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उल्हासनगर में बच्चों के लिए आरक्षित खेल के मैदानों के हड़पे जाने की श्रंखला में एक और मैदान हड़पे जाने की ओर, हरे-भरे पेड़ों को काटकर लगाया गया टीन की चादरों की बाड़।

               प्रभाग समिति-1 में भूमाफिया हड़प रहा है स्कूल और बाग की जमीन।

                  संतोष पाण्डेय 

उल्हासनगर : उल्हासनगर महानगरपालिका प्रभाग समिति क्रमांक-1, वार्ड क्र. 2,शारदा अपार्टमेंट के पास गंड़गौर चौक मैदान जो महानगर पालिका के स्वामित्व वाले मराठी स्कूल क्र. 20 के बगल में है। उस खेल के मैदान पर कुछ भू-माफियाओं ने उमपा नगर रचना विभाग के कुछ अधिकारियों से सांठगांठ कर मैदान को कब्जा कर चारों ओर लगे हरेभरे पेड़ों को काटकर लोहे की चादर की बाड़ लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। आगे चलकर यहाँ भी बहुमंजिला इमारत का निर्माणकार्य होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।                                            हड़पाजा जा रहा खेल का मैदान 

बतादें उल्हासनगर शहर में खेल के मैदान, सार्वजनिक शौचालय, नालों के आसपास की खाली पड़ी जमीन सरेआम हड़प ली जाती है परंतु लोग कुछ नहीं बोलते और उमनपा अधिकारी अपनी जेबें गर्म कर भूमाफिया का समर्थन कर उनके लिए फर्जी कागजात तैयार कर उनकी मदद करते हैं। इस तरह अब उल्हासनगर में अब न ही खाली जमीन बची है और न ही बच्चों के खेलने के लिए खुले मैदान ही बचे हैं। शहर विकास नक्शे में शहर के कुछ भागों में खेल के मैदानों का आरक्षण दिखाया तो गया है, परंतु वह कागजों पर ही है। उन जगहों पर अवैध निर्माण किया जा चुका है। वहां बड़े-बड़े भवन बन गए हैं। नगर रचना विभाग द्वारा उन अवैध निर्माणों को पूर्णता प्रमाण पत्र भी दिया जा चुका है।

इसी तरह का एक मामला उल्हासनगर की प्रभाग समिति-1, से सामने आया है। जहाँ एक और खुली जगह जो सार्वजनिक सुविधाओं के लिए आरक्षित है। उस खुले भूखंड के पास स्कूल क्र. 20 स्थित है। मैदान स्कूल के बच्चों के लिए खेल का आयोजन करने के काम आता हैं। मैदान के चारो ओर हरे-भरे पेड़ लगे हुए थे जिन्हें अब काटकर लोहे के पत्रों का बाड़ लगाकर निर्माण की तैयारी शुरू कर दी गई है। अगर यह आरक्षित जमीन भी कब्जा हो जाती है, तो छात्रों को खेलों से वंचित किये जाने के साथ ही स्थानीय नागरिकों द्वारा मैदान में मनाये जाने वाले सार्वजनिक, सांस्कृतिक त्योहारों और कार्यक्रमों से भी वंचित कर दिया जायेगा। जिससे क्षेत्र की जनता की भावनाएं आहत होंगी। इस तरह की चिंता हिंदी भाषी संगठन के अध्यक्ष संतोष पाण्डेय ने व्यक्त की है। उन्होंने उल्हासनगर महानगर पालिका नगर रचना विभाग के अधिकारियों व आयुक्त को आगाह करते हुए कहा, "अगर जनता की भावनाओं से खेलेंगे तो उन्हें इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। जन आक्रोश का भी सामना करना पड़ सकता है। हम चाहते हैं कि यह खुला खेल का मैदान पहले के ही तरह आगे भी खुला रहे। अब देखना यह है कि भ्रष्टाचार से ओतप्रोत उल्हासनगर महानगरपालिका आयुक्त अजीज शेख और शहर रचनाकार प्रकाश मुले जनभावनाओं और संतोष पाण्डेय की ताकीद को कितना महत्व देते हैं। 

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