सिलेबस में है बोलकर मुस्लिम शिक्षक युसुफ शेख हिंदू छात्र / छात्राओं को ले जाना चाहता था मस्जिद अग्निपर्व में खबर छपने के बाद कार्यक्रम हुआ रद्द।। राजेंद्रसिंह भुल्लर महाराज
उल्हासनगर : उल्हासनगर शहर से सटे कल्याण मुरबाड रोड स्थित म्हारल गांव में प्रिती अकादमी नामक कानूनी शिक्षण महाविद्यालय द्वारा हिन्दू छात्रों को मस्जिद ले जाने के कार्यक्रम की अग्निपर्व टाइम्स समाचारपत्र ने लिखी खबर पढ़कर उल्हासनगर शहर प्रमुख राजेंद्रसिंह भुल्लर महाराज द्वारा कॉलेज को दिया गया पत्र। पत्र मिलते ही कालेज ने रद्द किया मस्जिद जाने का कार्यक्रम और कट्टरपंथी प्राध्यापक युसुफ शेख द्वारा प्रीति अकादमी कॉलेज में दिए जाने वाले कानूनी व्याख्यानों पर लगाई रोक।
मुरबाड रोड पर स्थित प्रीति अकादमी नामक कानूनी शिक्षण संस्थान के ऑफिशियल व्हाट्सएप समूह, जिसमें सभी धर्मों के छात्र, छात्राएं व शिक्षक सम्मिलित हैं। उस ग्रुप का नाम PALC SY.LL.B 2022-23 है। ग्रुप के मुख्य सदस्य प्राध्यापक सलीम युसूफशेख ने द्वितीय वर्ष कानूनी शिक्षणार्थियों के सिलेबस में मस्जिद जाने के प्रावधान का बहाना बनाकर शनिवार २७ मई २०२३ की साम ५.३० बजे मुफ्ती हुजैफा कासमी साहब दारुल फलाह मस्जिद ले जाने का कार्यक्रम तंय किया था। जिसकी भनक अग्निपर्व टाइम्स को लग गई तत्पश्चात अग्निपर्व ने "प्रीति अकादमी में कानूनविद बनाने की बजाय, बनाया जा रहा है कट्टरपंथी मुस्लिम" शीर्षक से व्हाट्सएप समूह पर एक खबर चला दी। खबर पढ़कर उल्हासनगर शहर शिवसेना प्रमुख राजेंद्रसिंह भुल्लर महाराज ने प्रीति अकादमी कॉलेज संचालकों को एक पत्र देकर मस्जिद जाने के कार्यक्रम को रद्द कर युसुफ शेख के मंसूबों की जांच कर उसे कालेज से निकालने की मांग रख दिया। कालेज प्रशासन ने उस मांग को मानते हुए मस्जिद जाने के कार्यक्रम को रद्द कर अपने आपको मस्जिद जाने के कार्यक्रम से ही अलग करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम प्राध्यापक युसुफशेख ने पाठ्यक्रम का हिस्सा बताकर रखा था। हम अनभिज्ञ थे हमें पता नहीं था जब हमने अन्य कानूनी शिक्षकों से जानकारी ली तब हमें पता चला कि छात्रों को मस्जिद ले जाने का पाठ्यक्रम में कोई प्रावधान नहीं है। तब हमने छात्रों को मस्जिद ले जाने के कार्यक्रम पर तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया। प्राध्यापक/अधिवक्ता युसुफशेख द्वारा कालेज में दिए जाने वाले कानूनी व्याख्यानों पर भी रोक लगा दिया है। ऐसी जानकारी प्रीति अकादमी महाविद्यालय संचालक मोनू सर ने अग्निपर्व टाइम्स संपादक को मिलकर दी है।
बतादें प्रीति अकादमी में ज्यादातर हिन्दू शिक्षणार्थी ही शिक्षा ग्रहण करते हैं ऐसे में हिंदू छात्र/छात्राओं को मस्जिद ले जाने का अभिप्राय क्या हो सकता है? यह समझना कोई मुश्किल काम नहीं है। कुछ युवक युवतियां इस तरह के गुमराह करने वाले कार्यक्रमों के प्रति नर्मदिली से पेश आते हैं जिसका फायदा इस तरह के कट्टरपंथी उठाते हैं। कानून की जानकारी के लिए न्यायालयीन कामकाज दिखाने के लिए न्यायालय ले जाने की बजाय मस्जिद ले जाकर क्या दिखाना चाहता था प्रोफेसर युसुफशेख? जहाँ तक हमें जानकारी है मस्जिदों में छात्रों के देखने लायक व पढने लायक कुछ नहीं होता? एक मुस्लिम शिक्षक मस्जिद चलने के लिए आवाहन कर क्या साबित करता है? यही न कि वह अपने धर्म के प्रति कितना सजग व सचेत है। वह अपने धर्म को बढ़ा रहा है। और हिन्दू कितने लापरवाह जिनके पास देखने के लिए अनेकों अदभुद कलाकृतियां और पढने के लिए वेद पुराण व अनेकों ग्रंथ होने के बाद भी उनके बच्चे इन सबसे अनभिज्ञ!
बतादें प्रीति अकादमी में ज्यादातर हिन्दू शिक्षणार्थी ही शिक्षा ग्रहण करते हैं ऐसे में हिंदू छात्र/छात्राओं को मस्जिद ले जाने का अभिप्राय क्या हो सकता है? यह समझना कोई मुश्किल काम नहीं है। कुछ युवक युवतियां इस तरह के गुमराह करने वाले कार्यक्रमों के प्रति नर्मदिली से पेश आते हैं जिसका फायदा इस तरह के कट्टरपंथी उठाते हैं। कानून की जानकारी के लिए न्यायालयीन कामकाज दिखाने के लिए न्यायालय ले जाने की बजाय मस्जिद ले जाकर क्या दिखाना चाहता था प्रोफेसर युसुफशेख? जहाँ तक हमें जानकारी है मस्जिदों में छात्रों के देखने लायक व पढने लायक कुछ नहीं होता? एक मुस्लिम शिक्षक मस्जिद चलने के लिए आवाहन कर क्या साबित करता है? यही न कि वह अपने धर्म के प्रति कितना सजग व सचेत है। वह अपने धर्म को बढ़ा रहा है। और हिन्दू कितने लापरवाह जिनके पास देखने के लिए अनेकों अदभुद कलाकृतियां और पढने के लिए वेद पुराण व अनेकों ग्रंथ होने के बाद भी उनके बच्चे इन सबसे अनभिज्ञ!
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