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उपायुक्त का डांसबारों को संरक्षण, रखे हैं तीन वसूलीबाज, रिक्शावाला भी करता है वसूली !!

उल्हासनगर 100डेज बार में 35/40 व्यस्क अवयस्क महिलायें करती हैं 'छमछम' विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन के सिपाही से लेकर वरिष्ठ निरीक्षक बटोर रहे हैं कड़े कड़े नोट!

उल्हासनगर श्रीराम चौक परिसर में अश्लीलता परोसने वाले राखी, 100 व एंजल में 'छमछम' पुलिस कब करेगी कार्यवाही? राज्य में डान्सबार पर पाबंदी के बावजूद नियमों का उल्लंघन कर ठाणे जिले में आरकेस्ट्रा के नाम पर चल रहे हैं डांसबार, उड़ाए जाते हैं नोट। 
उल्हासनगर : राज्य में डान्स बारपर बंदी होने के बावजूद नियमों का सरेआम उल्लंघन होते हुए ठाणे जिले में दिखाई दे रहा है। गाहे-बगाहे पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में अनेकों बार नियमों का उल्लंघन कर आधे-अधूरे कपड़ों में बारबालाओं द्वारा ग्राहकों के साथ अश्लील कृत्य करते हुए पाया गया है। पुलिस ने मालक व व्यवस्थापकों पर कार्रवाई भी की है फिर भी दूसरे दिन जस का तस मिलता और वही कुकृत्य शुरू हो जाता है। 

इस तरह चल रहे कुकृत्य पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी परिमंडल के वरिष्ठ अधिकारियों की होती है परंतु जब वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपायुक्त डा.सुधाकर पाठारे जैसे हों जिन्होंने डायरेक्ट वसूली करने के लिए तीन तीन बंदे तैनात किए हों तो उनसे डांसबारों पर उचित कार्रवाई की अपेक्षा कैसे की जा सकती है? अभी कुछ ही दिन बीते हैं कि 100 डेज नामक बार में विडियो निकालने को लेकर मारपीट हुई थी, जिसमें दो युवक घायल हुए थे। एक ओर पुलिस अधिकारी कहते हैं पुलिस स्टेशन सार्वजनिक जगह है वहाँ विडियोग्राफी की जा सकती है परंतु आरकेस्ट्रा के नाम पर धड़ल्ले से चल रहे डांसबारों में विडियो निकालना वर्जित। 

यहाँ यह किसी से छिपा नहीं है कि सभी अवैध डांसबार पुलिस के आशीर्वाद से ही चल रहे हैं। और अश्लील कृत्य खुलेआम सुरू होने का आरोप नागरिक कर रहे हैं। परंतु कार्यवाही तो पुलिस को करनी है, वह हो नहीं सकती क्योंकि पुलिस के सिपाहियों से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक हर महीने एक तंय रकम हफ्ते के रूप में पहुंचती है। सरकार जो भी नियम कानून बनाती है उसका पालन तो पुलिस प्रशासन को ही कराना होता है और जब वही रुपए लेकर आंखें मूंद ले तब नियम और कानून के मुताबिक कौन चलेगा? यही हाल ठाणे पुलिस का है। ठाणे, भिवंडी, कल्याण और उल्हासनगर में हफ्ता देकर इस तरह के सैकड़ों बार चल रहे हैं। और करोड़ों रुपये पुलिस को हफ्ते के रुप में पहुंचता है। उन्हीं में से उल्हासनगर के विठ्ठलवाड़ी और मध्यवर्ती पुलिसस्टेशन के 12/14
डांसबार हैं। जबसे ठाणे पुलिस आयुक्तालय में आयुक्त पद पर आशुतोष डुम्बरे पदस्थ हुए हैं तबसे अवैध लाटरी व जुआघरों में बहुत कमी आई है परंतु डांसबारों को रोकने में डुंबरे भी नाकाम साबित हुए हैं। अब देखना होगा कि इस खबर के बाद कोई ठोस व कठोर कार्रवाई होती है या फिर इसी तरह सबकुछ चलता रहता है। 

परिमंडल चार के उपायुक्त से कोई उम्मीद पत्थर पर घास उगाने जैसा है। अंबरनाथ पूर्व के छत्रपति शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन में चल रहे भ्रष्टाचार की शिकायत करते करते विकमानी थककर कोर्ट पहुंच गये परंतु भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। इसी तरह नब्बे ग्राम एम डी के साथ १० जून को करन जुमानी नामक युवक को डीबी ने संभाजी काले के नेतृत्व में पकड़ा और पुलिस स्टेशन तक लाने के बाद बिना मामला दर्ज किए ही छोड़ दिया। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इस काम में मांडवली डीसीपी साहब के सूत्र वागमुड़े ने करवाई थी। इस तरह पूरे मामले में पाठारे साहब का हाथ होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसी तरह कुछ क्रिकेट सट्टेबाजों की आपसी रंजिश में एक पार्टी ने अपने परिचित धुलिया पुलिस के एक उपनिरीक्षक से सांठगांठ उल्हासनगर के लोगों को पकड़ाया उनसे मजबूत तोड़पानी हुई और अब क्या था धुलिया पुलिस हर महीने आने लगी और कई करोड़ रुपए उल्हासनगर से वसूल कर ले गयी। इसकी शिकायत करने जब एक व्यापारी जब उपायुक्त डा. सुधाकर पाठारे के पास गया तब पाठारे साहब ने कहा वह हमारा पुलिस है उसकी शिकायत मैं नहीं लिख सकता, "अगर आप लोग दो लाख रुपये मुझे देते हो तो मैं फोन पर वहाँ के डीसीपी से बात कर कह दूंगा की अब तुम्हें परेशान नहीं करेंगे" ऐसा कर्तब्यदक्ष पुलिस उपायुक्त परिमंडल चार को मिला है! क्या गृहमंत्री देवेन्द्र फडणविस पुलिस उपायुक्त डा.सुधाकर पाठारे की पूरी जांच करवाकर उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को उजागर कर उन्हें मुवत्तल करेंगे या फिर इसी तरह आंखें मूंदे रहेंगे यह एक गंभीर सवाल परिमंडल चार के नागरिकों का है।

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