोबाइल फोनो में चल रहे अनेकों प्रकार के जुए कैसे बंद करायेंगे, यह एक सवाल बनकर रह गया है। अब ऑनलाइन मटका रालेट आदि कई तरह के जुए मोबाइल पर शुरू हो गये हैं। मटका किंग्स द्वारा बनाया गया मटका और रालेट जुआ ऐप मोबाइल से खेले जाने वाले जुआ कारोबार में अग्रणी हैं। पहले बड़ी संख्या में जुआ मटका खेलने के लिए दुकान व मकानों की जरूरत होती थी। और मटका संचालकों की संख्या में वृद्धि के कारण प्रतिस्पर्धा होती थी। परंतु अब बड़े बड़े जुआ माफियाओं ने लाखों रुपये खर्च कर जुए के ऐप बनवा लिया है। और वह ऐप मोबाइल प्लेस्टोर द्वारा जुआ खेलने वालों के मोबाइलों पर इंस्टाल करवा दिया जाता है। अब मोबाइल पर ही मटका, रालेट और रम्मी जैसा जुआ आराम से खेला जा रहा है। लाखों करोड़ों रुपयों का वारा न्यारा हो रहा है। इस अवैध धंधे में मनमानी कमाई देख, खुद को सामाजिक कार्यकर्ता कहने वाले भी अब इस धंधे में उतर गये हैं। सरकारी अनदेखी से ऐपों की संख्या लगातार बढ़ रही है। और यही कारण है कि प्रतिस्पर्धा भी बढ़ रही है। और प्रतिस्पर्धा के चलते आनलाइन मोबाइल जुआघर चलाने वालों ने एक-दूसरे पर हमला करना शुरू कर दिया है।
पुलिस आयुक्त आशुतोष डुंबरे
उल्हासनगर और अंबरनाथ दोनों शहरों के नामचिन मटका किंगो को पछाड़, अब लता राजा नामक मटका बाजार, बाजार में मशहूर हो रहा है और उसने गली-गली में ऑनलाइन मटका लेना शुरू कर दिया है। इस मटकेवाले के चेले चपाटे घर बैठे ही अपने अपने मोबाइल फोन पर बात कर मटके के पैसों का लेनदेन ऑनलाइन मोबाइल पर ही कर लेते हैं और जुआ खेलवाते हैं। ऑनलाइन जुआ शुरू हो जाने से पुलिस प्रशासन के लिए जुआ बंद करा पाना एक चुनौती बन गयी है। ऑनलाइन लॉटरी के साथ ही अब मटका भी ऑनलाइन हो गया। वैसे भी उल्हासनगर में बड़ी संख्या में क्रिकेट बुकि भी मौजूद हैं। यही कारण है कि उल्हासनगर के संभ्रांत लोग अपनी व अपने बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए शहर को छोड़ अन्य शहरों में बसने लगे हैं! देखना होगा कि महाराष्ट्र सरकार ऐसे अवैध जुआ ऐपों को बंद कराने पर ध्यान देती है या फिर मोबाइल जुए को इसी तरह फलने-फूलने देती है।
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