फायरिंग के समय के फुटेज में टोटल चार लोग तो FIR में अन्य कैसे? किसके इशारे पर पुलिस ने FIR में अन्य लोगों को जोड़ा? पुलिस की कार्यशैली संदेह के घेरे में?
कल्याण : कल्याण शिवसेना पूर्व नगरसेवक व शहर प्रमुख महेश गायकवाड़ पर हिल लाइन पुलिस स्टेशन में फायरिंग, कल्याण पुर्व भाजपा विधायक गणपत गायकवाड पर फायरिंग का आरोप। हिल लाइन पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अनिल जगताप के केबिन में गोलीबारी की घटना घटी। महेश गायकवाड व राहुल पाटिल घायल इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
गणपत गायकवाड़ महेश गायकवाड़
बतादें की कल्याण पुर्व विधायक गणपत गायकवाड व महेश गायकवाड़ के बीच अक्सर झगड़े की खबरें आती रहती हैं। इसी तरह 2 फरवरी 2024 को महेश गायकवाड़ ने अपने साथियों के साथ मिलकर गड़पत द्वारा खरीदी गई जमीन पर लगे पतरे के कंपाउंड को तोड़ दिया। जिसकी शिकायत दर्ज कराने उनके पुत्र वैभव गायकवाड़ उल्हासनगर कैम्प-5, के हिललाईन पुलिस स्टेशन पहुंचे जहाँ महेश गायकवाड़ व उनके साथियों ने उनसे हाथापाई कर गला दबाने की कोशिश की, जिसकी सूचना बैभव ने फोन कर अपने विधायक पिता गणपत गायकवाड़ को दी वह भी हिल लाईन पुलिस स्टेशन पहुंचे। अब यहाँ पुलिस की कारगुजारी पर शक की सुई घूमती है। मामला दर्ज कर पुलिस ने सभीको अपने-अपने घर भेजने की बजाय विधायक गणपत गायकवाड़ और महेश गायकवाड़ को अपने केबिन में बैठाया जहॉं महेश के दो और साथी बैठे रहे जबकि गड़पत अकेले ही बैठे हैं। अब दोनों विरोधियों को छोड़ वरिष्ठ निरीक्षक अनिल जगताप बाहर चले गए। ऐसे में गणपत को अकेले देख विरोधियों ने न जाने ऐसा क्या कहा/किया जिससे विधायक अपना आपा खो बैठे और पिस्टल से महेश गायकवाड़, राहुल पाटिल व साथी पर फायरिंग शुरू कर दी, तीनों भागे परंतु महेश गायकवाड़ दरवाजे में फंस गये, उनको गणपत गायकवाड़ ने दबोच लिया और मारने लगे। फायरिंग की आवाज सुन पुलिस व अन्य लोग केबिन में दाखिल हुए एक वर्दीधारी ने विधायक को काबू में कर पिस्टल ले लिया। यह घटना शुक्रवार की रात साढ़े नौ बजे कैंप 5 स्थित हिललाइन पुलिस स्टेशन के निरीक्षक के केबिन में घटी जहाँ विधायक गणपत गायकवाड़ ने अपने विरोधी कल्याण शिवसेना शहर प्रमुख महेश गायकवाड़ पर दनादन गोलियां दागी, कथित तौर पर उनके सीने व आस-पास 5 और एक गोली पेट के निचले हिस्से में लगी है। जबकि विजुअल में कुछ और ही दिखाई दे रहा है। ठाणे के ज्यूपिटर अस्पताल में दोनों को भर्ती कराया गया है। जहां महेश वेंटिलेटर पर चिंताजनक स्थिति में हैं तो वहीं राहुल पाटिल की हालत स्थिर है, गायकवाड़ के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
