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कारी माखीजा के साथी और गवाह राजेश माखीजा पर हुआ हमला पुलिस मूकदर्शक ।

उल्हासनगर पुलिस का अनोखा डर जिस दिन हुई अग्रिम जमानत उसी रात पीटा गवाह को!! 
      लाल घेरे में पिटाई करनेवाला और पीले में करवाने वाला 

अपटा निज संवाददाता
 उल्हासनगर : उल्हासनगर पुलिस का अनोखा कारोबार समाज सेवक कारी माखीजा पर हुए हमले की जांच न जाने किस तरह कर रही है, समझ में नहीं आ रहा है। दो अज्ञात लोगों को गिरफ्तार कर अपने कार्य की इतिश्री कर लिया है क्या? जबकि हमले के दिन लखी कारी माखीजा के हमराही रहे राजेश माखीजा को 5 दिसंबर 2022 की रात 1 बजकर 20 मिनट पर कारी माखीजा हमले के साजिशकर्ता सुनील सिंह उर्फ कलवा ने अपने दस बारह साथियों के साथ दौड़ा - दौड़ा कर पीटा और उसकी मोटर साइकिल छीनकर ले गये। वह तस्वीरें और सीसीटीवी फुटेज अग्निपर्व टाइम्स के हाथ लगी हैं। राजेश माखीजा मार व धमकी से इतना डर गया कि उसने मारपीट करने व लूटनेवालों का नाम जानते हुए पुलिस को नहीं बताया। गुंडे खुले हैं और जनता घर में कैद!! 
        राजेश माखीजा 

कारी माखीजा हमले के गवाह पर हमला

ज्ञात हो कि राजेश माखीजा जो लखी कारी माखीजा का रिश्तेदार है वह 5 दिसंबर 2022 की रात माखीजा के घर से मिलकर मोटर साइकिल से अपने घर जा रहा था। रास्ते में उसे श्री चौक के पास कलवा अपने दस बारह साथियों के साथ मिल गया जो कारी माखीजा के घर की तरफ आ रहे थे। उन्होंने राजेश को रोका तो राजेश डर के मारे अपनी मोटर साइकिल वहीं छोड़ भागने लगा। कलवा के साथियों ने उसे दौड़ा लिया और कुछ दूर जाकर पकड़ लिया और मारते-मारते कलवा के पास ले आये, उन्हीं में से दो लोग राजेश की अक्टिवा मोटर साइकिल पर बैठे और लेकर चले गये यह सारा माजरा सीसीटीवी फुटेज में साफ - साफ दिखाई दे रहा है। रात में घटी सारी घटना राजेश ने कारी माखीजा को दूसरे दिन उनके घर आकर बताया। परंतु बहुत समझाने और कहने के बाद भी उसने पुलिस में मामला दर्ज नहीं कराया बल्कि वहाँ जाकर झूंठी रिपोर्ट दर्ज करायी की मेरी गाड़ी चोरी हो गई है। जबकि उसकी गाड़ी उससे सरेआम कलवा के साथ आये गुंडे छीनकर ले गये थे।
      कारी माखीजा 

