Millet Benefits: सेहत के साथ स्वाद के लिए मिलेट्स से पिज्जा, बर्गर, पास्ता जैसे कई प्रकार के व्यजंन बनने लगे। अब धनाढ्य वर्ग सहित युवा वर्ग भी मोटे अनाज की शरण में।
• अब मोटे अनाज से फास्ट फूड जैसे व्यजंन बनने लगे हैं।
• मिलेट्स से पिज्जा, बर्गर, पास्ता जैसे कई प्रकार के व्यजंन बनने लगे हैं, जो युवा पीढ़ी में विशेष रूप से पसंद किए जा रहे हैं।
• मोटे अनाज के महत्व को देखते हुए घरों के साथ ही होटलों में भी मोटा अनाज परोसा जाने लगा है।
Millet Benefits अग्निपर्व टाइम्स संपादक कमलेश दुबे (विद्रोही) एक दौर था जब मोटा अनाज गरीबों का भोजन कहलाता था, फिर भी किसान मोटे अनाजों की बोवाई करते थे, क्योंकि मोटे अनाज की पैदावार करने में कम खर्च लगता था। कम मेहनत और कम जलापूर्ति होने पर भी मोटे आनाज की पैदावार में फर्क नहीं पड़ता था। परंतु तत्कालीन सरकार ने इन अनाज को बचाने की कोशिश नहीं की जिसका नतीजा यह हुआ की इन अनाजों की बुवाई न के बराबर हो गयी। दूसरी ओर लोगों ने इन अनाजों को गरीबों का अनाज बताना शुरू कर दिया, यह और बात है कि यह अनाज खाने में थोड़े कड़क होते हैं। परंतु सेहत के प्रति उतने ही नरम होते हैं। आज गांववासियों में सुगर व दिल के मरीजों को देखकर आश्चर्य होता है, और लोग अनायास ही बोल पड़ते हैं यहाँ भी यह बिमारीयां फैल गयी, यह तो शहरों की बिमारी है। परंतु लोग यह भूल गये की गांववासियों ने भी अपना खानपान बदल दिया है गेहूं और चावल के अलावा दूसरे अनाजों को अपने-आप से दूर कर दिया है, इन बिमारीयों का मूल कारण यही है। जब शहरी और धनाढ्य लोग मोटापे के चक्रव्यूह में फंसने लगे और अपना मोटापा कम करने के लिए खानपान (डाइट) का निरीक्षण करने के लिए डाक्टरों की शरण लिया तो उन्होंने मोटे अनाज की शरण में जाने की सलाह दी, अब जिन्होंने अपने पूर्वजों की बात नहीं मानी थी अब वह लोग चिकित्सकों की सलाह मानकर मोटे आनाज की ओर लौट रहे हैं। जो अनाज जानवरों और मजदूरों को देने के काम आता था और मजदूर लेने में आनाकानी करते थे, वह अनाज अब सोने के दाम बिक रहा है। विशिष्ट (एलीट) क्लास फिर से मोटे अनाज से मोहब्बत करने लगा है। दिलचस्प तो यह है कि बड़े घरों में खाना बनाने वाली आया में भी अब ऐसी महिला को तरजीह दी जा रही है, जिसे मोटे अनाज के व्यंजन बनाने आते हों।
मोटे अनाज के प्रति बढ़ती दिलचस्पी के पीछे दूसरा कारण भी है, जिसमें देखा गया है कि अब मोटे अनाज से फास्ट फूड जैसे व्यजंन बनने लगे हैं। मिलेट्स से पिज्जा, बर्गर, पास्ता जैसे कई प्रकार के व्यजंन बनने लगे हैं, जो युवा पीढ़ी में विशेष रूप से पसंद किए जा रहे हैं। इसके अलावा लोग विशेषकर मोटे अनाज से बने कुकीज, टिक्की, सुबह का नाश्ता, मिलेट्स की खीर, ज्वार का पराठा, फ्राइड इडली आदि बनाकर खा रहे हैं।
मोटे अनाज का महत्व बढ़ाते हुए हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत सेना के भोजन में शामिल किया, जिससे प्रभावित हो, घरों के साथ ही होटलों में भी मोटा अनाज परोसा जाने लगा है। संयुक्त राष्ट्र ने मोटे अनाज के फायदों को देखते हुए वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है। पूरे वर्ष सरकार द्वारा देश के अलग- अलग हिस्सों में मिलेट मेलों को आयोजन किया जा रहा है।
मोटे अनाज से बन रहीं ये डिश