बतादें की कल्याण पुर्व विधायक गणपत गायकवाड व महेश गायकवाड़ के बीच अक्सर झगड़े की खबरें आती रहती हैं। इसी तरह 2 फरवरी 2024 को महेश गायकवाड़ ने अपने साथियों के साथ मिलकर गड़पत द्वारा खरीदी गई जमीन पर लगे पतरे के कंपाउंड को तोड़ दिया। जिसकी शिकायत दर्ज कराने उनके पुत्र वैभव गायकवाड़ उल्हासनगर कैम्प-5, के हिललाईन पुलिस स्टेशन पहुंचे जहाँ महेश गायकवाड़ व उनके साथियों ने उनसे हाथापाई कर गला दबाने की कोशिश की, जिसकी सूचना बैभव ने फोन कर अपने विधायक पिता गणपत गायकवाड़ को दी वह भी हिल लाईन पुलिस स्टेशन पहुंचे। अब यहाँ पुलिस की कारगुजारी पर शक की सुई घूमती है। मामला दर्ज कर पुलिस ने सभीको अपने-अपने घर भेजने की बजाय विधायक गणपत गायकवाड़ और महेश गायकवाड़ को अपने केबिन में बैठाया जहॉं महेश के दो और साथी बैठे रहे जबकि गड़पत अकेले ही बैठे हैं। अब दोनों विरोधियों को छोड़ वरिष्ठ निरीक्षक अनिल जगताप बाहर चले गए। ऐसे में गणपत को अकेले देख विरोधियों ने न जाने ऐसा क्या कहा/किया जिससे विधायक अपना आपा खो बैठे और पिस्टल से महेश गायकवाड़, राहुल पाटिल व साथी पर फायरिंग शुरू कर दी, तीनों भागे परंतु महेश गायकवाड़ दरवाजे में फंस गये, उनको गणपत गायकवाड़ ने दबोच लिया और मारने लगे। फायरिंग की आवाज सुन पुलिस व अन्य लोग केबिन में दाखिल हुए एक वर्दीधारी ने विधायक को काबू में कर पिस्टल ले लिया। यह घटना शुक्रवार की रात साढ़े नौ बजे कैंप 5 स्थित हिललाइन पुलिस स्टेशन के निरीक्षक के केबिन में घटी जहाँ विधायक गणपत गायकवाड़ ने अपने विरोधी कल्याण शिवसेना शहर प्रमुख महेश गायकवाड़ पर दनादन गोलियां दागी, कथित तौर पर उनके सीने व आस-पास 5 और एक गोली पेट के निचले हिस्से में लगी है। जबकि विजुअल में कुछ और ही दिखाई दे रहा है। ठाणे के ज्यूपिटर अस्पताल में दोनों को भर्ती कराया गया है। जहां महेश वेंटिलेटर पर चिंताजनक स्थिति में हैं तो वहीं राहुल पाटिल की हालत स्थिर है, गायकवाड़ के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
कोर्ट में पेशी और 14 दिनों की रिमांड
पुलिस की कड़ी सुरक्षा में भाजपा विधायक गणपत गायकवाड़ को चोपड़ा कोर्ट में पेश किया गया। डीसीपी सुधाकर पठारे स्वयं सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे। गणपत गायकवाड़ के समर्थक कोर्ट के आसपास एकत्र हो गए और नारेबाजी करने लगे, जिन्हें पुलिस ने वहॉं से हटा दिया। पेशी के दौरान मात्र 5 मिनट के लिए उन्हें जज के सामने पेश किया गया, जहाँ 14 दिन की पुलिस कोठरी सुनाया गया। पुलिस ने कडा बंदोबस्त किया था। कोर्ट के मुख्य द्वार पर समर्थक डटे रहे। पुलिस ने चकमा देते हुए उन्हें पिछले दरवाजे से पेश किया। बाहर आने पर जब उन्हें वैन में बैठाया जा रहा था, उस समय वे मीडिया से कुछ कहने का प्रयास कर रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें जबरन वैन में बैठाया।विधायक के समर्थक सुनील तांबेकर ने मीडिया को बताया कि गायकवाड़ ने जज के सामने कहा कि मुख्यमंत्री के दबाव में उनके बेटे वैभव गायकवाड़ व मित्र विक्की गणात्रा का नाम घसीटा जा रहा है। वे मीडिया के सामने मुख्यमंत्री के दबाव की बात कहने वाले थे, पुलिस ने जबरन वैन में बैठा दिया।
सतह पर आई भाजपा विधायक गणपत गायकवाड़ और CM शिंदे के बेटे की जंग?
