उल्हासनगर: उल्हासनगर में आईपीएल क्रिकेट मैच की इस समय बहार सी आई है। दर्जनों सट्टेबाज अपनी-अपनी दुकानें खोले बैठे हैं। बैठे चाहे जहाँ हो उनका कार्यक्षेत्र उल्हासनगर ही होता है। लैपटॉप मोबाइल के जरिए बुक होती है क्रिकेट मैच में सट्टेबाजी। महाराष्ट्र ही नहीं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश के अलावा कई प्रदेशों के कई जिलों में वसूली के लिए छोड़ रखे हैं इन लोगों ने फंटर। सुमित
उल्हासनगर का कोई गली मुहल्ला सड़क बाकी नहीं जहाँ क्रिकेट पर जुआ न लगता हो, क्रिकेट की हार-जीत, कौन कितना रन बनायेगा, कितने रन के बाद विकेट गिरेगी हर बात पर सट्टा लगाने की सुविधा उल्हासनगर में घर बैठे मिल जाती है बस किसी पन्टर से आपकी पहचान होनी चाहिए। पन्टर को अडवांस में पेमेंट देकर एक आयडी (ID) लेने की जरूरत होती है। उसमें कुछ नाम आपको अजीब लग सकते हैं या फिर आप समझेंगे फिल्मों में इस्तेमाल किया जाने वाला नाम हैं। परन्तु नहीं यह उनके स्वघोषित नाम हैं। चायवाला, सुरेश, अमित, युवी, मोंटी, अजय बटाटा, गोपाल, डॉन, बाबा, बादशाह खान, रोड, राहुल, काली, नंदू, विक्की चावला विस्की इत्यादि। उपरोक्त नामों में सुमित व आकाश नजर नहीं आ रहे होंगे या फिर इनके भी बदले हुए नाम हो सकते हैं। परंतु सुमित और आकाश यह बहुत ही मशहूर नाम है मैच सट्टेबाजी की दुनिया में। कुछ और नामों का खुलासा हो सकता है, अग्निपर्व टाइम्स की खबरों में।
क्रिकेट में सट्टा लगानेवाले खेलियों को आयडी पासवर्ड देने के लिए व रुपये वसूलने के लिए गली गली पंटर घूमते हैं। और लोग अपने घरों में बैठकर टीवी पर मैच देखते-देखते मोबाइल फोन पर अलग-अलग कोंण से सट्टा लगाते रहते हैं और सट्टे की रकम बढ़ाते रहते हैं। कई लोगों पर तो मैच सट्टेबाजी के चलते आत्महत्या की नौबत आ गयी और कयी लोग मर भी गये परंतु सट्टेबाजी हर दिन और बढ़ती ही जा रही है। आज शहर में दो दर्जन से भी ज्यादा क्रिकेट मैच सटोरिये सक्रिय हैं। परंतु पुलिस इन सट्टेबाजों को पकड़ने में नाकाम सी नजर आ रही है।
क्रिकेट में सट्टा लगानेवाले खेलियों को आयडी पासवर्ड देने के लिए व रुपये वसूलने के लिए गली गली पंटर घूमते हैं। और लोग अपने घरों में बैठकर टीवी पर मैच देखते-देखते मोबाइल फोन पर अलग-अलग कोंण से सट्टा लगाते रहते हैं और सट्टे की रकम बढ़ाते रहते हैं। कई लोगों पर तो मैच सट्टेबाजी के चलते आत्महत्या की नौबत आ गयी और कयी लोग मर भी गये परंतु सट्टेबाजी हर दिन और बढ़ती ही जा रही है। आज शहर में दो दर्जन से भी ज्यादा क्रिकेट मैच सटोरिये सक्रिय हैं। परंतु पुलिस इन सट्टेबाजों को पकड़ने में नाकाम सी नजर आ रही है।
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