ताजा ख़बर

6/recent/ticker-posts

कलेंडर वर्ष 2024 के स्वागत और 2023 की बिदाई में दो शब्द अग्निपर्व टाईम्स संपादक की ओर से

     2023 की बिदाई और 2024 का स्वागत करें,हमने क्या खोया और क्या पाया !! 

इस वर्ष 2023 में मात्र दो दिन बचे हैं, सोमवार से 2024 शुरू हो जायेगा। पिछला वर्ष तोड़फोड़ वाला रहा। शिवसेना दो धड़ों में बट गई, उद्धव से अलग होकर एकनाथ शिंदे भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गये। इसी तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी टूट गई, अजीत पवार अपने चाचा शरद पवार से अलग होकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बन गये, इस तरह महाराष्ट्र को देवेन्द्र फडणविस और अजीत पवार के रुप में दो उपमुख्यमंत्री मिल गये। अब आप कहेंगे जनता को क्या मिला तो मेरी नजर में जनता को कुछ नहीं मिला। विकास विकास की रट लगाये मुख्यमंत्री महोदय को आम जनता से कोई सरोकार नहीं, एकनाथ शिंदे ही नगरविकास मंत्री हैं, उनके विभाग के खिलाफ उल्हासनगर का राजेश नागदेव 243 दिनों से आजाद मैदान पर धरना दे रहा है। वह भी ऐसे भ्रष्ट अधिकारी गणेश शिंपी की जांच के लिए जिनपर कई दर्जन शिकायतें पुलिस स्टेशन व उनके अपने विभाग में दर्ज हैं। पर नगर विकास मंत्री व मंत्रालय गणेश शिंपी को बचाने के लिए नतमस्तक है, यही कारण है कि एक सर्वे में महाराष्ट्र भ्रष्टाचार के मामले में अव्वल आया है। यह तो रही उल्हासनगर महानगरपालिका की बात इसी तरह मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र ठाणे जिले की सभी नपा, मनपा या युं कहें सारे सरकारी महकमे का है। महाराष्ट्र को भ्रष्टाचार के मामले में प्रथम लाने के लिए ठाणे जिले ने काफी सहयोग किया है।