गणपत ने आरोप लगाया है कि सीएम शिंदे और बेटे श्रीकांत पिछले एक साल से उन्हें तंग कर रहे हैं। उनके द्वारा कराए गए विकास कार्य का श्रेय खुद ले लेते हैं। विकास के लिए मैं फंड लाता हूं, लेकिन होर्डिंग लगाकर क्रेडिट सांसद श्रीकांत शिंदे लूट लेते हैं। मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के झूंठे आरोप लगाते हैं। भाजपा विधायक द्वारा शिवसेना नेता महेश गायकवाड़ पर गोली चलाने की घटना का वीडियो वायरल है। देखने में भले ही घटना गुस्से में उठाया गया कदम भर लगे, लेकिन इसकी जड़ें काफी गहरी है। घटना के पीछे जमीन के धंधे में वर्चस्व की लड़ाई तो है ही, कुछ ऐसा भी है जो भाजपा और शिवसेना शिंदे गुट के बीच की खींचतान का स्पष्ट संकेत देता है। दोनों गुटों के नेताओं की क्रिया-प्रतिक्रिया बताती है कि भले ही दोनों दल सत्ता में साथ-साथ हैं, लेकिन सब कुछ अच्छा नहीं है। पिछले कुछ वक्त से विधायक गणपत गायकवाड़ और शिंदे गुट के नेता महेश गायकवाड़ के बीच ठनी हुई है। जिले के कल्याण-डोंबिवली में जमीनों की मांग और बढ़ती कीमतों के कारण दोनों में वर्चस्व की लड़ाई है, ताजा घटना भी वर्चस्व की लड़ाई की ही देन बताया जाता है। परंतु लड़ाई की वजह सियासत भी है। महेश गायकवाड़ ने गणपत गायकवाड़ की विधानसभा सीट पर निगाह लगा रखी है। स्थानीय भाजपा नेताओं का आरोप है कि महेश के ऊपर सांसद श्रीकांत का हाथ है। इसी दम पर वह भाजपा विधायक गणपत से भिड़ता रहता है। श्रीकांत शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे होने के साथ ही लोकसभा सांसद भी हैं। गणपत और श्रीकांत में भी कई बार आमना-सामना हो चुका है। महेश गायकवाड़ पर फायरिंग के बाद गणपत ने कहा कि वह मेरी 10 साल पहले खरीदी हुई जमीन है। भाजपा - सेना ने पिछले साल कई मौकों पर ठाणे जिले और कल्याण-डोंबिवली एरिया में एक-दूसरे को चुनौती दी है। खासतौर पर श्रीकांत शिंदे के संसदीय क्षेत्र वाले इलाके में बढ़ती दरार को देख डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस अक्टूबर 2023 में विधायक गायकवाड़ के घर गए थे। इससे दिखाने की कोशिश की गई थी कि पार्टी नेतृत्व स्थानीय इकाई के साथ है। विधायक गायकवाड़ ने आरोप लगाया कि सीएम और उनके बेटे श्रीकांत शिंदे के इशारे पर स्थानीय पुलिस भाजपा नेताओं के साथ भेदभाव कर रही है। फडणवीस की यात्रा के दौरान कई भाजपा नेताओं ने विभिन्न घटनाओं का जिक्र किया था। उन्होंने बताया था कि किस तरह से शिवसेना नेता भाजपा नेताओं पर हमले कर रहे हैं। पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज की थी, लेकिन आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया था। जून में डोंबिवली पुलिस ने स्थानीय भाजपा नेता नंदू जोशी के खिलाफ एक केस दर्ज किया था। भाजपा नेताओं ने इसका विरोध किया था और आरोप लगाया था कि पुलिस ने ऐसा सांसद श्रीकांत शिंदे के इशारे पर किया है। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में काफी गुस्सा था। उन्होंने तय किया 2024 चुनाव में स्थानीय भाजपा इकाई कल्याण लोकसभा में श्रीकांत के लिए प्रचार नहीं करेगी। दोनों पक्षों में किस हद तक मन मुटाव रहा है, इसका अंदाजा एक और घटना से लगाया जा सकता है। दिसंबर 2023 में भाजपा ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बड़ी जीत हासिल की, इसके बाद विधायक गायकवाड़ के नेतृत्व में स्थानीय भाजपा नेताओं ने कहा कि पार्टी को कल्याण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहिए। जबकि कल्याण लोकसभा सीट से वर्तमान में श्रीकांत शिंदे सांसद हैं। जवाब देते हुए सांसद श्रीकांत शिंदे ने इस बयान को एक मजाक बताया था। श्रीकांत के बयान से चिढ़े हुए भाजपा विधायक ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पावर और पैसे के लिए अपनी ही पार्टी को धोखा देने वाले देशद्रोहियों को पूरी दुनिया जोकर लगती है। इस तरह के मतभेदों के बीच तमाम तरह की आशंकाएं तो थीं, लेकिन चीजें ऐसा स्वरूप ले लेंगी, यह किसी ने नहीं सोचा था।
■ क्या है शिंदे का संकेत?
