कल्याण : टिटवाला ग्रामीण पुलिस ने कल्याण सत्र न्यायाधीश के आदेश पर हत्या की कोशिश व जमीन हड़पने की साजिश रचने के आरोप में 7 लोगों पर मामला दर्ज किया, उल्हासनगर के पूर्व उपमहापौर व रिपब्लिकन पार्टी अध्यक्ष भगवान भालेराव का भी समावेश, सभी आरोपी फरार पुलिस तलाश में जुटी।
शिकायतकर्ता श्रीचंद कुकरेजा ने शिकायत की है कि 1986 में तुकाराम नामक व्यक्ति से उन्होंने वरप गांव में जमीन खरीदी थी। उन्होंने जमीन पर उन्होंने कब्जा भी कर लिया था, लेकिन तुकाराम ने आरोपी पूर्व उपमहापौर भगवान भालेराव को सुपारी देकर जमीन खाली कराने की कोशिश की
कुकरेजा के लोगों पर किया गया हमला :-
जमीन खाली कराने के लिए दो बार आदमी भेज- कर कुकरेजा के लोगों पर हमला भी कराया गया। कुकरेजा ने पुलिस में शिकायत करने की कोशिश की लेकिन उंचे रसूख के चलते उनकी शिकायत नहीं दर्ज की गई। जिसके बाद उन्होंने कल्याण सत्र न्यायालय की शरण ली। कोर्ट ने टिटवाला पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए निर्देशित किया। शिकायत के आधार पर पुलिस ने भगवान भालेराव अश्विन भोईर, तुकाराम भोईर, अश्विन की पत्नी, अरविंद भोईर, प्रमोद थोरात व मछिन्द्र आव्हाड पर हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया है। बतादें अगर जांच-पड़ताल की जाय तो भगवान भालेराव पर और कई अन्य मामले दर्ज हो सकते हैं, क्योंकि उन्होंने उल्हासनगर में भी कई सरकारी और गैर सरकारी जमीनों के साथ दुकानों व मकानों पर अवैध कब्जा किया है। जिसको उल्हासनगर मनपा के साथ ही पुलिस ने भी अनदेखा किया है। उंचे रसूख व केंद्रीय मंत्री से संबंध का फायदा उठाकर उल्हासनगर में तो अवैध निर्माण और भूमि कब्जाने का व्यापार ही शुरू रहा है। यही कारण है भगवान भालेराव रोडपती से अरब-खरबपति बन गये। यह संपत्ति अचानक ही नहीं आ गई। भालेराव की जांच सीबीआई और ईडी जैसी संस्थाओं से कराया जाना चाहिए ताकि और भी कई मामले उजागर हो और आम लोगों को न्याय मिल सके। अब देखना है कि सरकार इस समाचार पर कितना ध्यान देती है। और जांच कराती भी है या नहीं।
1 टिप्पणियाँ
उल्हासनगर के नेताओं की जांच होनी चाहिए कल के फकीर आज करोड़ पति वनकर बैठे हैं कहां से आता है पैसा आज जितने सड़क बन रहे हैं या कोई काम होता है तो थुक लगाने का काम किया जाता है और फिर उसी काम को दुबारा साफ कर बिल पास करा लेते हैं नेता ठेकेदार जनता को लुट कर अपना घर भर रहे हैं इनकी जांच क्यों नहीं होती
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