कयी शहरों के होटल और रेस्टोरेंट में मोटे अनाज से बन रहे व्यजंन खूब परोसे जा रहे हैं। इनमें रागी से तैयार व्यंजनों में रागी डोसा, रागी रोटी के साथ नारियल की चटनी, कालू हुली, चटनी पाउडर, कुकीज, टिक्की, मिलेट्स की खीर, ज्वार का पराठा, फ्राइड इडली, बर्गर, चाउमीन, पास्ता, पिज्जा, डोसा, इडली, सांभर, पूड़ी, खिचड़ी, पराठा, हलवा, कटलेट, टिक्की, भल्ला-चाट, पुलाव, लेमन पुलाव, कर्ड रागी राइस, उपमा, ज्वार की रोटी और चीला जैसे स्वादिष्ट आइटम खाने को मिल रहे हैं
बदल रहे होटलों के मीनू कार्ड
मोटे अनाज के बदलाव का दौर सिर्फ घरों तक सीमित नहीं है। होटलों में भी मीनू कार्ड पर अब मोटे अनाज के व्यजंनों की लंबी लिस्ट दिखाई पड़ती है। मीनू कार्ड में मोटे अनाज से नाश्ता, लंच और डिनर तक शामिल रहते हैं। संपूर्ण भोजन के साथ ही लोगों को मोटे अनाज के सूप भी खूब पसंद आ रहे हैं। मिर्च और प्याज के साथ सूप काफी स्वादिष्ट भी हो जाता है।
आप भी कुछ यूं बना सकते हैं रेसीपी
1- रागी डोसा
रागी का आटा, चावल का आटा, दही, नमक, हरा धनिया, हरी मिर्च और प्याज मिलाएं। जरूरत के हिसाब से पानी डालकर एक घोल बनाएं और दो घंटे के लिए अलग रखें। तेल गरम करें और तड़के के सभी सामग्री डालें। जब सरसों के दाने चटकने लगे, तो घोल डालें। नान स्टिक पैन गरम करें और इस पर तेल डालकर हल्का सा गर्म करें। गर्म होने पर, एक करछी भरकर घोल डालें। इससे पतला डोसा बनाने के लिए गोलाकार करके फैलाएं और एक तरफ पकाएं। इसे पकाते वक्त इसके किनारों पर थोड़ा सा तेल डालें। जब यह दोनों तरफ से सिक जाएं तो इसे गर्म-गर्म सर्व करें।
2- मिलेट्स की खीर
बाजरा खीर (पायसम) रेसिपी बनाने के लिए सबसे पहले दूध को एक भारी तले वाले पैन में डालें और इसे मध्यम आंच पर रखें। फाक्सटेल बाजरा को धो लें। जब दूध में उबाल आ जाए तो धुले हुए बाजरा और केसर के रेशे दूध में मिला दें। दूध को उबलने दें। एक बार जब दूध में उबाल आ जाए, तो आंच धीमी कर दें और खीर को तब तक पकाएं जब तक कि बाजरा पूरी तरह से पक न जाए। इसमें करीब 10 से 15 मिनट का समय लगेगा। जब बाजरा पूरी तरह से पक जाए, तो ताजा कीसा हुआ नारियल और चीनी डालें और 10 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं। बीच-बीच में हिलाते रहें ताकि दूध गाढ़ा न हो जाए। कुछ देर बाद आंच बंद कर दें। खीर परोसने के लिए तैयार है।
3. ज्वार का पराठा
प्रेशर कुकर में आलू उबाल लें। ठंडे होने के बाद आलू मैश कर लें और इसमें ज्वार का आटा, हल्दी पाउडर, नमक, अदरक का पेस्ट, लहसुन का पेस्ट, कटी हुई हरी मिर्च और हरा धनिया डाल कर मिला दीजिए। अब नरम आटा गूंथ लें। एक लोई को चकले पर रखें और उस पर थोड़ा सा आटा छिड़कें। रोलिंग पिन का उपयोग करके, गेंद को एक सपाट डिस्क में रोल करें। गर्म तवे पर डिस्क रखें और इसके किनारों पर 1/4 बड़ा चम्मच घी डालें। पराठे को सुनहरा भूरा होने तक भून लीजिए। निचली सतह तैयार हो जाने पर इसे पलट दें।
4. बाजरा का हलवा
तवा पर घी डाल कर गरम कीजिए। घी के हल्का गरम होने पर बाजरे का आटा डाल दीजिए। धीमी और मध्यम आंच पर आटे को लगातार चलाते हुए, हल्का ब्राउन रंग होने और अच्छी महक आने तक सेंक लीजिए। इसमें 1 कप पानी डाल दीजिए और चीनी डाल कर अच्छी तरह से मिला दीजिए। मध्यम आग पर पकने दीजिए और तब तक पकाएं जब तक कि हलवा गाढ़ा न हो जाए। काजू को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लीजिए, इलायची छीलकर, कूटकर उसका पाउडर बना लीजिए। हलवे के गाढ़ा होने पर इसमें काजू, किशमिश, कटा हुआ नारियल और इलायची का पाउडर डालकर सभी चीजों को अच्छे से मिला दीजिए और 2 मिनट के लिए और पका लीजिए। स्वादिष्ट हलवा बनकर तैयार है।