घटना के बाद मुख्यमंत्री शिंदे अपने बेटे श्रीकांत के साथ अस्पताल पहुंचे जहां महेश गायकवाड़ का इलाज चल रहा है। इससे उन्होंने यह साफ संकेत दे दिया कि चाहे जो हो जाए वह अपने ही गुट का साथ देंगे। हालांकि शिंदे गुट के प्रवक्ता नरेश म्हास्के ने इस घटना को व्यक्तिगत लड़ाई बताया है। वहीं भाजपा की तरफ से डिप्टी सीएम ने जांच की बात कही है। प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है वे पता लगाने की कोशिश में हैं कि असल में उल्हासनगर में हुआ क्या है। इसके उलट सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा है कि सीसीटीवी फुटेज ने दावे की असलियत सामने ला दी है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस मामले में ढंग से ऐक्शन लेंगी।
सतह पर आई भाजपा विधायक गणपत गायकवाड़ और CM शिंदे के बेटे की जंग?
गणपत ने आरोप लगाया है कि सीएम शिंदे और बेटे श्रीकांत पिछले एक साल से उन्हें तंग कर रहे हैं। उनके द्वारा कराए गए विकास कार्य का श्रेय खुद ले लेते हैं। विकास के लिए मैं फंड लाता हूं, लेकिन होर्डिंग लगाकर क्रेडिट सांसद श्रीकांत शिंदे लूट लेते हैं। मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के झूंठे आरोप लगाते हैं। भाजपा विधायक द्वारा शिवसेना नेता महेश गायकवाड़ पर गोली चलाने की घटना का वीडियो वायरल है। देखने में भले ही घटना गुस्से में उठाया गया कदम भर लगे, लेकिन इसकी जड़ें काफी गहरी है। घटना के पीछे जमीन के धंधे में वर्चस्व की लड़ाई तो है ही, कुछ ऐसा भी है जो भाजपा और शिवसेना शिंदे गुट के बीच की खींचतान का स्पष्ट संकेत देता है। दोनों गुटों के नेताओं की क्रिया-प्रतिक्रिया बताती है कि भले ही दोनों दल सत्ता में साथ-साथ हैं, लेकिन सब कुछ अच्छा नहीं है। पिछले कुछ वक्त से विधायक गणपत गायकवाड़ और शिंदे गुट के नेता महेश गायकवाड़ के बीच ठनी हुई है। जिले के कल्याण-डोंबिवली में जमीनों की मांग और बढ़ती कीमतों के कारण दोनों में वर्चस्व की लड़ाई है, ताजा घटना भी वर्चस्व की लड़ाई की ही देन बताया जाता है। परंतु लड़ाई की वजह सियासत भी है। महेश गायकवाड़ ने गणपत गायकवाड़ की विधानसभा सीट पर निगाह लगा रखी है। स्थानीय भाजपा नेताओं का आरोप है कि महेश के ऊपर सांसद श्रीकांत का हाथ है। इसी दम पर वह भाजपा विधायक गणपत से भिड़ता रहता है। श्रीकांत शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे होने के साथ ही लोकसभा सांसद भी हैं। गणपत और श्रीकांत में भी कई बार आमना-सामना हो चुका है। महेश गायकवाड़ पर फायरिंग के बाद गणपत ने कहा कि वह मेरी 10 साल पहले खरीदी हुई जमीन है। भाजपा - सेना ने पिछले साल कई मौकों पर ठाणे जिले और कल्याण-डोंबिवली एरिया में एक-दूसरे को चुनौती दी है। खासतौर पर श्रीकांत शिंदे के संसदीय क्षेत्र वाले इलाके में बढ़ती दरार को देख डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस