उल्हासनगर के मध्यवर्ती अस्पताल के सामने से आटो रिक्शा हुई चोरी।
उल्हासनगर: उल्हासनगर शहर के सेंट्रल अस्पताल के सामने से पब्लिक ट्रांसपोर्ट की एक आटो रिक्शा हुई चोरी, पुलिस ने कहा चौबीस घंटे बाद मामला दर्ज करके जांच करेंगे!
उल्हासनगर शहर में चोरी का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा रहा है। हर दिन किसी न किसी की बाइक रिक्शा आदि चोरी होती रहती है। इसी तरह का एक मामला कल सामने आया है। मामले में काली पीली रिक्शा क्रमांक MH 05 DL 6593 जो पब्लिक करियर आटो रिक्शा है। वह उल्हासनगर के मध्यवर्ती अस्पताल के सामने से 16 नवंबर 2022 दोपहर 12 बजे चोरी हो गई है।
चालक अपने बीवी-बच्चों के साथ मध्यवर्ती अस्पताल में भर्ती अपने एक परिचित को देखने आया था। उसने अपनी किराये की आटो रिक्शा अस्पताल के सामने ही एक ट्रांसफार्मर के पास खड़ी कर दी और वह अस्पताल के भीतर चला गया। परिचित से मिला और अपने बच्चों के लिए भी दवा लेने लगा इस तरह उसको अस्पताल के भीतर करीब एक घंटा लग गया। इसी दरम्यान ताड़ रहे किसी चोर ने अपना हाथ साफ कर दिया और रिक्शा ले उड़ा। बाहर आनेपर चालक ने देखा रिक्शा गायब है। आसपास देखकर पता लगाने पर पता चला रिक्शा चोरी हो गयी है। चालक ने अपने मालिक को फोन किया और दोनों मिलकर उल्हासनगर के मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराने पहुंचे, जहाँ पुलिस ने एक कच्चे कागज पर दर्ज कर लिया और कहा तुम लोग ढूंढो हम चौबीस घंटे बाद पक्के रजिस्टर पर मामला दर्ज करेंगे यह कहते हुए दोनों को वहाँ से टाल दिया।
अब यहाँ सवाल यह उठता है कि पुलिस ने तुरंत कार्यवाही क्यों नहीं की? अगर तुरंत आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले जाते तो चोर का पता लग सकता था। जो बात हम जैसे लोग समझ सकते हैं। वह बात पुलिस प्रशासन की समझ में क्यों नहीं आता। एक ओर जहाँ देश के प्रधानमंत्री गरीबों के उत्थान के लिए अनेकानेक योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं। मुफ्त राशन दे रहे हैं। किसानों को किसान सम्मान निधि दे रहे हैं। वहीं उल्हासनगर की पुलिस को एक गरीब का रोजगार छिनता हुआ नजर क्यों नहीं आया? क्या चोर को चौबीस घंटे की मोहलत दी गई है? तब तक वह गाड़ी को ठिकाने लगा दे? यह बात आम लोगों की समझ से परे है। क्या पुलिस द्वारा बनाये गये इस नियम का मतलब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री समझायेंगे? आशा में महाराष्ट्र के सभी नागरिक।
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