Jaijeetsingh Sudhakar pathare
कल्याण : ठाणे पुलिस आयुक्तालय परिमंडल-4, उल्हासनगर के पुलिस उपायुक्त ने नकल लाटरी को परमीशन दे रखा है। कई जगह खुलेआम 15 मिनट में हार जीत का परिणाम देने वाली फर्जी लाटरी की दुकानें शुरु हैं। अमीर बनने के चक्कर में लोग बन रहे हैं गरीब,कई बार खबर लिखे जाने व साथ ही पुलिस महानिदेशक,मुख्यमंत्री,गृहमंत्री को मेल, टियुटर, फेसबुक द्वारा सूचित किये जाने के बाद भी नहीं हो रही है कार्यवाही?
शहर की भोलीभाली जनता को रातों रात अमीर बनाने का झांसा देकर कंप्यूटर में सेटींग कर लूटा जा रहा है। गरीब व मध्यम वर्गीय जनता के खून-पसीने की गाढ़ी कमाई लूट कर लाटरी चालक व पुलिस बन रही है करोड़पति! इन जुआ चालकों ने कई परिवारो का जीना मुश्किल कर दिया है। कभी कभार कार्यवाही भी होती है, परंतु दुकानें फिर से दूसरे दिन शुरू हो जाती हैं। इन दुकानों के जादू के बारे में बताया जाता है कि एक रुपये की लागत पर सौ रुपये का मुनाफा है। लाटरी चालक पुलिस के आला अधिकारियों से लेकर छोटे-बड़े लगभग हर कर्मचारी, विधायक, समाज सेवक, स्थानीय गुंडों के साथ कुछ पत्रकारों को हर महीने हफ्ता पहुंचाता है। यही जादू है, अवैध लाटरी बिना जीएसटी भरे, खुलेआम भरे बाजार में धड़ल्ले से चल रही है। ऐसी लाटरी की 100 से अधिक दुकानें उल्हासनगर, अंबरनाथ, बदलापुर में चल रही हैं। परिमंडल चार के पुलिस उपायुक्त ने लाखों रुपयों का हफ्ता लेकर अवैध लाटरी को परमीशन दिया है। यही कारण है कि शिकायतों के बाद भी नहीं होती इन अवैध लाटरी दुकानों पर कोई कार्यवाही! जब वरिष्ठ अधिकारी ही भ्रष्ट हों तब आम जनता शिकायत करने कहॉं जाय? छोटी वसूली के लिए पाठारे साहब ने योगेश शिंदे और बड़ी वसूली/सेटींग के लिए सोमबाबा जाधव को कलेक्टर रख रखा है।
राजश्री लॉटरी बहुत पहले ही बंद हो चुकी है परंतु उसके नामका का उपयोग आज भी किया जाता है, जबकि कंप्यूटर में कुछ और ही नाम होता है। इस तरह कई संगठित गुनाहों के गुनाहगार और माफिया शासन का महसूल ही नहीं डुबो रहे हैं, बल्कि शहर की भोली-भाली जनता को भी ठग रहे हैं। देखना होगा कि खबर के बाद सरकार और प्रशासन की आंखों पर बंधी नोटों की पट्टी खुलती है या फिर लाटरी का यह कारोबार यूं ही सरेआम पुलिस के समर्थन से फलता फूलता रहता है और आम जनता लुटती रहती है।
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