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उल्हासनगर में कर्ज के जाल में फंसाकर घर हड़पने का सिलसिला जारी।

बीस हजार के भरे छह लाख, आठ लाख बाकी, ब्याजखोरों ने घर में घुसकर किया मारपीट असमर्थ महिला ने आजिज आकर पिया फिनाइल, मध्यवर्ती अस्पताल में भर्ती।

अपटा निज संवाददाता
उल्हासनगर : उल्हासनगर कैम्प क्रमांक-1, शहाड फाटक, महात्मा फुले नगर की रहवासी महिला ने कर्ज में लिए बीस हजार और भरे छह लाख फिर भी बाकी आठ लाख ब्याजखोरों से तंग आकर आत्महत्या करने के लिए हुई मजबूर आत्महत्या करने के लिए पिया फिनाइल। उल्हासनगर तीन के मध्यवर्ती सरकारी अस्पताल में चल रहा है इलाज, स्थिति नाजुक।

उल्हासनगर कैम्प क्रमांक-1, शहाड फाटक क्षेत्र में ब्याज खोरों एक समूह कई वर्षों से सक्रिय है। बताया जाता है जिसमें तीन महिलाएँ और एक या दो पुरुष शामिल हैं। यह लोग मजबूरी में फंसे लोगों को बीस से पच्चीस हजार रुपये ब्याज पर देते हैं और उसको जोड़कर पांच छह लाख बना देते हैं। और रुपये ने मिलने पर समूह की महिलायें घर में घूसकर बैठ जाती हैं। और मारपीट, गाली गलौज कर रुपये वसूलती हैं। इस तरह उन्होंने पच्चीस तीस हजार देकर ब्याज के तहत कई लोगों के आठ दस लाख के मकान तक हड़प लिए हैं। इसी प्रकार की एक घटना 27 जनवरी 2023 की दोपहर दो बजे घटी। घटना में एक महिला ने फातिमा नामक महिला की प्रताड़ना से तंग आकर फिनाइल पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की।

शहाड फाटक उल्हासनगर-1, शिवाजी रोड के पास अब्बास चाल की रहवासी ने बताया किसी कारणवश उसने मामी व उसके चार साथियों जिसमें राजू नामक पुरुष भी है। उनसे बीस हजार रुपये कर्ज के रुप में लिए थे। वह रुपया अब बढ़कर आठ लाख हो गया है। वह रुपया वसूल करने के लिए फातिमा नामक महिला रुबी के घर गई और रुपये मांगने लगी रुपये न देने पर गाली-गलौज और मारपीट तक बात पहुंच गयी। घंटों फातिमा रुबी के घर में रही और जब रुबी ने कहा कि मैं फांसी लगा लूंगी तब फातिमा ने कहा लगा ले मैं यहीं बैठी हूँ। जो विडियो में दिखाई और सुनाई दे रहा है। इस तरह आखिर आजिज आकर रुबी ने दोपहर दो बजे के दरम्यान फिनाइल पीकर आत्महत्या करने की कोशिश किया। लोगों ने रुबी को उल्हासनगर के सरकारी सेंट्रल अस्पताल पहुंचा दिया, जहाँ उसका इलाज चल रहा है। बतादें रुपयों का ब्याज समय पर न दे पाने पर रोज का दो हजार रुपये दंड लगता था। यहां यह जानना जरूरी है कि रुबी के पति को इस लेनदेन के बारे में पहले जानकारी नहीं थी। जब जानकारी हुई तो उन्होंने पैसे और ब्याज लौटाने की बात कबूल कर ली परंतु रोज की पांच सौ की कमाई में घर चलाना ही मुश्किल हो रहा था वे यह बीस पच्चीस प्रतिशत का ब्याज और लगनेवाला दो हजार प्रतिदन का दंड कहाँ से दे पाते, यही कारण है कि रुपये बढ़ते गये और आठ लाख तक पहुंच गये। 27 जनवरी की रात नौ बजे के दरम्यान जब हमारे संवाददाता ने फोन पर उल्हासनगर पुलिस स्टेशन जानकारी लेनी चाही तो वहाँ मौजूद पुलिस अमलदार ने कहा मुझे कुछ पता नहीं है, मैं अभी रात की ड्युटी पर आया हूँ। रुबी के नजीर ने मामी का जो मोबाइल नंबर दिया था उसपर फोन करने पर वह बंद मिला। रुबी का लिखित बयान अग्निपर्व टाइम्स के पास मौजूद है। अब देखना है कि रुबी की शिकायत पर पुलिस क्या कार्यवाही करती है।

पढ़िए अगले अंक में किस तरह इस गिरोह के लोग गुंडागर्दी कर लोगों को ब्याज के मकड़जाल में फंसाकर मकान हड़प कर बेघर बना रहे हैं। 

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