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उल्हासनगर मनपा के विवीध उपक्रमों का मुख्यमंत्री एकनाथ ने किया लोकार्पण व उद्घाटन।

अग्निपर्व टाइम्स संवाददाता 

उल्हासनगर : 15 फरवरी की रात महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा उल्हासनगर महानगर पालिका के विविध उपक्रमों का लोकार्पण व उदघाटन सेंचुरी मैदान में किया गया। इस समय केंद्रीय पंचायतीराज राज्यमंत्री कपिल पाटील, कल्याण लोकसभा क्षेत्र सांसद श्रीकांत शिंदे, कल्याण पूर्व से विधायक गणपत गायकवाड, उल्हासनगर विधायक कुमार आयलानी, अंबरनाथ विधायक बालाजी किणीकर, शिक्षक विधायक ज्ञानेश्र्वर म्हात्रे, कल्याण पश्चिम के पूर्व विधायक नरेंद्र पवार, जिलाधिकारी अशोक शिनगारे, उल्हासनगर महानगर पालिका आयुक्त अजीज शेख उपस्थित थे।


उल्हासनगर महानगर पालिका के तहत दी जाने वाली सेवाओं, जैसे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, ग्रीन उल्हास ई चार्जिंग सेंटर, श्वान निर्बीजीकरण केंद्र, विकलांगों के लिए कंप्यूटर सिस्टम, घर घर से कचरा ले जाने वाली घन्टागाडी और प्लास्टिक क्रशिंग मशीन का उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि हमने उल्हासनगर के विकास के लिए पिछले छह महीने में 12 सौ 61 करोड़ रुपए भेजे हैं। आगे भी हम विकास रुकने नहीं देंगे, महाराष्ट्र में डबल इंजन की सरकार का फायदा पहुंचाएंगे और रुपये भेज कर शहर का सर्वांगीण विकास करेंगे। परंतु महानगर पालिका में चल रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कोई वादा नहीं किया। उल्हासनगर मनपा का बजट तनख्वाह और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। कुछ उमनपा ठेकेदारों ने बताया, इस समय जो उमनपा आयुक्त अजीज शेख के रुप में मिले हैं। वह अनुमानित राशि (Estimate) के आकलनों पर ही अपना 10% हिस्सा ले लेते हैं। इसीलिए शहर विकास की रुपरेखा शहर के ठेकेदार निश्चित करते हैं। न की शहर के अभियंता। शहर का सारा विकास कार्य ठेकेदारों की देखरेख में चल रहा है। सीमेंट कांक्रीट सड़क बनकर तैयार होती है। उद्घाटन के पहले ही उसमें दरारें पड़ जाती हैं। मुख्यमंत्री ने विकास का तो वादा किया परंतु वह विकास शहरवासियों के उपयोग में कितने दिनों तक आयेगा इसका कोई आश्वासन नहीं दिया। शहर में चल रहे अवैध निर्माण रोकने के लिए कोई कारगर कदम उठाने के आश्वासन की उम्मीद थी, परंतु उस पहलु पर मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं बोला। धोखादायक इमारतों के पुनर्निर्माण में आने वाली बाधाओं को हटाने के लिए नियमों में बदलाव किया है और सरकार जल्द ही जीआर की भी पूर्ति करेगी। उल्हासनगर को ५० एमएलडी पानी की जरूरत है और राज्य सरकार इस पानी की कमी को जरूर पूरा करेगी ऐसा आश्वासन मुख्यमंत्री शिंदे ने दिया। 


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