उल्हासनगर: आन लाइन लिखित युपीएससी इम्तिहान में 13वां स्थान हांसिल कर आईएएस बन गए हैं, उल्हासनगर महानगरपालिका आयुक्त अजीज शेख। राज्य स्तरीय आनलाइन इम्तिहान में 281 लोगों ने हिस्सा लिया था। नवंबर के पहले सप्ताह में भारतीय प्रशासनिक सेवा नियुक्ति हेतु आयोजित राज्य स्तरीय ऑनलाइन परीक्षा में उमनपा आयुक्त शेख ने बाजी मारी है।
भ्रष्टाचार का नायाब नमुना सेंचुरी रेयान केमिकल कंपनी से दौ सौ फुट की दूरी पर
29 नवंबर 2023 को भारतीय प्रशासनिक सेवा (UPSC) में चयनात्मक भर्ती के लिए आईबीपीएस मुंबई द्वारा गैर-राज्यीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के लिए 100 अंकों का आंतरिक ऑनलाइन लिखित इम्तिहान आयोजित किया गया था। 281अधिकारियों द्वारा दी गई इस परीक्षा में शेख ने 51 अंक हासिल किया और वे 13 वें स्थान पर रहे। परीक्षा में शामिल अधिकारियों मे से शीर्ष पर रहे 20 अधिकारियों को अगले सप्ताह दिल्ली में होने वाली यूपीएससी बोर्ड परीक्षा के लिए पात्र ठहराया गया है, जिसमें अजीजशेख भी शामिल हैं। शेख ने नागपुर, मीरा-भायंदर, कल्याण-डोंबिवली तथा नवीमुंबई जैसे नगरनिगमों में उपायुक्त का पद संभाला है। कुछ वर्ष पहले उन्हें पदोन्नति देकर धुले नगरनिगम में आयुक्त नियुक्त किया गया था। 13 जुलाई 2022 से वे उल्हासनगर महापालिका में बतौर आयुक्त कार्यभार संभाल रहे हैं। शेख 31मई 2024 को सेवानिवृत्त होने वाले थे। उनके बिदाई समारोह के साथ ही 31मई को उनकी 58 वीं वर्षगांठ कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था। लेकिन अब जब वे आईएएस बन गए हैं, तो उन्हें दो वर्षों का सेवा विस्तार मिल गया है। उनकी इस उपलब्धि पर उन्हें अतिरिक्त आयुक्त जमीर लेंगरेकर, उपायुक्त किशोर गवस, डॉ. सुभाष जाधव, सहायक निदेशक शहरी विकास ललित खोब्रागडे ने बधाई दी है। वहीं अब उल्हासनगर के आम शहरियों में यह चिंता का विषय बना हुआ है कि कहीं शेख को उमपा में ही सेवा विस्तार न दे दिया जाय, जहाँ उन्होंने 2022, यानी जब से पदभार संभाला है तबसे ही लूट मचा रखा है।
बतादें अजीजशेख ने 13 जुलाई 2022 को उल्हासनगर मनपा के आयुक्त रुप में पदभार संभाला था, तबसे उल्हासनगर महापालिका में अनेकों भ्रष्टाचार उजागर हुए। सैकड़ों टियर गटर व आरसीसी अवैध इमारतों का निर्माण हुआ। जिसको समय-समय पर अग्निपर्व टाईम्स ने उजागर किया परंतु कोई जांच या कार्यवाही नहीं हुई। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अपनी कमाई के लिए आम शहरियों की जिंदगी को भी दांव पर लगाने से भी बाज नहीं आये। जिसकी बानगी आपको कल्याण मुरबाड रोड पर सेंचुरी रेयान रसायनिक कारखाने से सिर्फ दो से तीन सौ फुट पर निर्माणाधीन बहुमंजिली इमारतों को देखकर मिल जायेगी। अभी चंद दिनों पहले ही डोंबिवली एमआईडीसी के एक रासायनिक कारखाने के ब्वायलर में हुए विस्फोट से 18 लोगों की जान चली गई और साठ के करीब घायल हुए। नियमानुसार जहाँ भी इस तरह के कारखाने होते हैं उसके एक किलोमीटर के दायरे में कोई भी रहवासी वसाहत नहीं की जाती। परंतु यहाँ अवैध कमाई के चक्कर में नियमों कानूनों की अनदेखी कर सौ दो सौ मीटर से भी कम की दूरी 34 मंजिला इमारतों को मंजूरी दे दी जाती है। जबकि अभी कुछ महीनों पहले ही सेंचुरी कंपनी में एक टैंकर में विष्फोट हुआ था और चार लोगों की जान चली गई थी। कुछ वर्षों पूर्व विषैली गैस के रिसाव के चलते इंसान तो इंसान गाय भैंस भी मर गये थे। तब यह कहा जा रहा था कि अच्छा हुआ हवा का रुख उल्हासनगर के विपरीत था वर्ना उल्हासनगर का कैंप एक साफ हो जाता। ऐसे सेंचुरी रेयान कंपनी से मात्र सौ मीटर की दूरी पर बहुमंजिला इमारतों को मंजूरी देना कहाँ की अक्लमंदी है, यह भ्रष्टाचार नहीं तो क्या हुआ? ऐसे न जाने कितने किस्से आयुक्त अजीज शेख, अतिरिक्त आयुक्त जमीर लेंगरेकर व फर्जी नोडल अधिकारी गणेश शिंपी के नाम हैं। परंतु इन कमाऊ सपूतों को सेवा से मुवत्तल करने की बजाय पदोन्नति दे रही है महाराष्ट्र सरकार, तब आप समझ सकते हैं कि यह सरकार किसकी है। मेरे इस लिखने का असर न जनता में और न सरकार पर पड़ता है, परंतु मैं अपनी भड़ास निकालने के लिए लिखता रहता हूँ। हो सकता है कुछ लोग हंसते भी हों परंतु मैं आदत से मजबूर हूँ। इन लेखों द्वारा मैं आप लोगों को सचेत करना चाहता हूँ और मेरा कोई उद्देश्य नहीं है। आज आप जाग जायेंगे तो आगे आप और आपके बच्चों को रोना नहीं पड़ेगा, जिसके भविष्य के लिए आप रात दिन मेहनत करते हैं। अभी के लिए इतना ही आगे मूहीम जारी रहेगी....
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