पवन भटीजा
अग्निपर्व टाइम्स संवाददाता
उल्हासनगर : उल्हासनगर महानगरपालिका में बिना वैध प्लान के धड़ल्ले से प्रबलित कंक्रीट (RCC) की अवैध बहुमंजिला इमारतों का निर्माणकार्य शुरू है। जो विकासशुल्क वसूलकर सरकारी तिजोरी में जाना चाहिए था। वह शुल्क कुछ भ्रष्ट विकासकों अधिकारियों कर्मचारियों की तिजोरी में पहुंच रहा है। इस तरह उल्हासनगर महानगरपालिका की दयनीय स्थिति को यह भ्रष्ट अधिकारी और दयनीय बना रहे हैं। इसी तरह भ्रष्ट अधिकारियों के संरक्षण में उल्हासनगर कैम्प क्रमांक-1, बिर्लागेट के बगल दो मंजिला अवैध दुकानों का निर्माणकार्य भवन निर्माता पवन भटीजा कर रहे है।
उल्हासनगर शहर अवैध निर्माणों से पटा पड़ा है। अक्सर कोई न कोई अवैध इमारत ढह जाती है। जिसमें दबकर जनहानि तो होती ही है। साथ ही परिवार बेघर हो जाते हैं। जिनको किसी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिल पाती और जिन इमारतों को पचास साठ वर्षों तक टिका रहना चाहिए वह पंद्रह से बीस वर्षों में ही ढह जा रही हैं। फिर भी इस बारे में कोई सोचने-विचारने को तैयार नहीं है। और चल रहे अवैधनिर्माण कार्य को संरक्षण देकर अपनी इच्छापूर्ति करने में लगे हैं। पत्रकारों द्वारा बार बार भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाये जाने के बावजूद उल्हासनगर मनपा प्रशासन व महाराष्ट्र सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। सभी अपनी जेबें गर्म करने में व्यस्त हैं। सरकारी विफलता की तस्वीर बिर्लागेट के सामने मुरबाड रोड से उल्हासनगर पुलिस स्टेशन जाने वाली सड़क पर ओमबेकरी के बगल उल्हासनगर-1, में दिखाई दे रहा है। जहाँ बिना वैध प्लान के सभी नियमों और कानूनों का उल्लंघन कर दो मंजिला प्रबलित कंक्रीट (RCC) की दुकान का निर्माण कार्य शुरू है। इस अवैध इमारत का निर्माणकार्य भवन निर्माता पवन भटीजा कर रहे हैं। इस निर्माणाधीन अवैध दुकान की शिकायत कई बार उल्हासनगर प्रभाग समिति एक में की जा चुकी है। परंतु शिकायत करने के बाद भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। ऐसा लगता है की निर्माता पवन बठीजा ने मनपा आयुक्त अजीज शेख व उपायुक्त जमीर लेंगरेकर तक, सबको प्रबंधित कर अपनी जेब में रख लिया है। शायद यही कारण है कि नगर निगम आयुक्त का इसी रास्ते रोज आना-जाना है। फिर भी अनेकों शिकायतों के बावजूद उनकी नजर इस अवैधनिर्माण पर नहीं पड़ रही है। अब देखना यह है कि इस खबर के बाद प्रशासन जागरूक होता है या गांधी के तीन बंदरों की मुद्रा में स्थापित रहता है।
उल्हासनगर : उल्हासनगर महानगरपालिका में बिना वैध प्लान के धड़ल्ले से प्रबलित कंक्रीट (RCC) की अवैध बहुमंजिला इमारतों का निर्माणकार्य शुरू है। जो विकासशुल्क वसूलकर सरकारी तिजोरी में जाना चाहिए था। वह शुल्क कुछ भ्रष्ट विकासकों अधिकारियों कर्मचारियों की तिजोरी में पहुंच रहा है। इस तरह उल्हासनगर महानगरपालिका की दयनीय स्थिति को यह भ्रष्ट अधिकारी और दयनीय बना रहे हैं। इसी तरह भ्रष्ट अधिकारियों के संरक्षण में उल्हासनगर कैम्प क्रमांक-1, बिर्लागेट के बगल दो मंजिला अवैध दुकानों का निर्माणकार्य भवन निर्माता पवन भटीजा कर रहे है।
उल्हासनगर शहर अवैध निर्माणों से पटा पड़ा है। अक्सर कोई न कोई अवैध इमारत ढह जाती है। जिसमें दबकर जनहानि तो होती ही है। साथ ही परिवार बेघर हो जाते हैं। जिनको किसी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिल पाती और जिन इमारतों को पचास साठ वर्षों तक टिका रहना चाहिए वह पंद्रह से बीस वर्षों में ही ढह जा रही हैं। फिर भी इस बारे में कोई सोचने-विचारने को तैयार नहीं है। और चल रहे अवैधनिर्माण कार्य को संरक्षण देकर अपनी इच्छापूर्ति करने में लगे हैं। पत्रकारों द्वारा बार बार भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाये जाने के बावजूद उल्हासनगर मनपा प्रशासन व महाराष्ट्र सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। सभी अपनी जेबें गर्म करने में व्यस्त हैं। सरकारी विफलता की तस्वीर बिर्लागेट के सामने मुरबाड रोड से उल्हासनगर पुलिस स्टेशन जाने वाली सड़क पर ओमबेकरी के बगल उल्हासनगर-1, में दिखाई दे रहा है। जहाँ बिना वैध प्लान के सभी नियमों और कानूनों का उल्लंघन कर दो मंजिला प्रबलित कंक्रीट (RCC) की दुकान का निर्माण कार्य शुरू है। इस अवैध इमारत का निर्माणकार्य भवन निर्माता पवन भटीजा कर रहे हैं। इस निर्माणाधीन अवैध दुकान की शिकायत कई बार उल्हासनगर प्रभाग समिति एक में की जा चुकी है। परंतु शिकायत करने के बाद भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। ऐसा लगता है की निर्माता पवन बठीजा ने मनपा आयुक्त अजीज शेख व उपायुक्त जमीर लेंगरेकर तक, सबको प्रबंधित कर अपनी जेब में रख लिया है। शायद यही कारण है कि नगर निगम आयुक्त का इसी रास्ते रोज आना-जाना है। फिर भी अनेकों शिकायतों के बावजूद उनकी नजर इस अवैधनिर्माण पर नहीं पड़ रही है। अब देखना यह है कि इस खबर के बाद प्रशासन जागरूक होता है या गांधी के तीन बंदरों की मुद्रा में स्थापित रहता है।
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