निज संवाददाता
उल्हासनगर: उल्हासनगर के विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन में कार्यरत पुलिस कर्मी रोहीदास बुधवंत ने गुटखा विक्रेता सुनिल गुप्ता को फोन कर किया सचेत "लगी है फिल्डिंग रास्ता बदलो" बुधवंत पुलिस की ड्युटी पर या गुटखा विक्रेता की?
पुलिसकर्मी रोहीदास बुधवंत
कुछ ही दिनों पहले कल्याण जीआरपी के दो पुलिसकर्मी चरस कंसाइनमेंट के साथ पकड़े गये, इससे यह स्पष्ट होता है कि ज्यादा से ज्यादा रुपये कमाने के लिए पुलिस विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अपनी वर्दी व रुतबे का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा ही एक मामला उल्हासनगर के विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन से सामने आया है। जहाँ कार्यरत पुलिसकर्मी रोहीदास बुधवंत के खिलाफ जांच की मांग करते हुए पूर्व भाजपा युवामोर्चा उपाध्यक्ष विजय खेड़कर ने परिमंडल चार पुलिस उपायुक्त, ठाणे व वरली भ्रष्टाचार विरोधी पथक को पत्र लिखकर बुधवंत और अवैध गुटखा व्यापारी सुनिल गुप्ता के संबधों के जांच की मांग की है। गुप्ता को पकड़े जाने से क्यों बचाया? अपने कर्तब्य से धोखा क्यों किया।
दक्ष नागरिक विजय खेड़कर को पता चला कि विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन की हद में साकेत कालेज के सामने बबन अपार्टमेंट में सुनिल गुप्ता ने अपने रहते घर के अंदर गुटखे का गोदाम बना रखा है। वह माल पकड़ने के लिए खेड़कर ने 18 सितंबर 2022 को पुलिस अधिकारी राजपूत से टिम की मांग की। उस टिम में बुधवंत भी थे। कहां और किस स्थान पर जा रहे हैं, उसका पता नहीं बताया गया था। परंतु जैसे ही उस स्थान पर पुलिस टीम पहुंची बुधवंत समझ गया। यह तो मेरे साथी सुनील गुप्ता का घर और गोदाम है। वह तुरंत बहाना बनाकर अलग गया और गुप्ता को भ्रमण ध्वनि द्वारा सुचित कर दिया पुलिस तुम्हारे घर आयी है। गुप्ता होशियार हो गया और घर में ताला लगाकर फरार हो गया। घर का ताला तोड़ने का बहाना बनाकर लौट आये। परंतु खेड़कर की टीम वहीं डटी रही और रैकी करती रही कभी तो आयेगा और वह समय भी आया जब गुप्ता अपने घर आया और माल की जगह बदलने लगा जैसे ही माल लेकर बाहर निकला वह टीम के हत्थे चढ़ गया। मजे की बात यह है कि थोड़ी सख्ती अख्तियार करने पर ही गुप्ता ने यह कबूल कर लिया की बुधवंत ने ही उसको फोन कर भागने का रास्ता बताया था। जब गुप्ता कबूल कर रहा था तब उसका विडियो बना लिया गया जो हमारे पास मौजूद है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बुधवंत के संबंध सुनील गुप्ता से है। पुलिस प्रशासन में कार्यरत कुछ पुलिसकर्मी यह चाहते ही नहीं की अवैध धंधे बंद हों! जिससे उनकी अवैध कमाई बंद हो। इसीलिए विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन की हद में छापा मारने के लिए भिवंडी की पुलिस को आना पड़ता है। और कुछ ही दिनों में वह जुआघर फिर से शुरू हो जाता है। इसलिए नागरिकों को दक्ष बनाने से ज्यादा पुलिस को कर्तब्यदक्ष बनाने की आवश्यकता है।
कुछ ही दिनों पहले कल्याण जीआरपी के दो पुलिसकर्मी चरस कंसाइनमेंट के साथ पकड़े गये, इससे यह स्पष्ट होता है कि ज्यादा से ज्यादा रुपये कमाने के लिए पुलिस विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अपनी वर्दी व रुतबे का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा ही एक मामला उल्हासनगर के विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन से सामने आया है। जहाँ कार्यरत पुलिसकर्मी रोहीदास बुधवंत के खिलाफ जांच की मांग करते हुए पूर्व भाजपा युवामोर्चा उपाध्यक्ष विजय खेड़कर ने परिमंडल चार पुलिस उपायुक्त, ठाणे व वरली भ्रष्टाचार विरोधी पथक को पत्र लिखकर बुधवंत और अवैध गुटखा व्यापारी सुनिल गुप्ता के संबधों के जांच की मांग की है। गुप्ता को पकड़े जाने से क्यों बचाया? अपने कर्तब्य से धोखा क्यों किया।
दक्ष नागरिक विजय खेड़कर को पता चला कि विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन की हद में साकेत कालेज के सामने बबन अपार्टमेंट में सुनिल गुप्ता ने अपने रहते घर के अंदर गुटखे का गोदाम बना रखा है। वह माल पकड़ने के लिए खेड़कर ने 18 सितंबर 2022 को पुलिस अधिकारी राजपूत से टिम की मांग की। उस टिम में बुधवंत भी थे। कहां और किस स्थान पर जा रहे हैं, उसका पता नहीं बताया गया था। परंतु जैसे ही उस स्थान पर पुलिस टीम पहुंची बुधवंत समझ गया। यह तो मेरे साथी सुनील गुप्ता का घर और गोदाम है। वह तुरंत बहाना बनाकर अलग गया और गुप्ता को भ्रमण ध्वनि द्वारा सुचित कर दिया पुलिस तुम्हारे घर आयी है। गुप्ता होशियार हो गया और घर में ताला लगाकर फरार हो गया। घर का ताला तोड़ने का बहाना बनाकर लौट आये। परंतु खेड़कर की टीम वहीं डटी रही और रैकी करती रही कभी तो आयेगा और वह समय भी आया जब गुप्ता अपने घर आया और माल की जगह बदलने लगा जैसे ही माल लेकर बाहर निकला वह टीम के हत्थे चढ़ गया। मजे की बात यह है कि थोड़ी सख्ती अख्तियार करने पर ही गुप्ता ने यह कबूल कर लिया की बुधवंत ने ही उसको फोन कर भागने का रास्ता बताया था। जब गुप्ता कबूल कर रहा था तब उसका विडियो बना लिया गया जो हमारे पास मौजूद है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बुधवंत के संबंध सुनील गुप्ता से है। पुलिस प्रशासन में कार्यरत कुछ पुलिसकर्मी यह चाहते ही नहीं की अवैध धंधे बंद हों! जिससे उनकी अवैध कमाई बंद हो। इसीलिए विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन की हद में छापा मारने के लिए भिवंडी की पुलिस को आना पड़ता है। और कुछ ही दिनों में वह जुआघर फिर से शुरू हो जाता है। इसलिए नागरिकों को दक्ष बनाने से ज्यादा पुलिस को कर्तब्यदक्ष बनाने की आवश्यकता है।
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