उल्हासनगर भाजपा में भी काफी उलट फेर हुआ जमुनो पुरुस्वानी को बदलकर प्रदीप रामचंदानी को भाजपा अध्यक्ष बना दिया गया। जिनपर उल्हासनगर महापालिका के सार्वजनिक बांधकाम विभाग से फाईल चोरी करने का आरोप लगा और चलचित्र प्रसारित होने के बाद मामला दर्ज हो गया और वे जेल गये, यह और बात है कि अपने रसूख और रुपयों का उपयोग कर बच गये। अब भाजपा अध्यक्ष बनकर स्थानीय विधायक कुमार आयलानी का पर कतरने में मशगूल हैं। यही कारण है कि दल बदल कर आये कथित नेता दिपक छतलानी को दरकिनार करने के लिए भाजपा व्यापारी सेल के लिए नया अध्यक्ष चुना गया। जबकि छतलानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी व उसकी व्यापारी ईकाई युटीए छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। और अपना यूएसए नामक व्यापारी संगठन भी बनाया था। और स्वघोषित अध्यक्ष बने बैठे हैं। वहीं बड़बोले दीपक छतलानी को अब भाजपा नेतृत्व दर किनार करने में लगा है।उनकी जगह भरने के लिए ही प्रदीप रामचंदानी ने जगदीश तेजवानी को भाजपा व्यापारी ईकाई का अध्यक्ष बनाया है। इस तरह उन्होंने एक तीर से दो शिकार कर छतलानी व आयलानी दोनों को घायल कर दिया है। स्थानीय भाजपा में हमेशा से गुटबाजी देखने को मिलती रही है। आज के समय में भी गुटबाजी है। एक गुट की कमान विधायक कुमार आयलानी संभाले हुए हैं तो दूसरे गुट की कमान स्थानीय भाजपा अध्यक्ष प्रदीप रामचंदानी संभाल रहे हैं। प्रदीप की नियुक्ति जबसे अध्यक्ष पद पर हुई है, तबसे वे आयलानी और उनके लोगों का पर कतरने में जुट गए हैं। पूर्व अध्यक्ष जमनु पुरुस्वानी राजेश वदारिया, राजू जग्यासी, चार्ली पारवानी जैसे दिग्गजों को दरकिनार कर प्रमुख पदों पर अपने चहेतों को बैठा दिया है। इसी तरह राकपा छोड़कर भाजपा से जुड़े दीपक छतलानी को भी विधायक का करीबी माना जाता है। उन्हीं के इशारे पर दीपक छतलानी ने युटिए को टक्कर देने के लिए नेहरु चौक के कुछ व्यापारियों और प्लास्टिक विक्रेताओं को जमाकर युएसए का गठन कर यू.टी.ए. की तर्ज पर व्यापारी संगठन बनाया है। 
      जगदीश तेजवानी.       दीपक छतलानी 
    राजेश नागदेव 
उल्लेखनीय है कि उल्हासनगर के व्यापारी नियम व कानून को मानते ही नहीं, उनका ज्यादातर व्यापार सड़कों और फुटपाथों पर कब्जा कर चलता है। इसी तरह लगभग सभी व्यापारी प्रतिबंधित पन्नियों का उपयोग ही नहीं करते बल्कि कुछ लोग बनाते भी है कि इनको पुलिस महापालिका व अन्य सरकारी महकमों को मैनेज कर रुपये पहुंचाने वाला कोई नेता चाहिए होता है। पन्नी बेचने और बनाने वाले व्यापारियों तथा फुटपाथ कब्जा कर उसपर व्यापार करने वालों की ओर से हर महीने सरकारी महकमों व अन्य लोगों लिफाफा बांटने के लिए ही दीपक छतलानी को अध्यक्ष बनाया गया था। उसपर अगर विधायक का समर्थन हो तो क्या कहने, सोने पर सुहागा। यह हम ही नहीं कह रहे, ऐसा आरोप कई बार राकपा प्रवक्ता की ओर से लगाया जा चुका है। क्या ही कारण है कि प्रदीप रामचंदानी ने दीपक छतलानी को दरकिनार कर व्यापारियों से जुड़े जगदीश तेजवानी को भाजपा व्यापारी ईकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया है। अब व्यापारी पशोपेश में हैं कि हफ्ता बांटने के लिए रुपये किसको दें? तेजवानी की नियुक्ति से भाजपा को तो फायदे होंगे परंतु अगर सारे व्यापारियों ने दिपक छतलानी से मुख मोड़ लिया तो छतलानी को दाल रोटी के वांदे होंगे ही नेतागिरी भी खत्म हो जायेगी? कथित तौर पर इनके पास अध्यक्षपद और अवैध निर्माण के अलावे दूसरा कोई व्यापार नहीं हैं। अवैधनिर्माण कारोबार भी इन्हीं व्यापारियों की बदौलत ही चलता है। गुरुनो गोपलानी की अकाल मृत्यु और पप्पू कालानी के उदय के बाद से ही व्यापारियों पर भाजपा की पकड़ कमजोर हो गई थी। लगता है, फिर व्यापारी भाजपा से जुड़ेंगे और वह कार्य अब जोर शोर से शुरू भी हो गया है। हाल ही मे तेजवानी के नेतृत्व मे इलेक्ट्रॉनिक बाजार के सौ से अधिक व्यापारी सार्वजनिक निर्माण मंत्री रविन्द्र चौहान के समक्ष भाजपा ईकाई में शामिल हुए, जिनका स्वागत किया गया। कांग्रेस की क्या चर्चा करें वह तो चैतन्य शुन्य है और उल्हासनगर राकपा कार्यकर्ता पशोपेश में है क्या करें अजीत पवार के खेमें में जाय या शरद पवार के? अब इसी तरह 2023 की बिदाई और 2024 का स्वागत करें, बाकी सब समय पर छोड़ दें। इतिश्री....... 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