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छठपर्व पर नदी आनेवाले श्रद्धालुओं को कैसे सुविधा दी जाय, जायजा लेते हिंदीभाषी!!

उल्हासनदी पर घाट के लिए 1 करोड़ रुपये हुए पास पर काम नहीं हुआ? 
विधायक कुमार आयलानी उत्तर भारतीयों को दे रहे हैं चाकलेट? 

उल्हासनगर : उल्हासनगर में हिंदी भाषियों की जनसंख्या लाखों में है। इनमें बिहार तथा उत्तरप्रदेश के कुछ हिस्सों के लोग दिपावली के छठवें दिन, सुर्यउपासना का पर्व छठपूजा बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। पूजा के लिए नदी, तालाब या जलासय के तीरपर पूजा कर, जहाँ साफ व शुद्ध जल हो ताकि जल से सूर्य देवता को अर्ग दिया जा सके। इस तरह का स्थान उल्हासनदी का किनारा ही हो सकता है। इसीलिए यहॉं हर वर्ष कई हजार लोग छठ पूजा करने के लिए एकत्र होते हैं। और प्रशासन की ओर से साफ-सफाई व पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था दी जाती है। जहाँ कई हजार लोग घाट पर पूजापाठ करने के लिए एकत्रित होते हैं वहीं कुछ नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए भी आते हैं। 
      उल्हासनदी के घाट का जायजा लेते हुए उत्तर भारतीय 

पिछले वर्ष उल्हासनगर विधानसभा से विधायक कुमार आयलानी ने रिजेंसी एंटिलिया स्थित उल्हास नदी के किनारे एक सुसज्जित छठ पूजाघाट बनाने का आह्वान किया था। जिसके लिए विधायक निधि से एक करोड़ रुपया आवंटित करने की घोषणा कर सार्वजनिक बांधकाम मंत्री रविंद्र चव्हाण से मूहुर्त भी करा दिया, परंतु उद्घाटन किये हुए एक वर्ष बीत गये और फिर से छठपर्व आ गया। सूर्योपासना के महापर्व की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। विधायक द्वारा घोषित एक करोड़ रुपये की निधि जिससे घाटों को सुव्यवस्थित रूप से सजाने की योजना बनाई गई थी। वह निधि कहॉं गई? श्रद्धालुओं के साथ विधायक द्वारा छलावा किए जाने का आरोप स्थानीय उत्तर भारतीय समाज के नेताओं ने लगाया है। काम शुरू नहीं होने से अब यह योजना खटाई में पड़ गई है। इसको लेकर लोगों में भारी आक्रोश नजर आ रहा है। उल्हासनदी पर शहर के हजारों लोग छठ पूजा करने आते हैं। उन्हें किसी प्रकार की तकलीफ न हो, इसलिए त्योहार के पहले ही पूरी तैयारी करने के उद्देश्य से बुधवार को हिंदी भाषी फाउंडेशन की तरफ से अध्यक्ष संतोष पाण्डेय, पूर्व नगरसेवक जयकुमार केनी,महासचिव प्रमोद पांडे, बिपिन कैलाशनाथ सिंह, पंकज मिश्रा, विक्की चौहान, सुमित सिंह, मनोज दरेकर, मोनू शुक्ला, रामबाबू मंडल, संतोष मिश्रा, अभिषेक सिंह ने उल्हास नदी क्षेत्र का जायजा लिया। उत्तर भारतीय समाज के अध्यक्ष संतोष पाण्डेय ने बताया कि डेढ़ साल पहले ही उल्हास नदी घाट के लिए एक करोड़ की निधि पास की गई थी, बावजूद इसके विधायक शहर के उत्तर भारतीयों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। पूजा के दिन सभी पार्टियों के नेता पंडाल लगाकर हाथ जोड़े खड़े रहते हैं स्वागत करने के लिए लेकिन छठ पूजा के लिए किसी नेता ने आज तक आगे बढ़कर यह नहीं किया कि जल्द से जल्द घाट बनकर तैयार हो, घाट बनकर तैयार नहीं हुआ अभी भी जस का तस पड़ा हुआ है। इस साल भी हिंदी भाषीयों को जैसे तैसे ही छठ पूजा करना पड़ेगा, लाखों की संख्या में हिंदी भाषी यहां रहते हैं, उल्हासनगर के लगभग 10 वार्ड ऐसे हैं जहां हिंदी भाषीयों के मतों से चुनकर दूसरे समाज के लोग आते हैं, हिंदीभाषियों का वोट चाहिए लेकिन हिंदी भाषियों का काम करने के लिए कोई भी नेता आगे नहीं आता! सिर्फ चुनाव के समय हिंदीभाषी याद आते हैं इसके बाद लोग हिन्दी भाषियों को भूल जाते हैं। उल्हासनगर में सबसे ज्यादा हिंदी भाषी शास्त्रीनगर, धोबीघाट, आजाद नगर, शहाड़, शांती नगर में रहते हैं। वहीं से ज्यादा वोट भाजपा को मिलते हैं। और यहीं से कुमार आयलानी लीड लेकर लगभग चौदह सौ मतों से विजयी हुए हैं। फिर भी अबतक घाट का काम नहीं हुआ! अब आप समझ जाइए कि विधायक कुमार आयलानी हिंदी भाषियों के प्रति कितने समर्पित हैं। इस बारे में जब कुमार आयलानी से बात की तो उनका कहना है कि आने वाले दो दिनों में हम टेंपरेरी काम कर लेंगे, काम पक्का नहीं होगा मिट्टी की सीढ़ियां बना देंगे,

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