अक्टूबर 2023 में विधायक गायकवाड़ के घर गए थे। इससे दिखाने की कोशिश की गई थी कि पार्टी नेतृत्व स्थानीय इकाई के साथ है। विधायक गायकवाड़ ने आरोप लगाया कि सीएम और उनके बेटे श्रीकांत शिंदे के इशारे पर स्थानीय पुलिस भाजपा नेताओं के साथ भेदभाव कर रही है। फडणवीस की यात्रा के दौरान कई भाजपा नेताओं ने विभिन्न घटनाओं का जिक्र किया था। उन्होंने बताया था कि किस तरह से शिवसेना नेता भाजपा नेताओं पर हमले कर रहे हैं। पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज की थी, लेकिन आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया था। जून में डोंबिवली पुलिस ने स्थानीय भाजपा नेता नंदू जोशी के खिलाफ एक केस दर्ज किया था। भाजपा नेताओं ने इसका विरोध किया था और आरोप लगाया था कि पुलिस ने ऐसा सांसद श्रीकांत शिंदे के इशारे पर किया है। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में काफी गुस्सा था। उन्होंने तय किया 2024 चुनाव में स्थानीय भाजपा इकाई कल्याण लोकसभा में श्रीकांत के लिए प्रचार नहीं करेगी। दोनों पक्षों में किस हद तक मन मुटाव रहा है, इसका अंदाजा एक और घटना से लगाया जा सकता है। दिसंबर 2023 में भाजपा ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बड़ी जीत हासिल की, इसके बाद विधायक गायकवाड़ के नेतृत्व में स्थानीय भाजपा नेताओं ने कहा कि पार्टी को कल्याण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहिए। जबकि कल्याण लोकसभा सीट से वर्तमान में श्रीकांत शिंदे सांसद हैं। जवाब देते हुए सांसद श्रीकांत शिंदे ने इस बयान को एक मजाक बताया था। श्रीकांत के बयान से चिढ़े हुए भाजपा विधायक ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पावर और पैसे के लिए अपनी ही पार्टी को धोखा देने वाले देशद्रोहियों को पूरी दुनिया जोकर लगती है। इस तरह के मतभेदों के बीच तमाम तरह की आशंकाएं तो थीं, लेकिन चीजें ऐसा स्वरूप ले लेंगी, यह किसी ने नहीं सोचा था।
■ क्या है शिंदे का संकेत?
घटना के बाद मुख्यमंत्री शिंदे अपने बेटे श्रीकांत के साथ अस्पताल पहुंचे जहां महेश गायकवाड़ का इलाज चल रहा है। इससे उन्होंने यह साफ संकेत दे दिया कि चाहे जो हो जाए वह अपने ही गुट का साथ देंगे। हालांकि शिंदे गुट के प्रवक्ता नरेश म्हास्के ने इस घटना को व्यक्तिगत लड़ाई बताया है। वहीं भाजपा की तरफ से डिप्टी सीएम ने जांच की बात कही है। प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है वे पता लगाने की कोशिश में हैं कि असल में उल्हासनगर में हुआ क्या है। इसके उलट सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा है कि सीसीटीवी फुटेज ने दावे की असलियत सामने ला दी है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस मामले में ढंग से ऐक्शन लेंगी।
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