कसारा : नाशिक से मुंबई आने वाले महामार्ग स्थित मिश्रा ढाबे पर व आसपास ट्रकों कंटेनरों से कसारा पुलिस स्टेशन अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में अब्दुल हकीम खान उर्फ बक्कल, अशरफ, अल्ताफ व अस्लमशेख के नेतृत्व में सरिया केमिकल जैसे किमती सामग्री के चोरों का गिरोह सक्रिय है। यही गिरोह पालघर के वाड़ा पुलिसस्टेशन की हद के आमंत्रण होटल के आसपास भी सक्रिय है, स्थानीय पुलिस से है सांठ-गांठ।
पालघर एसपी बालासाहब पाटील
बतादें की ट्रकों कंटेनरों के चालकों से सांठ-गांठ कर वाहनों पर लदे सामानों में से कुछ सामानों की चोरी कर लेने का कारोबार अब्दुल हकीम बक्कल व अशरफ के साथियों द्वारा नाशिक मुंबई महामार्ग पर चलाया जा रहा है। ऐसे गिरोह पालघर, भिवंडी, मुंबई व नवी मुंबई में भी सक्रिय हैं। ऐसे गिरोहबाज स्थानीय पुलिस स्टेशनों को पहले ही पूज लेते हैं। पूजने के बाद ही अवैध कारोबार शुरू करते हैं। यही कारण है कितनी ही शिकायतें क्यों न हो पुलिस इन पर कार्यवाही नहीं करती! दबाव आने पर दिखावे की कार्यवाही कर देती है। जबकि यह सफेदपोश चोर जो मर्शडीज कारों में घूमते हैं। अरबों खरबों की संपत्ति के मालिक बने बैठे हैं। यह ऐसे वैसे चोर नहीं यह लोग संगठीत गिरोह चलाते हैं। इनपर राष्ट्रीय सुरक्षा (NSA) कानून के तहत मामला दर्ज कर चोरी द्वारा जमा की गई इनकी सारी संपत्ति जब्त कर लेना चाहिए और कमसे कम उम्र कैद की सजा दी जानी चाहिए। परंतु हमारे देश का निठल्ला 1860 का अंग्रेजों द्वारा बनाया गया कानून और निठल्ली सरकार जिसको खुद भी आम जनता का शोषण करना होता है। वह सरकार ऐसे नियम और कानूनों को परिवर्तित कर कठोर कानून कैसे बना सकती है? यही कारण है कि पुलिस और चोरों का ही देश पर शासन चल रहा है। लोकतंत्र तो सिर्फ कहने के लिए है! जनता जितना परेशान अंग्रेजी शासनकाल में थी उससे कम परेशान आजाद भारत में नहीं है? अग्निपर्व टाइम्स ऐसी चोरीयों का अक्सर खुलासा करता रहा है।
अब्दुल हकिम बक्कल. अस्लमशेख
कसारा व वाड़ा पुलिसस्टेशन अधिकार क्षेत्र माफियाओं के लिए वरदान बन गया है? यहाँ अवैध गतिविधियों को संरक्षण दिया जाता है और पुलिस इन अपराधियों के साथ मिल कर मलाई काट रही है। कई बार बक्कल और अशरफ जैसे अरबपति चोरों की कहानी लिखे जाने के बावजूद अधिकारी और महाराष्ट्र सरकार इन अवैध गतिविधियों को रोकने के प्रति उदासीन नजर आती है? जबकि इनके द्वारा कमाई गयी काली कमाई आतंकी संगठनों और अंडरवर्ल्ड तक पहूंचने से इंकार नहीं किया जा सकता। फिर भी महाराष्ट्र के गृहमंत्री व पुलिस विभाग के आला अधिकारी ऐसे लोगों पर कठोर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं? इस तरह की चोरी से देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है फिर भी शासन प्रशासन ध्यान देने को तैयार नहीं यह एक विचारणीय प्रश्न है।
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