कल्याण : कल्याण पूर्व कोलशेवाड़ी पुलिस ने विट्ठलवाड़ी इलाके में मंजूनाथ बार के पीछे गायकवाड़ चाली की एक खोली में छापा मारकर सात लाख रुपये का गुटखा जब्त किया है।
एस.बी.गुंजाल
बताया जा रहा है, गुटखे का स्टॉक गायकवाड़ चाली के एक कमरे में अवैध रूप से संग्रहीत था। इसे पान व किराना दुकानों पर बेचा जाना था। लेकिन उससे पहले ही जोन तीन पुलिस उपायुक्त एस.बी. गुंजाल को खबर मिल गई और उन्होंने विठ्ठलवाडी पुलिसस्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक को सख्त ताकीद दी कि छापेमारी कर गुटखा जब्त करो, इस तरह मजबूरी में कोलसेवाड़ी पुलिस ने कार्यवाही किया और लगभग सात लाख का गुटखा पकड़ा। सूत्रों से जानकारी मिली है जो जानकर आपको आश्चर्य होगा कि मुख्य सरगना मनीष यादव व विनोद गंगवानी छापे के दौरान पुलिस के साथ ही थे और मान मनव्वल कर रहे थे परंतु डीसीपी के सख्त आदेश और पक्की खबर होने के कारण स्थानीय पुलिस कार्यवाही तो नहीं रोक पायी परंतु सांठगांठ कर मुख्य आरोपियों को फरार करा दिया और साथ ही आधा माल भी छोड़ दिया। अब नाम के लिए उनकी तलाश और जांच का ढोंग कर रही है।
बताया जा रहा है, गुटखे का स्टॉक गायकवाड़ चाली के एक कमरे में अवैध रूप से संग्रहीत था। इसे पान व किराना दुकानों पर बेचा जाना था। लेकिन उससे पहले ही जोन तीन पुलिस उपायुक्त एस.बी. गुंजाल को खबर मिल गई और उन्होंने विठ्ठलवाडी पुलिसस्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक को सख्त ताकीद दी कि छापेमारी कर गुटखा जब्त करो, इस तरह मजबूरी में कोलसेवाड़ी पुलिस ने कार्यवाही किया और लगभग सात लाख का गुटखा पकड़ा। सूत्रों से जानकारी मिली है जो जानकर आपको आश्चर्य होगा कि मुख्य सरगना मनीष यादव व विनोद गंगवानी छापे के दौरान पुलिस के साथ ही थे और मान मनव्वल कर रहे थे परंतु डीसीपी के सख्त आदेश और पक्की खबर होने के कारण स्थानीय पुलिस कार्यवाही तो नहीं रोक पायी परंतु सांठगांठ कर मुख्य आरोपियों को फरार करा दिया और साथ ही आधा माल भी छोड़ दिया। अब नाम के लिए उनकी तलाश और जांच का ढोंग कर रही है।
गोल घेरे में कोलसेवाड़ी पुलिस स्टेशन का कलेक्टर मोरे
कल्याण परिमंडल तीन पुलिस उपायुक्त सचिन गुंजल को सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित गुटखे की एक खेप कल्याण पूर्व कोलशेवाड़ी पुलिस स्टेशन की हद में मंजूनाथ बार के पीछे गायकवाड़ चाल के एक रुम में है, जो कभी भी पान व किराना दुकानों पर चली जायेगी। उन्होंने वरिष्ठ निरीक्षक राजेश शिरसाट को सख्त आदेश दिया कि यह छापा फेल नहीं होना चाहिए।