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अनियमितता से पूर्ण पटाखा दुकानों को मुख्य बाजारों से बाहर कब ले जाया जायेगा?

                 बारुद की ढेर पर उल्हासनगर का मुख्य बाजार !!

अपटा निजसंवाददाता
उल्हासनगर : उल्हासनगर शहर का मुख्यबाजार व नेहरू चौक परिसर बारुद की ढेर पर नजर आ रहा है। यहाँ परवाने में दी गई मात्रा से कई गुना ज्यादा पटाखे दुकानों में व सामने रखे होते हैं।अनहोनी की स्थिति में फर्नीचर बाजार, कटलरी, पन्नी व गजानन मार्केट स्थित कपड़ा बाजार में काफी जानमाल का नुकसान हो सकता है। 
उल्हासनगर के मुख्य बाजार में पटाखों की दुकानें हैं,जहाँ प्लास्टिक, कटलरी, कपड़ों के साथ ही फर्नीचर बाजार है, यही कारण है कि यहाँ काफी भीड़ भाड़ होती है। और अन्य बाजारों के साथ ही यंही पटाखे का बाजार भी है। जहॉं अनुज्ञप्ति (licence) में तंय मात्रा से कई गुना ज्यादा पटाखे दुकानों में व बाहर रखे होते हैं। अग्निशमन विभागानुसार कई दुकानों के अनुज्ञप्ति का नवीनीकरण नहीं हुआ था। ऐसे ही 4 दुकानों पर विभाग ने दो-दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। बताते चलें उल्हासनगर जिले का सबसे बड़ा पटाखा बाजार है। जिले के विभिन्न स्थानों से व्यापारी व नागरिक यहां पटाखा खरीदने आते हैं। इनमें से अधिकांश दुकानें सभी सरकारी नियमों को दरकिनार कर आवासीय और बाजार क्षेत्रों में स्थापित हैं। दिवाली के त्योहार पर दुकानदारों को आग के खतरे से विशेष सावधान रहने की जरूरत है। यहां पटाखों की कुल 36 दुकानें हैं। सरकार, पुलिस व नियमों को दरकिनार कर यहॉं भारी मात्रा में पटाखों का भंडारण किया गया है, यही कारण है कि यहाँ हर वक्त बड़ी दुर्घटना का खतरा बना रहता है। इस संबंध में संबंधित विभागों पर ढिलाई बरतने का भी आरोप लगता रहता है।
अग्निशमन विभाग के प्रमुख बालू नेटके ने पटाखा दुकानों की देखभाल शुरू कर दी है। शुक्रवार को 36 में से15 दुकानों के सर्वेक्षण से पता चला कि चार दुकानदारों ने अपने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया है। इन दुकानों पर 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना लगाया है, तो वहीं नगर निगम ने दिवाली तक गोल मैदान में आठ और दशहरा मैदान में 12 पटाखा दुकानों को अस्थाई मंजूरी दे दी है।

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