किस मोटे अनाज क्या फायदा
1. रागी : रागी में कैल्शियम बहुतायत में पाया जाता है। 100 ग्राम रागी में 344 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। यह हड्डियों को मजबूत करता है। मधुमेह रोग में रागी का प्रयोग काफी लाभदायक होता है। इसे खिचड़ी, इडली, हलवा, पराठा आदि बनाकर प्रयोग किया जा सकता है।
2. बाजरा : इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन और केरोटीन होता है। यह शरीर को ताकत प्रदान करता है। यद्यपि इसमें पाइटिक अम्ल, पालीफेनाल जैसी कुछ हानिकारक तत्व पाए जाते हैं परंतु पानी में भिगोकर अंकुरित करने और पकाने के बाद इन सभी पोषणरोधी तत्वों में कमी हो जाती है। इससे स्वादिष्ट लड्डू, पुए, कटलेट, रोटी के और मलीदा बनाए जाते हैं।
3. ज्वार : ज्वार में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कापर, आयरन और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में सहायक है। बेबी फूड, ब्रेड और बिस्किट बनाने में ज्वार का प्रयोग किया जाता है।
4. मक्का : इसमें विटामिन ए, फालिक एसिड और एंटी आक्सीडेंट से भरपूर होता है। यह दिल के मरीजों, गर्भवती स्त्रियों और कैंसर रोगियों के लिए लाभकारी होता है। चूंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, इसलिए जो लोग वजन घटाना चाहते हैं, उन्हें इसका प्रयोग बहुत सीमित मात्रा में करना चाहिए। रोटी, पराठा, कटलेट आदि बनाकर इसका उपयोग किया जाता है।
5. जौ : इसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, और कैल्शियम जैसे पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले आठ तरह के अमीनो एसिड शरीर में इंसुलिन निर्माण का कार्य करते हैं। जौ को दलिया, रोटी आदि बनाकर प्रयोग किया जाता है।
कैसे घरों में बढ़ी मोटे अनाज की खपत
1. स्वाद के साथ सेहत की बात आई तो अपना लिया मोटा अनाज
पेशे से चिकित्सकों ने बताया कि पहले मोटा अनाज केवल बीमार होने पर खाया जाता था, पर अब इसके इतने स्वादिष्ट व्यजंन बनने लगे हैं कि हम लोग इसे अपने खाने में शामिल किए बिना नहीं रह पाए। इसके साथ ही मोटा अनाज सेहत का काफी ध्यान रखता है। जबसे मुझे बताया कि आपको सुगर हो गया है तबसे, अब मेरे घर में मोटा अनाज पहले से करीब तीन गुना ज्यादा प्रयोग होने लगा है। हालांकि बच्चों को अभी भी मोटे अनाज का स्वाद पसंद नहीं आ रहा है।
2. दलिया और खिचड़ी ने पछाड़ दिया मैगी को
मैने गेंहू से ज्यादा ज्वार, बाजरे, जौ व मक्के के आटे का प्रयोग करना शुरू कर दिया है। बच्चों को मैगी पसंद आती थी, उसकी जगह अब मोटे अनाज का दलिया और खिचड़ी पसंद आने लगा है। यह काफी फायदेमंद भी हैं। मोटे अनाज से कोई बोर न हो, इसके लिए घर में अलग अनाज की रेसीपी बनाई जाती है। मोटे अनाज का प्रयोग इस कदर बढ़ा दिया है कि अब धीरे धीरे मैदे का प्रयोग बिल्कुल खत्म होता नजर आ रहा है। मैं तो खुद मोटे आनाज की सलाह अपने दोस्तों को डाक्टर की तरह देता हूं।
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