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महाशिवरात्रि महोत्सव पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

महाशिवरात्रि महोत्सव पर : कवि सम्मेलन 
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"शिवनाम के सिवा, दूजा नहीं सहारा।
  जप ले  ऐ बंदे, मौका नहीं दुबारा।।"


कवि संदीप कपूर वक़्तनाम मैन ऑफ़ टाइम - अंतर्राष्ट्रीय सदभावना मंच के तत्वावधान में 132 वां आयोजन महाशिवरात्रि महोत्सव : अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन संस्थापक - महानिदेशक कवि संदीप कपूर वक्त़नाम के कुशल संचालन में किया गया जिसकी अध्यक्षता साहित्यकार कवयित्री डॉ० तृप्ति कुमारी तान्या ने की।
विश्व़प्रसिद्ध अजगैबीनाथधाम सुलतानगंज स्थित बाबा श्री अजगैबीनाथ मठ के स्थानापति महंत प्रेमानंद गिरी, बिहार विधानसभा सदस्य एवं सुलतानगंज के विधायक प्रोफेसर डॉ० ललित नारायण मंडल, संरक्षक रक्षा मंत्रालय भारत सरकार के सेवा निवृत्त वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी कवि ज्ञानेंद्र मोहन ज्ञान, अध्यापक ब्रजेश कु० प्रसाद गौरव, अधिवक्त़ा अविनाश कु० पाण्डेय, डॉ० पंकज टंडन एवं कार्यक्रम निर्देशक डॉ० कृष्णा सिंह ने सभी को महाशिवरात्रि महोत्सव पर शुभकामनाएं दिया।

          "जय महादेव" उदघोष के साथ कवि संदीप कपूर वक़्तनाम ने प्रेरणा-शक्त़ि अध्यापिका मंजु कपूर को स्मरण कर मंच संचालन करते हुए कहा कि, सर्वशक्त़िमान आदिगुरु महाकाल शिव का व्यक्त़ रूप विश्व़ वर्तमान संक्रमण काल में संकटों-समस्याओं विसंगतियों और विषमताओं से घिरा हुआ है, ऐसे में साहित्यकार-कलाकार कवि-मनीषी समाजसेवी अपने विवेक-कला-साहित्य एवं योग-शक्त़ि द्वारा शिवत्व-  पुरुष और प्रकृति का सम्यक संतुलन, ब्रह्मांड में लय और प्रलय पर नियंत्रण, मानव-धर्म और विश्व़-कल्याण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायें-" और उन्होंने मधुर स्वर में शिव-गीत प्रस्तुत किया -"शिव शंकर ने विषपान किया, विश्व़ का कल्याण किया। वे मंद-मंद मुस्काये, वे नीलकण्ठ कहलाए।। ॐ नमः शिवाय बोलो ॐ नमः शिवाय।
शानदार कवि सम्मेलन में कविता-गीत और ग़ज़ल का दौर शुरू हुआ.. डॉ० तृप्ति कुमारी तान्या-"हे दया सिंधु तेरे दया बिंदु से कदाचित मन निर्मल हो जाए। हम प्रेम से कहें जय भवानी शंकर।।" कवि डॉ० पंकज टंडन-"हाथों में त्रिशूल- जटा में गंगा- कंठ में विष का प्याला है।" कवि ज्ञानेंद्र मोहन ज्ञान-"अगर कुछ ख़ास है तुममें, तुम्हारा काम बोलेगा।" कवि विमल कुमार-"झूमते शिवगण ; शिव भवानी।" कवयित्री विश्व़ांगी कपूर-"मेरे भोलेनाथ बड़े न्यारे।" कवयित्री वर्षा बरनवाल-"शिव रात्रि का त्योहार आया, शिव शंकर ने ब्याह रचाया।" कवयित्री ब्राह्मी कपूर-"हर वर्ष महामंगल दिवस शिवरात्रि की आती है।" कवि श्रेयश सुयश-"जब-जब संसार में अधर्म-पाप छाते हैं, शिवशक्त़ि अपना रौद्र रूप दिखलाती है।
प्रस्तुत आध्यात्मिक रचनाओं ने शिव के शाश्व़त सत्य का दर्शन कराया।
"भोले मुझसे वादा करो, साथ कभी छूटे नहीं।" अपनी इस कविता के साथ धन्यवाद ज्ञापन डॉ० कृष्णा सिंह ने किया।

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