विशेष संवाददाता
गोंडा : गोंडा जिले की करनैलगंज तहसील के डोमा कल्पी गांव रहवासी बैठोले उर्फ रामानंद डोम के पड़ोसी प्रागदत्त घनश्याम शुक्ला ने जमानत के कागजात बताकर अपने संबंधी के यहाँ कार्यरत सुषमा उदयराज, ग्राम गौरवाकला, पोस्ट, मोहम्मदपुर, परगना पहाड़ापुर, तहसील करनैलगंज, जिला गोण्डा के नाम बैनामा करवा लिया एक बीघा जमीन। जब बैठोले को बैनामें की खबर लगी तो वह थाने पहुंचा अपने साथ किए गये धोखे की रपट लिखाने। थानेदार एफआईआर दर्ज करने में कर रहे हैं आनाकानी।
बैठोले उर्फ रामानंद डोम
बतादें ग्राम डोमा कल्पी निवासी बैठोले सूप बनाकर किसी तरह अपना गुजारा कर रहा था। उसके घर से कुछ ही कदम दूरी पर प्रागदत्त शुक्ला का घर है। बैठोले अक्सर समय रहनेपर शुक्ला के घर जाया करता था। कुछ काम काज पड़ जाय तो मदद भी किया करता था। सूप वगैरह घर में पहुंचा देना मानो वह अपना कर्तव्य समझता था। परंतु उसके उसी मालिक ने एक दिन कहा कि मेरे ऊपर मुकदमा चल गया है। जिसमें मुझे जमानत की जरूरत है। क्या तुम मेरी जमानत दोगे? अनपढ़ बैठोले ने कहा मालिक अगर मेरी जमानत चल जायेगी तो क्यों नहीं दूंगा। शुक्ला तो यही चाहता था। वह बैठोले को लेकर कचहरी की जगह तहसील पहुंच गया और बैठोले से कुछ कागजातों पर हस्ताक्षर करा लिया और इस तरह उसका एक बीघा खेत अपने संबधी कैलाशनाथ जगप्रसाद मिश्र, ग्राम चौरी, सूबेदार पुरवा, परगना पहाड़ापुर, तहसील करनैलगंज, जिला गोण्डा के यहाँ काम काज करने वाली शुषमा के नामपर बैनामा करवा लिया। जब किसी तरह बैठोले को बैनामें की खबर लगी तो वह हक्का बक्का रह गया और शुक्ला के घर जाकर जानना चाहा तो घर की महिलाएं और परिवार के सदस्य गाली-गलौज पर आमादा हो गये। अब बैठोले को काटो तो खून नहीं और सोचने लगा कि बहू-बेटे और नाती नातिन को क्या जवाब देगा। इसी गम में इधर-उधर मदद की गुहार लगाने लगा तब गांव के लोगों की मदद से 29 मार्च 2023 को थाना देहात कोतवाली गोण्डा के यहाँ पत्र देकर शुक्ला के खिलाफ एफआईआर लिखे जाने की मांग की है। परंतु समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया था। जबसे शुक्ला परिवार को पता चला है कि बैठोले ने प्रभारी निरीक्षक के यहाँ पत्र देकर एफआईआर की मांग की है तबसे उसका जीना हराम हो गया है। एक दिन प्रागदत्त शुक्ला ने तो यहाँ तक कह दिया कि "तुमको बोरे में भरकर घाघरा में डाल दूंगा"।
यही नहीं बैठोले के नामपर प्रथमा यू. पी. ग्रामीण बैंक शाखा त्योरासी से दिनांक 22 अक्टूबर 2018 ऋण खाता संख्या (90658800031840) से 84 हजार का कर्ज भी ले लिया है। और अब किस्त अदा नहीं कर रहे हैं। इसी तरह इंजन के लिए कर्ज लिया गया था। इंजन बेचवाकर रुपया शुक्ला ने हजम कर लिया। यह तो भला हो सरकार का कि वह कर्ज सरकार द्वारा माफ कर दिया गया। जब हमारे संवाददाता ने शुक्ला परिवार से संपर्क करना चाहा तो संपर्क नहीं हो सका, परंतु गांव के कई लोगों ने उपरोक्त बातों को सत्य बताया और कहा कि शुक्ला का अब यही व्यापार बन चुका है। बाकी अगर पुलिस ढंग से जांच करेगी तो सारा दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। परंतु देखना यह है कि पुलिस कब एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करती है।
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