सुनील सिंह उर्फ कलवा आदतन गुनाहगार

उल्हासनगर कैम्प क्रमांक-3 रहवासी सुनील सिंह उर्फ कलवा आदतन गुनाहगार है। इसने करीब बारह वर्ष पहले दिपक जाधव नामक व्यक्ति का कत्ल कर दिया था। जिसमें मुंबई के सर जे. जे. अस्पताल मानसिक विकृति होने का प्रमाणपत्र देकर रिहा हुआ है, ऐसा बताया जाता है। जेल से बाहर आते ही सुनील सिंह उर्फ कलवा भाई बन गया। शहर के नेताओं में पूंछ होने लगी और रोलेट जुए और मटके के अलावा जमीन कब्जा कर अवैध निर्माण के कारोबार से जुड़ गया। अवैध निर्माण और जुआघरों की शिकायत के कारण ही कि कुछ दिनों पहले पत्रकार नीतेश खटवानी को पीट कर उसका पैर तोड़वा दिया था। लखी कारी माखीजा ने भी रोलेट, मटका जुआ और अवैध निर्माणों की शिकायत करने की ज़ुर्रत की और हमला हो गया। मनोज पंजवानी ने रिस्कबेस प्लान के नाम पर दो मंजिला इमारत का परमिशन लेकर सात-आठ मंजिला अवैध इमारतों का निर्माणों किया है। जिसकी शिकायत कारी माखीजा संबंधित विभागों से बार-बार कर रहे थे। उन शिकायतों को वाटशाप समूहों पर प्रकाशित कर लोगों को जागरूक कर रहे थे। परिणामस्वरूप 29 अक्टूबर 2022 को जब सुमित चक्रवर्ती के अमन टाकीज के सामने स्थित कार्यालय से मिलकर लौट रहे थे। उस समय कोनार्क बैंक के सामने कारी माखीजा की मोटर साइकिल का पीछा कर रहे दो हमलावरों ने रोककर उनके सारथी राजेश माखीजा की आंखों में मिर्ची की बुक्की झोंककर लाठी डंडे से हमला कर दिया। हमले से बचने के लिए किसी तरह भागकर पास की दुकान में घुस गये और अपनी जान बचाई। फिर भी दाहिने हाथ के कोहनी की हड्डी टूट गयी। जग जाहिर है कि सुमित चक्रवर्ती व उनके सुपुत्र आकाश चक्रवर्ती का छिपे तौर पर अवैध निर्माणों और जुआघरों में निवेश है। शायद इसी दर्द की दवा ढूंढने के लिए कारी को कार्यालय बुलाया था। परंतु मामला तय न होने पर हमले का सहारा लेना पड़ा। 

कारी माखीजा की शिकायत का न लिखा जाना

6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस के कारण, उस दिन शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस सुरक्षा रखी जाती है। उसी रात को राजेश माखीजा पर 10-12 लोगों द्वारा श्री चौक के आसपास खुली सड़क पर हमला कर उनकी गाड़ी का छीना जाना उल्हासनगर पुलिस की अकर्मण्यता का बखान करती है। हमले के दूसरे दिन राजेश माखीजा ने कारी माखीजा को सारा वृतांत सुनाया परंतु शिकायत दर्ज कराने नहीं गया। तब कारी माखीजा खुद शिकायत दर्ज कराने गये परंतु पुलिस ने कहा जिस पर हमला हुआ है। जिसकी गाड़ी छीनी गयी है वह खुद शिकायत दर्ज करायेगा तब ही हम मुकदमा दर्ज करेंगे। कारी ने कहा कि वे लोग तो मुझे ही मारने आ रहे थे रास्ते में यह मिल गया। परंतु उल्हासनगर पुलिसस्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक फुलपगारे ने उनकी एक न सुनी। बाद में माखीजा ने अपने तरफ से एक शिकायती पत्र पुलिस के आला अधिकारियों को लिखा है। उस पत्र का क्या हुआ यह किसीको पता नहीं। पत्र व सीसीटीवी फुटेज की कांपी अग्निपर्व टाइम्स के पास मौजूद है। अब देखना है कि इस खबर के बाद पुलिस प्रशासन जागता है? भवन निर्माता मनोज पंजवानी, सुमित चक्रवर्ती व सुनील सिंह कलवा को शहर में अशांति फैलाने, हमले की साजिश करने के साथ ही अवैध निर्माण कर सरकारी खजाने को चोट पहुंचाने के अलावा एक समाज सेवक पर हमला कराने के मामले में गिरफ्तार कर एमपीडीए और मकोका जैसे कानून लगाकर जेल भेजता है या पारितोषिक लेकर उनकी चरण वंदना करता है। 

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