आयुक्त अजीजशेख राजेश वधारिया
उल्हासनगर : उल्हासनगर महानगरपालिका में अवैध निर्माण रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ अवैध निर्माण नगरसेवकों के दबाव के चलते तोड़ तो दिया जाता है। परंतु जैसे ही नगरसेवक व अवैध निर्माणकर्ता में लेनदेन का मामला तंय हो जाता है। वह अवैध निर्माण फिर से बनकर तैयार हो जाता है।
उल्हासनगर महानगरपालिका अंतर्गत आने वाले बैरेक नंबर 555, राजेश वधारिया के कार्यालय के सामने नाले के बगल प्रभाग समिति - 2, अंतर्गत एक ही दिन में दो बार तोड़ी गई इमारत फिर से बनना शुरू हो गई है। बताया जाता है कि यह इमारत न बनने देने की कसम पूर्व नगरसेवक राजेश वधारिया ने खाई थी। उन्हीं के दबाव के चलते उक्त इमारत एक ही दिन में दो बार तोड़ी गई। बावजूद इसके फिर से उक्त धोखादायक,अवैध व गैरकानूनी RCC दो मंजिला इमारत का निर्माणकार्य शुरू हो गया है अब कुछ दिनों मे बनकर तैयार भी हो जायेगी। इससे क्या यह अंदाजा लगाया जाना चाहिए कि मनपा आयुक्त अजीजशेख और राजेश वधारिया से सांठगांठ हो गया है। और उन तक रुपया पहुंच गया है। तो उक्त इमारत पर तोड़क कार्यवाही के दौरान अपव्यय हुए धन-बल का क्या? क्या यह मान लिया जाय कि जनता द्वारा कर रुप में दिये गये रुपयों का अपव्यय कर नगरशोषक और मनपा अधिकारी कर्मचारी अपना दाम बढ़वाते हैं। और इस तरह अवैध निर्माणकर्ता आयुक्त प्रभाग अधिकारी वीट इंस्पेक्टर और मुकादम अपनीअपनी हैसियत अनुसार कमाकर मौज करते हैं और आम जनता दोनों तरफ से ठगी जाती है।
उल्हासनगर महानगरपालिका आयुक्त/प्रशासक बनकर जबसे अजीज शेख आये हैं तब से उमनपा में भ्रष्टाचार लगातार बढ़ रहा है। चाहे वह निविदा घोटाला हो या फिर अवैध निर्माण घोटाला हो। शहर विकास के लिए जो रुपये केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा आते हैं। वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं। और शहर जहाँ था उससे भी बदतर हालत में पहुंच रहा है। न जाने भगवान कब शहर को एक अच्छा नेता व शासक प्रशासक देगा जो अपनी अय्याशी के बारे में न सोचकर शहर व जनता के प्रति वफादार होगा?
उल्हासनगर : उल्हासनगर महानगरपालिका में अवैध निर्माण रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ अवैध निर्माण नगरसेवकों के दबाव के चलते तोड़ तो दिया जाता है। परंतु जैसे ही नगरसेवक व अवैध निर्माणकर्ता में लेनदेन का मामला तंय हो जाता है। वह अवैध निर्माण फिर से बनकर तैयार हो जाता है।
उल्हासनगर महानगरपालिका अंतर्गत आने वाले बैरेक नंबर 555, राजेश वधारिया के कार्यालय के सामने नाले के बगल प्रभाग समिति - 2, अंतर्गत एक ही दिन में दो बार तोड़ी गई इमारत फिर से बनना शुरू हो गई है। बताया जाता है कि यह इमारत न बनने देने की कसम पूर्व नगरसेवक राजेश वधारिया ने खाई थी। उन्हीं के दबाव के चलते उक्त इमारत एक ही दिन में दो बार तोड़ी गई। बावजूद इसके फिर से उक्त धोखादायक,अवैध व गैरकानूनी RCC दो मंजिला इमारत का निर्माणकार्य शुरू हो गया है अब कुछ दिनों मे बनकर तैयार भी हो जायेगी। इससे क्या यह अंदाजा लगाया जाना चाहिए कि मनपा आयुक्त अजीजशेख और राजेश वधारिया से सांठगांठ हो गया है। और उन तक रुपया पहुंच गया है। तो उक्त इमारत पर तोड़क कार्यवाही के दौरान अपव्यय हुए धन-बल का क्या? क्या यह मान लिया जाय कि जनता द्वारा कर रुप में दिये गये रुपयों का अपव्यय कर नगरशोषक और मनपा अधिकारी कर्मचारी अपना दाम बढ़वाते हैं। और इस तरह अवैध निर्माणकर्ता आयुक्त प्रभाग अधिकारी वीट इंस्पेक्टर और मुकादम अपनीअपनी हैसियत अनुसार कमाकर मौज करते हैं और आम जनता दोनों तरफ से ठगी जाती है।
उल्हासनगर महानगरपालिका आयुक्त/प्रशासक बनकर जबसे अजीज शेख आये हैं तब से उमनपा में भ्रष्टाचार लगातार बढ़ रहा है। चाहे वह निविदा घोटाला हो या फिर अवैध निर्माण घोटाला हो। शहर विकास के लिए जो रुपये केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा आते हैं। वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं। और शहर जहाँ था उससे भी बदतर हालत में पहुंच रहा है। न जाने भगवान कब शहर को एक अच्छा नेता व शासक प्रशासक देगा जो अपनी अय्याशी के बारे में न सोचकर शहर व जनता के प्रति वफादार होगा?
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