उल्हासनगर : उल्हासनगर मनपा द्वारा एक ही ठेकेदार को संदिग्ध रूप से दिए गए करोड़ों के टेंडर पर सवाल खड़ा करते हुए भाजपा अध्यक्ष प्रदीप रामचंदानी ने 100 करोड़ के भ्रष्टाचार को उजागर कर ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की थी। टेंडर वॉर में पूर्व महापौर और शिवसेना में उल्हासनगर के सर्वेसर्वा व मुख्यमंत्री के खासमखास पर भी आरोप लगे थे। टेंडर वॉर के मुद्दे पर जब पत्रकारों ने सार्वजनिक निर्माण मंत्री रवींद्र चव्हाण और सांसद श्रीकांत शिंदे से घोटाले के बारे में सवाल किया तो 'जय श्री राम' का उद्घोष कर घोटाले की बात टाल गये। इससे यह साबित होता है कि टेंडर में हिस्सा मिल जाने से वॉर में सीज फायर हो चुका है। उल्हासनगर महानगरपालिका में हजारों करोड़ की निधि से विभिन्न विकास कार्य चल रहे हैं।
भ्रष्ट आयुक्त अजीज शेख और उनके संरक्षक नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे।
विकास कार्यों में हुए टेंडर घोटाले को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप रामचंदानी और विधायक ने पत्रकार परिषद कर आरोप लगाया था कि विकास कार्यों में करोड़ों रुपये का टेंडर घोटाला हुआ है। शिवसेना शिंदे गुट के उप जिला प्रमुख अरुण आशान एक ठेकेदार से यह काम करा रहे हैं और उन्होंने मांग की है कि फर्जी दस्तावेज जमा करने वाले ठेकेदार झा एण्ड कंपनी को काली सूची में डाला जाए। अगले ही दिन भाजपा जिलाध्यक्ष रामचंदानी व विधायक कुमार आयलानी ने आयुक्त अजीज शेख से मुलाकात कर विवादास्पद कंपनी की जांच करा उसे ब्लैकलिस्ट करने का पत्र भी सौंपा, साथ ही भाजपा के 22 पूर्व नगरसेवकों ने भी इसी तरह का पत्र आयुक्त को दिया। इस टेंडर वॉर को लेकर स्थानीय शिवसेना शिंदे गुट और भाजपा नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू ही था। इसी दौरान भाजपा ने गोल मैदान में अयोध्या राममंदिर की प्रतिकृति बनाई थी और 1 फरवरी तक यहां विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गये थे। मंदिर दर्शन के लिए शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे और भाजपा मंत्री रवींद्र चव्हाण पहुंचे थे। शिंदे और चव्हाण से टेंडर वॉर को लेकर पूछे गये सवालों को मंत्री और सांसद ने टालते हुए जय श्री राम कहा और चले गये। मिली जानकारी अनुसार प्रदीप रामचंदानी को भी टेंडर में हिस्सा मिल गया है।
अब ऐसे में रिपाई अध्यक्ष भालेराव कहाँ शांत बैठने वाले थे, उन्हें भी तो चुनाव लड़ना है रुपयों की जरुरत उन्हें भी तो है। उन्होंने भी टेंडर घोटाले को लेकर प्रेस वार्ता किया पर यहाँ मजे की बात यह है कि मना करने के बावजूद भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष पाठक, कपिल अडसुल और पूर्व उत्तर भारतीय मोर्चा अध्यक्ष यादव भी भाजपा की ओर से प्रेसवार्ता में सामिल हुए। और वहाँ कहा गया घोटाले को लेकर हम कोर्ट जायेंगे। अब देखना होगा कि सही में यह लोग टेंडर घोटाले की जांच के इच्छुक हैं या इन्हें भी प्रदीप रामचंदानी की तरह घोटाले में हिस्सा चाहिए। उल्हासनगर में अनेकों बार अनेकों भ्रष्टाचार के जांच की मांग की गई परंतु हर बार भ्रष्टाचार में हिस्सा लेकर लोगों ने अपना मूह काला किया और भ्रष्टाचार बढ़ता ही गया।

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