यही कारण है कि वे स्वयं अपने मातहत पुलिस अधिकारी उल्हास जाधव, दिनकर पगारे के साथ गायकवाड़ चाली पहुंचे और इंगित कमरे में छापेमारी की, तो पता चला कि कमरे में अवैध रूप से सात लाख रुपये का गुटखा रखा हुआ है। पुलिस ने गुटखा जब्त कर लिया है और मामले में मनीष यादव, इसरार अहमद, विनोद गंगवानी और उसके दो साथियों के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया है। परंतु सांठगांठ कर जब्त किया हुआ कुछ माल छोड़ दिया। फिर भी जांच तो उसी पुलिस के हाथ है, जो हर महीने हफ्ता लेकर प्रतिबंधित गुटखा रखने और बेचने का मौखिक परवाना दे रखा है। बतादें की अग्निपर्व टाईम्स ने एक वर्ष पूर्व "मनीष यादव बेचता है गुटखा और पुलिस देती है संरक्षण" शिर्षक से खबर प्रकाशित किया था। तब मनीषयादव ने फोन पर देख लेने की धमकी दिया था। फिर भी स्थानीय पुलिस ने आंखे मूंद रखी थी। और क्यों न मूंद लेती हर महीने वसूलीबाज मोरे हफ्ता जो लेता था। यही कारण है कि आधे से ज्यादा माल छोड़ दिया गया और मुख्य सरगना मनीष यादव व विनोद गंगवानी को फरार करा दिया। यह जांच का विषय है कि इतनी बड़ी मात्रा में गुटखा कहां से आया? और इसमें स्थानीय पुलिस का क्या रोल है। लेकिन यह जांच राज्य सीआईडी से कराये जाने पर पता चलेगा। स्थानीय पुलिस लीपापोती कर देगी।अब देखना होगा कि डीसीपी साहब और राज्य सरकार कोई संज्ञान लेती है या फिर जांच युं ही कोलसेवाड़ी पुलिस के भरोसे छोड़ देती है।
कल्याण परिमंडल तीन पुलिस उपायुक्त सचिन गुंजल को सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित गुटखे की एक खेप कल्याण पूर्व कोलशेवाड़ी पुलिस स्टेशन की हद में मंजूनाथ बार के पीछे गायकवाड़ चाल के एक रुम में है, जो कभी भी पान व किराना दुकानों पर चली जायेगी। उन्होंने वरिष्ठ निरीक्षक राजेश शिरसाट को सख्त आदेश दिया कि यह छापा फेल नहीं होना चाहिए।यही कारण है कि वे स्वयं अपने मातहत पुलिस अधिकारी उल्हास जाधव, दिनकर पगारे के साथ गायकवाड़ चाली पहुंचे और इंगित कमरे में छापेमारी की, तो पता चला कि कमरे में अवैध रूप से सात लाख रुपये का गुटखा रखा हुआ है। पुलिस ने गुटखा जब्त कर लिया है और मामले में मनीष यादव, इसरार अहमद, विनोद गंगवानी और उसके दो साथियों के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया है। परंतु सांठगांठ कर जब्त किया हुआ कुछ माल छोड़ दिया। फिर भी जांच तो उसी पुलिस के हाथ है, जो हर महीने हफ्ता लेकर प्रतिबंधित गुटखा रखने और बेचने का मौखिक परवाना दे रखा है। बतादें की अग्निपर्व टाईम्स ने एक वर्ष पूर्व "मनीष यादव बेचता है गुटखा और पुलिस देती है संरक्षण" शिर्षक से खबर प्रकाशित किया था। तब मनीषयादव ने फोन पर देख लेने की धमकी दिया था। फिर भी स्थानीय पुलिस ने आंखे मूंद रखी थी। और क्यों न मूंद लेती हर महीने वसूलीबाज मोरे हफ्ता जो लेता था। यही कारण है कि आधे से ज्यादा माल छोड़ दिया गया और मुख्य सरगना मनीष यादव व विनोद गंगवानी को फरार करा दिया। यह जांच का विषय है कि इतनी बड़ी मात्रा में गुटखा कहां से आया? और इसमें स्थानीय पुलिस का क्या रोल है। लेकिन यह जांच राज्य सीआईडी से कराये जाने पर पता चलेगा। स्थानीय पुलिस लीपापोती कर देगी।अब देखना होगा कि डीसीपी साहब और राज्य सरकार कोई संज्ञान लेती है या फिर जांच युं ही कोलसेवाड़ी पुलिस के भरोसे छोड़ देती है।
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