झूलेलाल स्कूल ट्रस्टी, कैलाश पर्वत होटल ग्रुप के मालिक महेंद्र मूलचंदानी पर हुआ बेईमानी, छल, अतिचार व प्लाट हड़पने व जालसाजी का मुकदमा दर्ज।
महेंद्र मूलचंदानी
उल्हासनगर : अज्जू रामरख्यानी ने झूलेलाल स्कूल के ट्रस्टियों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन हड़पने का मामला उल्हासनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया है। पुलिस ने स्कूल ट्रस्ट प्रबंधन पर जमीन हड़पने व जालसाजी का अपराध दर्ज कर लिया है। अब शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या महेंद्र मूलचंदानी और उनके साथी गिरफ्तार होंगे?
उल्हासनगर शहर में फर्जी कागजातों के आधार पर जमीन हड़पने का मामला कोई नया नहीं है। सरकारी तंत्र की मिलीभगत से इस तरह की वारदातें अक्सर सामने आती रहती है। परंतु महाराष्ट्र सरकार इस ओर विशेष ध्यान देने को तैयार नहीं है। इसीलिए उल्हासनगर में पोस्ट, मैदान, बागबगिचे व ट्रांजिट कैम्प के साथ शहर विकास में विस्थापितों के लिए आरक्षित भूमि भी कब्जा हो रही है या कब्जा हो गयी है। इसी तरह का एक मामला उल्हासनगर कैंप क्रमांक दो से सामने आया है। जहाँ विवादित झूलेलाल स्कूल ट्रस्ट के ट्रस्टी महेंद्र मूलचंदानी व उनके सुपुत्र हेरी व उनके साथियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने नाम कर लिया है। यही नहीं मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद जबरदस्ती कब्जा करने की कोशिश की है, ऐसा आरोप अर्जुन (अज्जू) रामरख्यानी ने लगाया है। अज्जू ने बताया इस बारे में जैसे ही उनको भनक लगी उन्होंने इस बारे में सरकारी कार्यालयों में शिकायत की साथ ही स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी शिकायत की है। पुलिस प्रशासन ने अज्जू रामरख्यानी की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मामले की पूरी तरह छानबीन कर स्कूल ट्रस्ट के ट्रस्टियों और प्रबंधन पर जाली दस्तावेज बनाकर जगह हड़पने का अपराध दर्ज किया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए अज्जू रामरख्यानी ने बताया कि स्कूल ट्रस्ट द्वारा केवल पांच रुपए के स्टांप पेपर पर जगह के जाली दस्तावेज बनाकर जगह हड़पने की कोशिश की गई है। रामरख्यानी ने आगे बताया कि झूलेलाल स्कूल ट्रस्ट ने सन 1980 के पाच रुपये के स्टैंप पेपर पर गिफ्ट डीड बना कर जाली दस्तावेज बनाए है! जिसकी शिकायत करने पर जांच हुई और दस्तावेज जाली पाये गये। उसी रिपोर्ट के आधार पर अज्जू ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत की और पुलिस ने स्कूल ट्रस्ट प्रबंधन के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज कर आगे की जांच कर रही है। मुंबई उच्च न्यायालय का स्थगन होने के बावजूद स्कूल ट्रस्ट प्रबंधन ने जगह हड़पने की कोशिश की है। जिससे स्कूल ट्रस्ट प्रबंधन पर न्यायालय की अवमानना का मामला भी बनता है। यही नहीं अज्जू का मानना है कि यह मामला तेलगी कांड से मिलता जुलता मामला लग रहा है। इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।अज्जू रामरख्यानी ने यह भी बताया, कि झूलेलाल स्कूल ट्रस्ट हमारी जगह खरीदना चाहता था। लेकिन हमने जगह बेचने से इंकार कर दिया। यही कारण है कि स्कूल प्रबंधन ने लगे हुए लोहे के पत्रों को गिराकर जबरन घुसकर कब्जा किया है। अज्जू ने आगे कहा कि झूलेलाल स्कूल के ट्रस्टियों को हमसे बैठकर बात करनी चाहिए व्यापारियों की तरह न कि गुंडों की तरह तोड़फोड़ करनी चाहिए। झूलेलाल स्कूलट्रस्ट हमारी जगह के साथ छेड़छाड़ करता है तो हम उनपर कानूनी कार्रवाई करेंगे, ऐसा अज्जू रामरख्यानी ने कहा। रामरख्यानी की शिकायत पर पुलिस ने झूलेलाल स्कूल ट्रस्ट प्रबंधन के पदाधिकारी महेंद्र परसराम मूलचंदानी (सचिव), हेरी महेंद्र मूलचंदानी, हरगुन लिलाराम मूलचंदानी, मनोहर मूलचंदानी, गुड्डीमल गिरधर मूलचंदानी देविदास मेघराज मूलचंदानी, रामचंद्र जी मूलचंदानी, हिरालाल मूलचंदानी तथा अन्य 5/7 लोगों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 467, 468, 465, 471, 427, 447/34 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।छानबीन उल्हासनगर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक फुलपगारे के नेतृत्व में निरिक्षक गोडसे कर रहे हैं। महेंद्र मूलचंदानी शिंदे गुट शिवसेना का पदाधिकारी होने के कारण पुलिस पर काफी दबाव है। फुलपगारे के बारे में कहा जाता है कि वे दबाव के आगे झुकते नहीं, यही कारण है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता कमलेश निकम को सात दिनों तक पुलिस कोठरी में रख छोड़ा था। आज भी निकम साहब का मूड पूछकर अंदर जाते हैं। अब देखना होगा कि महेंद्र मूलचंदानी और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी कब होती है।
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