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उल्हासनगर भाजपा नेता आखिर क्यों चाटते हैं ओमी और पप्पू कालानी के तलवे !!

उल्हासनगर के अस्तित्वहीन भाजपाई बेइज्जत होने के लिए पहुंचे ओमी कालानी के जन्मदिन पर!! 
उल्हासनगर: उल्हासनगर भाजपा का अपना कोई स्वाभिमान नहीं बचा है! बिना बुलाए हाथ जोड़ पहुंचे ओमी कालानी का जन्मदिन मनाने, प्रवक्ता मनोज लासी ने कहा भाजपा से हमारा कोई संबंध नहीं, हम श्रीकांत शिंदे को दे रहे हैं समर्थन। उम्रकैद की सजायाफ्ता पप्पू कालानी का डर अभी तक भाजपा पदाधिकारियों व नेताओं के मन से नहीं गया? शहर के लिए क्या किया है ओमी कालानी ने?
11 अप्रैल को शहर के कुख्यात माफिया डान व पूर्व विधायक पप्पू कालानी के पुत्र ओमी कालानी का जन्मदिन था। जन्मदिन के इस अवसर पर शहर के कुछ दो नंबरियों के साथ भाजपा के कथित वरिष्ठ नेता भी पहुंचे जैसे भाजपा अध्यक्ष प्रदीप रामचंदानी, प्रकाश माखिजा, रामचार्ली पारवानी, महेश सुखरामानी, जमुनो पुरस्वानी और इसी तरह के कुछ भाजपाई वहाँ पहुंचे, फोटो सेशन व पत्रकारों से बातचीत के तुरंत बाद ही कालानी महल के प्रवक्ता मनोज लासी ने कहा हमें भाजपा से कुछ लेनादेना नहीं हमने अपने आपसी रिश्तों के कारण श्रीकांत शिंदे को समर्थन दे रहे हैं। इससे पहले भी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के या यूं कहें कि टिम ओमी कालानी के प्रवक्ता कमलेश निकम ने कहा था हम उल्हासनगर शहर से भाजपा को निस्तोनाबूद कर देंगे। फिर भी शहर को लूटने वाले भाजपाई तेरी भी चुप मेरी भी चुप के लिए ओमी कालानी का दर चुमने पहुंच जाते हैं।

चुनावी गणित गड़बड़ चाहिए गुंडों का समर्थन 

डा.श्रीकान्त शिंदे की इस चुनाव में हालत पतली है, चाहिए गुंडों का समर्थन! शिंदे ने उल्हासनगर को लूटने के सिवा कुछ नहीं किया यही कारण है कि उनको ओमी जैसे व्यक्तित्व का समर्थन चाहिए, ओमी कालानी शहर में क्या करते हैं यह किसीसे छिपा नहीं है। श्रीकांत शिंदे को ऐसे लोगों से परहेज नहीं है क्योंकि उल्हासनगर के लोग जिससे डरते हैं उसीके पक्ष में मतदान करते हैं। मोदीजी का नारा है चार सौ पार और टिकट दे रहे हैं श्रीकांत जैसे व्यक्तित्व को जिसने अपने चुनाव क्षेत्र में गुंडों को संरक्षण दिया है। जिसका जीता जागता उदाहरण है कल्याण पूर्व के महेश गायकवाड़ जो दूसरों की खरीदी गई जमीनों पर अपना फलक लगाकर जबरन कब्जा करते हैं और फिर हिस्सेदारी मांगते हैं? इसी तरह के एक मामले में शिंदे सरकार के दबाव में पुलिस ने गणपत गायकवाड़ की रिपोर्ट दर्ज नहीं की और दोनों पक्षों का समझौता कराने के लिए निरीक्षक ने अपने केबिन में बैठाया और बाहर हो रहा हंगामा देखने चले गये जहाँ महेश गायकवाड़ समर्थक गणपत गायकवाड़ के बेटे पर हमलावर थे और यह सारी घटना निरीक्षक के केबिन में लगे टीवी में दिख रहा था जिसे देख बौखलाए गणपत गायकवाड़ ने अपने पास रखी लायसेंसी पिस्टल से केबिन में ही महेश गायकवाड पर धड़ाधड़ फायर झोंक दिया। परंतु किस्मत के धनी महेश बच गये। लेकिन यहाँ समझने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बाप बेटे महेश गायकवाड़ को देखने अस्पताल पहुंच गये। इसी तरह मुख्यमंत्री शिंदे साहब उल्हासनगर के विकास के लिए डेढ़ से दो हजार करोड़ रुपया दिया। परंतु विकास जमीन पर कहीं नहीं दिखाई देता है। यही कारण है कि अब चुनाव जीतने के लिए गुंडे बदमाश और मांडवली बादशाहों के समर्थन की जरूरत पड़ रही है। अब देखना होगा कि जनता प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गये विकास, राम मंदिर निर्माण, तीन तलाक, धारा 370 हटाने और देश की अस्मिता बढ़ाने के एवज में श्रीकांत शिंदे को मतदान करती है या इनका पांच वर्षों का कारोबार देखकर वोट देती है। अगर कारोबार को देखते हुए मतदान हुआ तब इनका हारना बिल्कुल तय है। 

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