ताजा ख़बर

6/recent/ticker-posts

उल्हासनगर महानगरपालिका के भ्रष्टाचार में नगरविकास मंत्री व मंत्रालय शामिल?

मनपा में पकड़ा गया फर्जी क्लर्क ! 81 सुरक्षा रक्षक तैनात, एक ने भी तीन वर्षों में नहीं ली छुट्टी!
                       उल्हासनगर मनपा आयुक्त अजिज शेख 

उल्हासनगर : उल्हासनगर महानगरपालिका में भ्रष्टाचार चरम पर, टाऊन प्लानिंग विभाग में फर्जी प्लान पास करने के लिए और भवन निर्माताओं से अवैध वसूली करने के लिए शहर उपरचनाकार प्रकास मुले द्वारा नियुक्त की गयी है, छह लोगों की गैंग! इसी तरह सुरक्षा महामंडल द्वारा नियुक्त 81 सुरक्षा रक्षकों में से बीते तीन वर्षों एक नए भी छुट्टी नहीं ली है ऐसा हाजिरी रजिस्टर में दिखाई दे रहा है। कौन से दुनिया से लाये गये हैं यह लोग जो कभी बिमार नहीं होते और न ही इनके परिवार में कोई घटना घटती है।
      महाराष्ट्र राज्य नगरविकास मंत्री और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे 

उल्हासनगर महापालिका में इस समय हर तरफ भ्रष्टाचार का वातावरण बना हुआ है। कर्मचारी हो या अधिकारी भ्रष्टाचार का मौका कोई नहीं छोड़ता। मनपा उपरचनाकार प्रकाश मुले द्वारा फर्जी प्लान पास करने और वसूली करने के लिए छह फर्जी लोगों का गिरोह नियुक्त किया गया है, ऐसा सामने आया है। उसमें से एक को पकड़कर कुछ समाज सेवकों ने उल्हासनगर के मध्यवर्ती पुलिस के हवाले किया परंतु मनपा आयुक्त अजीज शेख ने जांच का बहाना बनाकर मामला दर्ज कराने से मना कर दिया। 
उमनपा को कुल 81 सुरक्षा रक्षक महामंडल की ओर से मुहैया कराया गया है। इनमें से कोई रक्षक गैर हाजिर भी रहता है, तो भी उसकी हाजिरी लगा दी जाती है और उसका पूरा वेतन मनपा से निकाल लिया जाता है। गैरहाजिर दिनों का वेतन हाजरी लगाने वाला कर्मचारी ले लेता है। यही कारण है कि वेतन पत्रक के अनुसार पिछले 3 वर्षों में एक भी रक्षक  गैरहाजिर नहीं दिखाई देता है। रक्षकों की हाजरी के लिए दो रजिस्टर रखा हुआ है। एक कच्चा और एक पक्का ऐसा खुलासा मनपा से प्राप्त कागजातों के आधार पर हुआ है। जिससे मनपा गलियारों में हड़कंप मच गया है। सुरक्षा रक्षक भी इंसान ही है ऐसा कैसे हो सकता है कि वह कभी बिमार ही न हो या गांव घर में शादी ब्याह न पड़ा हो या फिर परिवार में कोई घटना न घटी हो जिसमें उसको छुट्टी की जरूरत पड़ी हो। 

काम पर अनुपस्थित और रजिस्टर में उपस्थित 

एक सुरक्षा रक्षक अपने खुद के विवाह के लिए 20 दिनों की छुट्टी पर गया था, बावजूद इसके उसे छुट्टी पर न दिखाकर, रजिस्टर में उसे हाजिर दिखाया गया। जबकि उस सुरक्षा रक्षक की शादी का कार्ड पूर्व नगरसेवक दिलिप मालवणकर के पास मौजूद है, इसी तरह कुछ सुरक्षा रक्षक अस्पताल में भर्ती हुए। परंतु वे भी हाजिर दिखाए गए हैं। अब समझा जा सकता है कि महानगर पालिका में भ्रष्टाचार किस स्तर पर है। क्लर्क से उपायुक्त व अब नोडल अधिकारी बने गणेश शिंपी के भ्रष्टाचार की सैकड़ों शिकायतों और समाचारों व राजेश नागदेव नामक व्यक्ति द्वारा मंत्रालय के सामने आजाद मैदान पर 3.5 महीनों से धरने पर होने के बावज़ूद नगरविकास व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सरकार जांच व दोषियों पर कार्यवाही के लिए तैयार नहीं है ! अब राम ही जाने की उल्हासनगर मनपा में व्याप्त भ्रष्टाचार कब और कैसे समाप्त होगा? जब "कहांर ही डोलियों के लुटेरे बन बैठे हैं" 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