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उल्हासनगर में इमारत नवनिर्माण के नाम पर गरीब व मूल निवासियों को भगाने का शिल शिला जारी, जब सब भूखे हैं पैसों के नेता और अधिकारी तो कौन करेगा रखवारी??

उल्हासनगर में शुरू होगा हत्याओं का दौर? कालानी और भालेराव आमने-सामने! शारदा कंस्ट्रक्शन के रीडिवेलपमेंट प्रोजेक्ट पर बनाया आरपीआई का जनसंपर्क कार्यालय।
अग्निपर्व टाइम्स
उल्हासनगर : उल्हासनगर महानगरपालिका हद के कैम्प क्रमांक-3, में जय सांईबाबा नामक इमारत को पुनर्निमाण के लिए शारदा कंस्ट्रक्शन ने लिया है, जिसमें 50 सदनिका धारक हैं। जिसमें से अड़तालिस लोगों ने तो अपनी-अपनी सदनिकाएं खाली कर शारदा कंस्ट्रक्शन को दे दिया परंतु दो किसी बात को लेकर अड़ गये और वे इमारत संकुल के पुनर्निर्माण पर रोक लगाने के लिए न्यायालय के द्वार पर दस्तक दे दिया। इस बात को लेकर बौखलाए भवन निर्माता ने उन दो सदनिका धारकों को पीट पीट कर घर खाली कराने के लिए अपने पालतू गुंडे, गुंडिया को भेज दिया। गुंडियों ने वहॉं पहुंचकर जो मिला उसको पीटा, एक महिला के गुप्तांगों पर इतना मारा की उसने वहीं कपड़ों में ही शौच निकल गयी। मदद के लिए सिंधी समाज के किसी नेता को न आता देख पीड़ितों ने थामा पूर्व उपमहापौर भगवान भालेराव का दामन।
भगवान भालेराव के दोनों तरफ इमारत के रहवासी 

बतादें शारदा कंस्ट्रक्शन को कुख्यात गुंडे पप्पू कालानी का समर्थन प्राप्त है। इसीलिए उनके सुपुत्र ओमी कालानी की पार्टी टीम ओमी कालानी की महिला व पुरुष कार्यकर्ताओं ने जय सांईबाबा इमारत संकुल के दो रहवासियों के परिवार के महिला व बुजुर्ग लोगों को पीटा। ऐसा रहवासी मिडिया के सामने दिए अपने बयान में कह रहे हैं। उल्हासनगर के लोग पहले भी हत्याओं का दौर देख चुके हैं। जब एक-एक भूखण्ड के लिए पप्पू कालानी और गोपाल राजवानी गिरोहों में जंग छिड़ी थी और हर मंगलवार को किसी न किसी की हत्या हो जाया करती थी। वही पप्पू कालानी अब जेल से बाहर आ चुके हैं। और साथ है उनका बेटा जो अब टिओके नामक संगठन बनाकर शहर में कभी भाजपा तो कभी शिवसेना, राकपा के साथ दिखाई देता है।

हत्याओं का दौर शुरू हो सकता है ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं। अभी कुछ ही दिनों पहले कांबा गांव में जमीन विवाद के चलते फायरिंग हुई थी। जिसमें भगवान भालेराव का नाम भी उछला था। भालेराव का नाम भी अवैध निर्माणों से जुड़ा हुआ है। जिसमें उन्होंने करोड़ों अरबों कमाए हैं। इसलिए अब उनके पास भी आदमियों और असलहों की कमी नहीं है। यही कारण है कि भालेराव के लोगों कालानी महल में घूसकर ओमी कालानी का दाहिना हाथ कहे जाने वाले कमलेश निकम को पीटा भी और हवालात की हवा भी खिला दी। अब जब ओमी कालानी की दहशत के कारण मार खायी सिंधी महिला और बुजुर्ग को कोई सिंधी समाज का नेता संरक्षण देने को तैयार नहीं जबकि शहर के विधायक कुमार आयलानी सिंधी समाज से आते हैं। मार खाये लोग इतने दहशत में हैं कि वह लोग अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन भी नहीं गये। इससे उल्हासनगर के पुलिस प्रशासन पर लोगों का कितना विश्वास है यह जाहिर होता है। इसीलिए शायद अब आठवले गट आरपीआई प्रमुख भगवान भालेराव ने पीड़ितों की रक्षा का ठेका लिया है। भगवान भालेराव और ओमी कालानी अब आमने-सामने हैं देखते हैं आगे होता है क्या? मार खाये लोगों को संविधान के तहत पुलिस व न्यायालय से न्याय मिलता है या सड़कों पर? 

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