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सेवानिवृत्त भारतीय सेना अधिकारी की गला दबाकर जान से मारने की, की गई कोशिश।

सेवानिवृत्त सैन्यअधिकारी पर हमला, गला दबाकर जान से मारने कि, की गई कोशिश !!

नवी मुंबई : नई मुंबई के खारघर में सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी पारसनाथ सिंह अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनपर राजू अडवले, रत्नाकर वायकर, वाडकर व टकले ने हमला कर की मारपीट (मौबलिंचिंग) मामला परप्रांतियों को इमारत से निकालने का दिखाई दे रहा है। सैन्य अधिकारी व उनके सुपुत्र पनवेल के अस्पताल में भर्ती। पुलिस के कार्य से असंतुष्ट पीड़ित परिवार।

बतादें की पारसनाथ सिंह अपने परिवार के साथ फ्लैट नं.1, बी/11, कुंज विहार सीएचएसए घरकुल, सोसाइटी से.15, खारघर, नई मुंबई 410210, में रहते हैं। वहीं के रहवासी राजू अडवले, टकले व उनके पुत्र रत्नाकर वायकर ने वाडकर के साथ मिलकर भारतीय सेना से सेवानिवृत्त पारसनाथ व उनके पुत्र राहुल सिंह पर हमला कर दिया। राजू अडवले, रत्नाकर वायकर और हंडोले के हाथों पिटता देख राहुल की माँ अपने बेटे को बचाने पहुंची तब भीड़ ने माँ को भी बुरी तरह से धक्का दे दिया और राहुल का गला पूरी ताकत से दबाने लगे, भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने राहुल के हाथों को कसकर पकड़ लिया ताकि वह खुद को बचा न सके। घट रही घटना को राहुल की बहन अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर रही थी तो श्रीमती टकले ने उनका फोन छीनकर फेंक दिया और गालियां देने लगी। अब राहुल की बहन, माँ और राहुल भीड़ से इतने डर गये कि अपने फ्लैट बी 11/1 की ओर भागे और अपने आपको अंदर बंद कर लिया। फिर भी भीड़ ने उनका पीछा नहीं छोड़ा और वहांँ भी पहुंच गई और टाकले का बेटा भीड़ को हमला करने के लिए उकसाता रहा। 3-4 बार दरवाजे का ग्रिल तोड़ने की कोशिश किया गया। हत्या की कोशिश का यह सारा माजरा सोसायटी के सीसीटीवी में रिकॉर्ड है, कुछ हिस्सा फोन में भी रिकॉर्ड हुआ है। राहुल की बहन ने बताया "मुझ पर व परिवार पर वाघमारे के साथ राजू अडवले द्वारा बार-बार हमले किए गये हैं। मुझे अपने जीवन हानि का डर है। उन्होंने मेरे भाई की गर्दन दबाकर उसे मारने का पूरा प्रयास किया, जिसके परिणामस्वरूप उसके हाथों,चेहरे, होंठों पर खून बहता हुआ दिखाई दिया। हमारे समाज के लोग व्हाट्सएप पर मेरे पिता के पीटे जाने की चर्चा कर रहे थे। जिसकी सूचना खारघर पुलिस को दी गई और उन्होंने एनसीआर दर्ज किया है। जिसका एनसी नं. 25/06/2023 दिनांक 17 दिसम्बर है। ग्रुप में किया गया व्हाट्सएप चैट भी उपलब्ध है।


श्री सिंह ने कहा कि इस पूरी घटना से मैं पूरी तरह टूट गया हूं, इसने मेरे जेहन पर गहरा घाव कर दिया है। मुझे व मेरे परिवार को चोट पहुंचाने के लिए इतने सारे लोग योजनाबद्ध तरीके से तत्पर हैं, यह देखकर मैं बेहद चिंता और संकट में हूँ। अपने परिवार की सुरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य को लेकर बहुत डरा हुआ हूँ। इस समय मैं और मेरा बेटा इलाज के लिए पनवेल के एमजीएम अस्पताल में भर्ती है। स्थानीय पुलिस बार एनसीआर दर्ज कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री समझ लेती है यही कारण है कि इस बार मामला ज्यादा गंभीर हो गया। इस बार भी पुलिस एनसीआर ही दर्ज कर मामले को हल्का करने के फिराक में थी परंतु "मानवाधिकार संरक्षण संस्था" समाजसेवक मितुल पोद्दार और समाजसेविका अक्षता उतेकर तक मामला पहूँचने और उनके हस्तक्षेप की वजह से पुलिस गहनता से जांच कर रही है। अब देखना होगा कि सीमा पर देश की रक्षा करने वाले की रक्षा पुलिस और समाज किस प्रकार से करती है। 

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