मुख्यमंत्री के साथ कुमार आयलानी देवेन्द्र फडणविस के साथ
उल्हासनगर : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था "अगर किसी नगरपालिका व महानगर पालिका की में अवैध निर्माण हुआ तो आयुक्त, मुख्याधिकारी पर होगी कार्रवाई" घोषणा के बाद से ही उल्हासनगर मनपा में अवैध निर्माण ने और जोर पकड़ लिया कब होगी आयुक्त अजीज शेख और नोडल अधिकारी गणेश शिंपी व संबंधित अधिकारियों पर निलंबन की कार्यवाही?
अजीज शेख प्रकाश मुले
शहर की हालत बिगड़ती चली जा रही है, हर विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। उल्हासनगर महानगर पालिका क्षेत्र की गली गली में अवैध निर्माण जारी है। कहीं अवैध आरसीसी तो कहीं टीजी व डबल टीजी, इससे यह साफ हो जाता है कि मिडिया में ही नेता शहर के भलाई की बातें करते हैं। प्रत्यक्ष में तो सिर्फ अवैध कमाई के बारे में ही सोचते हैं। कुछ दिनों पहले हाईकोर्ट ने अवैध निर्माणों को रोकने के बारे में कहा था, साथ ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था जिस किसी नपा व मनपा में अवैध निर्माण होगा उस महानगर पालिका के आयुक्त व संबंधित अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही की जायेगी परंतु आज तक किसी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई जिसका परिणाम यह हुआ, कि शहर में अवैध निर्माणों की बाढ़ सी आ गई है। आयुक्त अजीज शेख भ्रष्टाचार से घिरे हुए हैं। टेंडर घोटाले हो रहे हैं। हर विभाग में लूट मची हुई है। नगर विकास मंत्रालय आंखों पर पट्टी बांधकर कानों में रुई ठूसकर बैठा हुआ है तो भ्रष्टाचार रुकेगा कैसे? नगर विकास खाता स्वयं मुख्यमंत्री देख रहे हैं।
शहर में अवैध निर्माण रोकने के लिए गणेश शिंपी को नोडल अधिकारी बनाकर बैठाया गया है, उनके नोडल अधिकारी बनते ही अवैधनिर्माण और बढ़ गये, क्यों न बढ़े जब वे खुद ही हिस्सेदारी निभाते हैं! शिंपी की शिकायत उल्हासनगर १४१ विधानसभा क्षेत्र विधायक कुमार आयलानी ने किया था। परंतु गणेश शिंपी उनसे मजबूत पड़ गया। शिंपी क्लर्क के ओहदे पर भर्ती हुआ और सन 2013 में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। जेल गया, एक वर्ष तक निलंबित रहा परंतु जैसे ही तैनाती मिली, प्रमोशन हो गया और सहायक आयुक्त बना दिया गया। शिकायतें होती रहीं परंतु सुनवाई नहीं हुई! अधिक आश्चर्य तब हुआ जब सत्तापक्ष विधायक कुमार आयलानी की शिकायत पर भी कार्यवाही नहीं हुई! हमारा तो मानना है कि जब मान सम्मान एक भ्रष्ट क्लर्क से भी कम हो तो ऐसी विधायकी किस काम की? परंतु बे..र्म होकर विधायक शहर में घूम रहे हैं? मैं तो कहूँगा की ऐसी सत्ता से गैर सत्ता ही भली।
नोडल अधिकारी गणेश शिंपी
इसी तरह कुछ दिनों पहले एक ऐसा आदमी नगर रचना विभाग में फाइलें देखता हुआ पाया गया जो मनपा में एम्पलाई ही नहीं है, या फिर कहें की बाहरी व्यक्ति है। जिसे प्रकाश मुले ने काम पर रखा था और वही पगार भी दे रहा था। आयलानी उसपर भी चुप्पी साधे रहे। उसके बाद एक यू टियुब चैनल को साक्षात्कार देते हुए उन्होंने कहा कि टियर गाटर का अवैध निर्माण गरीब लोग करते हैं इसलिए वे आंखे मूंद लेते हैं। तो अवैध टियरगाटर निर्माण शुरू होने पर स्थानीय नगरसेवक जो अब नगरसेवक भी नहीं हैं फिर भी रुपये क्यों मांगते हैं? वार्ड आफिसर भी पचास हजार से लाख रुपए लेता है। इन गरीबों का घर बनाने का ठेका स्थानीय गुंडे या फिर कथित नगरसेवक के लोग ही लेते हैं, वह भी चार गुना दाम पर! ऐसे में गरीब का भला हुआ या फिर अधिकारीयों, नेताओं, कार्यकर्ताओं और फर्जी पत्रकारों का? इस तरह उल्हासनगर विधानसभा विधायक कुमार आयलानी गरीबों का नाम लेकर कुछ भ्रष्टाचारियों और गुंडे मवालियों का भरण पोषण कर रहे हैं। और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बोल बचन देकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। आनेवाला चुनाव दोनों के लिए भारी पड़नेवाला है। ऐसी चर्चा शहर व महाराष्ट्र में चल रही है। आगे आगे देखिये होता है क्या?
1 टिप्पणियाँ
आप इतना कुछ लिखते हैं लेकिन अधिकारी को कोई फरक नहीं पढता ऐ मै नहीं कह रहा हू ये अधिकारी कह रहे है
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