उल्हासनगर : उल्हासनगर पवई चौक स्थित उपविभागीय कार्यालय का अनोखा कारोबार एक जगह की सनद दो लोगों को, दबंगों ने किया कब्जा! शुरू हुआ बहु-मंजिला इमारत का निर्माण। अब मोहन सुगनोमल दर दर भटक रहे हैं न्याय के लिए कौन सुनेगा उनकी फरियाद जब बेदर्द हाकिम है और भ्रष्टाचारी सरकार।
उल्हासनगर में फर्जी सनद मामलों में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है। कोई जगह अगर खाली पड़ी है तो उस जगह पर नेताओं और दलालों की गिद्ध की तरह निगाहें टिकी रहती हैं। इसी तरह का एक मामला अग्निपर्व टाइम्स के संज्ञान में आया है। उल्हासनगर-4, देवसमाज रोड, ब्लाक नं. A - 212/424 नामक जगह सुगनोमल कारिरा ने जनवरी 1981 में श्री बलवंत रामचंद मनुजा से उल्हासनगर तहसील कार्यालय में जाकर पंजिकृत कराया था। जमीन की रजिस्ट्री होने के बावजूद उस जगह की सनद 2021 में प्रमोद विचार गिरि को दे दिया गया है।
गिर को बनाया गया गिरी
पुराने कागजातों को खंगालने के पश्चात यह साफ दिखाई देता है कि महादेव गिर के कागजातों को देखकर कर्मचारियों से सांठगांठ कर जमीन का मुख्तियारनामा नोटरी द्वारा विचार गिरि और प्रमोद गिरी को 2021 में दे दिया है। नोटरी में हर जगह के हस्ताक्षरों में काफी फर्क दिखाई दे रहा है। यही नहीं गिर को गिरी कर दिया गया है। परंतु अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। नोटरी ग्रेटर बाम्बे के, जी.के. वाधवा, हिमालया हाऊस पलटन रोड बाम्बे से 2009 में कराया गया है। वहीं जब कथित प्रमोद गिरि से संपर्क कर पूछा गया की आप कहां रहते हैं। तब उन्होंने कहा मेरे बाप दादा पाकिस्तान से बंटवारे के समय उल्हासनगर आये थे और तबसे हम यहीं हैं। लेकिन उनका स्कूल दाखिला यह बताता है कि उनको 15 जून 1989 को शेतकरी जागृत मंडल के सखाराम शेठ स्कूल में दाखिला दिलाया गया था। जो काटई नाके के पास कोले गांव में स्थित है। यह स्कूल उल्हासनगर कैम्प क्रमांक-4, से काफी दूर है। यही नहीं प्रमोद गिरी का ड्राइविंग लाइसेंस (LMV 28-09-2020), गैस कनेक्शन 10-12-16, आधार कार्ड 2016 में बना और बैंक अकाउंट भी 2016 में ही खोला गया। बिजली बिल भी 2016 का है। यह क्या दर्शाता है? प्रमोद के अनुसार उनके पूर्वज भारत पाकिस्तान बंटवारे के दौरान पाकिस्तान से उल्हासनगर आये और यहीं बस गये, परंतु उनकी हिंदी बोली राजस्थान से ज्यादा मेल खाती है।
इमारत के सात स्लैब हुए पूरे
उल्हासनगर महानगरपालिका के शहर रचना विभाग ने बिना सनद वेरिफिकेशन के ही प्लान पास कर दिया। यही कारण है कि 2021 में मिली सनद और 2022 का नवम्बर महीना पूरा होने से पहले ही इमारत के छह स्लैब पूरे हो गये हैं। इस इमारत को टीडीआर उल्हासनगर कैम्प क्रमांक एक से लाकर दिया गया है। एक नंबर में कहीं गार्डन बना है जिसका टीडीआर इस इमारत के लिए खरीदा गया है। वह गार्डेन हम ढूंढ रहे हैं। मिलते ही उल्हासनगर मनपा और शहर की जनता को सूचना दी जायेगी क्योंकि टीडीआर देते समय हमारी मनपा गार्डन का पूरा पता नहीं दर्शाती है। इस तरह उल्हासनगर मनपा और उपविभागीय कार्यालय का अनोखा कारोबार है। इमारत से संबंधित सारे कागजात अग्निपर्व टाइम्स के पास मौजूद है।
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